- सुपरवाइजर संजय 1.10 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार
- रात दो बजे तक कैंट बोर्ड आफिस में ही कैंप किया, पुलिस भी पहुंची
- छह सुपरवाइजरों की पदोन्नति को लेकर हुआ था भ्रष्टाचार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सफाई कर्मियों की भर्ती के नाम पर रिश्वत लेने के मामले में सीबीआई टीम ने सोमवार की शाम को कैंट बोर्ड में छापा मारा। छह सफाई सुपरवाइजर की नियुक्ति को लेकर हुए भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई ने ये छापेमारी की हैं। सीबीआई ने सुपरवाइजर संजय को हिरासत में ले लिया तथा दो घंटे तक कैंट बोर्ड आॅफिस में ही पूछताछ की। तीन घंटे सीबीआई टीम कैंट बोर्ड आॅफिस में रही।
उधर, टीम ने कैंट सीईओ ज्योति कुमार के आवास पर भी पहुंची, लेकिन सीईओ घर से गायब मिले। चर्चा है कि सीईओ ने सफाई सुपरवाइजरों से पदोन्नति करने के नाम पर रिश्वत ली हैं। ये तथ्य सीबीआई हिरासत में पूछताछ के दौरान सुपरवाइजर संजय ने स्वीकारा हैं, जिसके बाद ही कैंट बोर्ड के अधिकारी आॅफिस और घर छोड़कर गायब हो गए। उधर, सीबीआई टीम के देर रात तक कैंप किये हुए हैं तथा चार अन्य कर्मचारियों को भी हिरासत में लिया हैं।
यह तथ्य भी सामने आया है कि सफाई सुपरवाइजर की जो पदोन्नति की गई, उसमें छह लोगों से नियुक्ति के नाम पर बड़ी धनराशि बतौर रिश्वत के रूप में वसूली गई थी। यह रिश्वत सीईओ पर पहुंची थी। इस भ्रष्टाचार में कौन-कौन लिप्त हैं? इसका खुलासा तो सीबीआई द्वारा हिरासत में लिये गए संजय से पूरी पूछताछ करने के बाद ही सीबीआई टीम करेगी, लेकिन सीबीआई की छापेमारी के बाद से कैंट बोर्ड आॅफिस खाली हो गया।
कैंट बोर्ड सीईओ ज्योति कुमार ने एक पखवाड़ा पहले ही छह सुपरवाइजरों की पदोन्नति की थी, जिसमें शरद, सोनू समेत छह सुपरवाइजर शामिल हैं। इन सभी को सीबीआई टीम हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही हैं। ये पूछताछ का सिलसिला देर रात तक चला। कैंट बोर्ड आॅफिस में ही सीबीआई टीम डेरा लगाये हुए हैं। भीतर सीबीआई पूछताछ कर रही थी तथा कैंट बोर्ड आॅफिस के बाहर सुपरवाइजर संजय व उसके परिजन डेरा लगाये हुए थे।
कैंट बोर्ड पर 15 सदस्यीय टीम ने छापेमारी की हैं। छापे से कैंट बोर्ड के स्टाफ ही नहीं, बल्कि तमाम अफसरों में भी हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि सीबीआई की कार्रवाई द्वारा की जा रही पूछताछ की कोई अधिकृत जानकारी मीडिया को नहीं दी गई। सेनेट्री सुपरवाइजर संजय जिसको सेनेट्री सेक्शन हेड का बेहद करीबी माना जाता है, उसको हिरासत में लिया है। देर रात तक सीबीआई की टीम सेनेट्री सेक्शन हेड समेत तमाम दूसरे स्टाफ से पूछताछ में लगी थी।
सीबीआई टीम के पहुंचने के काफी देर बाद बोर्ड के अन्य सेक्शन के स्टाफ को छापे की जानकारी मिल सकी, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। सीबीआई का छापा कुछ दिन पूर्व छह सेनेट्री सुपरवाइजरों की पदोन्नति को लेकर मारा गया है। इसमें काफी मोटा लेन-देन किए जाने की बात सामने आ रही है।
यह भी जानकारी मिली है कि पदोन्नति की शिकायत मेरठ कैंट बोर्ड के एक कर्मचारी नेता और समाज सेवी संदीप पहल ने की थी। कैंट बोर्ड की यदि बात की जाए तो सीबीआई की यहां तीसरी बार एंट्री हुई है। सीबीआई छापे की कार्रवाई से पूरे स्टाफ में हड़कंप मचा हुआ हैं।
मोबाइल स्विच आॅफ या फिर आउट आॅफ रेंज
कैंट बोर्ड के अफसरों और कर्मचारियों के मोबाइल आउट आॅफ रेंज आ रहे हैं या फिर स्विच आॅफ चल रहे हैं। दरअसल, सीबीआई की टीम देर रात तक कैंट बोर्ड आॅफिस में ही डेरा डाले हुए थी। यहां पर पदोन्नति में हुए भ्रष्टाचार को लेकर पूछताछ चल रही थी,
लेकिन सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के मोबाइल नंबर स्वीच आॅफ करा दिये गए थे। छापे की कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ हैं। भर्ती में हुए घालमेल को लेकर बोर्ड आॅफिस के बाहर भी चर्चा चल रही थी। क्योंकि कैंट बोर्ड में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर कुछ समय से सीबीआई टीम दस्तावेज एकत्र कर रही थी।
रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोचा
सीबीआई की 15 सदस्यीय टीम ने कैंट बोर्ड के आफिस में छापा मारा। यहां पर एक लाख 10 हजार की रिश्वत लेते हुए सेनेट्री सुपरवाइजर संजय कुमार को रंगेहाथ पकड़ लिया। यह रकम सफाई कर्मी पदोन्नति के लिए ली गई थी। सूत्रों की माने तो सीबीआइ की पूछताछ में सुपरवाइजर संजय ने बताया कि छह सुपरवाइजर की पदोन्नति के दौरान लेन-देन हुआ है। बताया कि रकम में कैंट बोर्ड के अफसरों को हिस्सा जाना था।
संजय के घर भी पहुंची थी टीम
उसके बाद कैंट आफिस से संजय को लेकर सीबीआई की टीम उसके घर भी पहुंची थी। घर की तलाशी ली गई। वहां से सीबीआई को कुछ सरकारी दस्तावेज भी मिले है। वहां से सीबीआई की टीम कैंट बोर्ड सीईओ ज्योति कुमार के घर पर पहुंची थी। वहां पर ज्योति कुमार सीबीआई को नहीं मिले।