- आयात पर सीमा शुल्क बढ़ने और भारतीय मानक ब्यूरो प्रमाणन जरूरी होने का पड़ा असर
- फिक्की की रिपोर्ट में 2024-25 तक दो अरब डॉलर का होगा भारतीय खिलौना बाजार
- चीन के खिलौनों पर निर्भरता होगी कम, भारतीय सुपर हीरो जमाएंगे वैश्विक बाजार में धाक
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ‘आया रे खिलौने वाला खेल खिलौने लेके आया रे आया रे…आओ मेरी आंख के तारों, कहां गए रे मेरे प्यारो…’।
दुनिया भर के खिलौना बाजार में अब शायद यही गाना गुनगुनाया जाएगा। जी हां! अब दुनिया भर के खिलौना बाजार भारतीय खिलौना बाजार के सुपर हीरों से रुबरु होंगे। भारतीय खिलौना बाजार दुनिया भर के बच्चों का अपने सुपर हीरों के जरिए मनोरंजन करने के लिए तैयार है।
यह हम नहीं कर रहे बल्कि फिक्की की जो रिपोर्ट आई है उसमें इस बात की ओर इशारा किया गया है कि दुनिया भर में अब चीन के खिलौनों के वर्चस्व को ध्वस्त करने के लिए भारतीय खिलौना बाजार तैयार है। चीन के खिलौनों में दिलचस्पी कम होने के कारण दुनिया में ‘मेड इन इण्डिया’ खिलौनों की मांग बढ़ रही है।
हालांकि इसका एक तर्क यह भी दिया जा रहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा आयात पर सीमा शुल्क बढ़ाने व आयात के लिए भारतीय मानक ब्यूरोे प्रमाणन को अनिवार्य कर दिए जाने से विदेशी खिलौनों की भारत में आमद पर असर पड़ेगा। इसके चलते अब घरेलू खिलौना निर्माण को बढ़ावा मिलेगा तथा भारतीय खिलौनों के लिए वैश्विक बाजार में पैर जमाने का अच्छा मौका होगा।
खिलौना उद्योग से जुड़े जानकारों के अनुसार सरकार के इस कदम से भारतीय खिलौना बाजार को एक प्रकार से संजीवनी बूटी मिलेगी और दुनिया भर में भारतीय खिलौनों की धाक जमेगी। इसके अन्तर्गत भारतीय पौराणिक पात्रों के साथ साथ देसी कार्टून फिल्मों के पात्र एंव छोटा भीम जैसे सुपर हीरों को वैश्विक बाजार में सहारा मिलेगा और देश व विदेश में घरेलू किरदारों की एहमियत बढ़ेगी।
दो वर्षों में दो अरब डॉलर पर पहुंचेगा कारोबार
फिक्की की जो रिपोर्ट आई है उसमें यह साफ कहा गया है कि भारतीय खिलौना बाजार वर्ष 2024-25 में दो अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। वाणिज्य उद्योग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 2018-19 में भारत ने 30.4 करोड़ डॉलर का खिलौनों का आयात किया जबकि 2021-22 में यह घटकर मात्र 3.6 करोड़ डॉलर ही रह गया। इससे साफ है कि भारतीय बाजार भी अब विदेशी खिलौनों पर निर्भर नहीं रह गया है।
भारतीय खिलौनों का निर्यात भी बढ़ा
मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार घरेलू स्तर पर भारतीय खिलौनों का निर्यात भी बढ़ा है। 2018-19 में जहां भारत से 10.9 करोड़ डॉलर का निर्यात हुआ वहीं 2021-22 में भारतीय खिलौनों का निर्यात बढ़कर 17.7 करोड़ डॉलर हो गया है।
बताया जाता है कि सबसे ज्यादा अफ्रीकी देशों में भारतीय खिलौनों का निर्यात बढ़ा है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि अन्तर्राष्ट्रीय मांग को पूरा करने के लिए अब भारत को अपनी उत्पादन क्षमता में और वृद्धि करनी होगी।