Saturday, June 21, 2025
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कांग्रेस की ‘सुनामी’ में चौधरी चरण सिंह ने फहराया था विजयी पताका

  • 1984 में इंदिरा हत्याकांड के बाद कांग्रेस को मिली थी देशभर में सहानुभूति और 401 सीट जीतकर बनाया था इतिहास
  • लोकसभा की 542 सीट में 514 पर हुआ था चुनाव भाजपा मात्र दो सीट ही जीत पाई थी

प्रमोद पंवार |

बड़ौत: देशभर में बागपत लोकसभा सीट चुनावी इतिहास में हॉट सीट के रूप में जानी जाती है। इस सीट पर बड़े उलटफेर होते रहते है, जिसके चलते बराबर सुर्खियों में रहती है। बागपत लोकसभा सीट को लोकदल का गढ़ ऐसे नहीं माना जाता है, जिसकी कुछ खास वजह है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी हत्याकांड के बाद देशभर में कांग्रेस को जनता की इस कदर सहानभूति मिली थी कि कांग्रेस की वो सुनामी आई थी कि 400 पार के सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन उस सुनामी को टक्कर देते हुए बागपत सीट पर एलकेडी के टिकट पर किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह ने विजयी पताका फहराकर इतिहास बनाय था।

बता दें कि 1980 में विमान दुर्घटना में संजय गांधी की मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद राजीव गांधी को पायलट की नौकरी छोड़कर राजनीति में आना पड़ा था। संजय गांधी की मौत के बाद 1981 में अमेठी संसदीय सीट पर उपचुनाव हु थे। राजीव गांधी से यहां से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंच गए थे। 31 अक्टूबर 1984 को उनके ही निजी सिख सुरक्षा गार्ड ने गोलियों से भूनकर इंदिर गांधी की हत्या कर दी थी। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस को लगातार दूसरा बड़ा झटका लगा था। 1984 में जैसे ही लोकसभा चुनाव हुए तो देशभर में जनता की इस कदर सहानुभूति मिली कि 514 सीटों में से कांग्रेस ने करीब 49 प्रतिशत मत हासिल करके 401 सीट जीतकर सभी विपक्षी पार्टियों को धरासायी करके एक सुनामी लाने का काम किया था। लेकिन कांग्रेस की इस सुनामी में भी बागपत लोकसभा सीट से एलकेडी के टिकट पर चुनाव लड़कर किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह के विजयी कदम नहीं रुके थे।

400 पार की सुनामी में बागपत की हॉट सीट पर चौधरी चरण सिंह ने जीत हासिल करके एक इतिहास बनाने का काम किया था। उन्होंने इस सुनामी में जीत हासिल करके साबित कर दिया था कि वे हर वर्ग के सच्चे हितैषी है,जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। बता दे कि कांग्रेस की इस सुनामी में भाजपा देशभर में मात्र दो सीट ही जीत पाई थी। बता दें कि 1984 से पहले 1971 में कांग्रेस से रामचन्द्र विजयी हुए थे। जिसके बाद आज तक कांग्रेस की नैया बागपत से आज तक पार नहीं लगी है। 1977 में चौधरी चरण सिंह की बागपत में एंट्री होने के बाद आज तक 10 बार चौधरी परिवार जीत दर्ज कर चुका है। 2024 में रालोद व बीजेपी के गठबंधन का प्रत्याशी डा. राजकुमार सांगवान को बनाया गया है। अभी चुनाव होना व परिणाम आना बाकी है। देखना है कि बागपत की हॉट सीट पर इस बार किस पार्टी का प्रत्याशी जीत की मुहर लगाता है।

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