- स्टेट प्रतियोगिता के एक दिन पहले मेरठ पहुंचे थे अन्य जिलों के एथलीट
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सरकार द्वारा खिलाड़ियों को प्रमोट करने के लिए खेलो इंडिया जैसी मुहिम चलाई जा रही है। साथ ही खिलाड़ियों की परेशानियों का भी ख्याल रखा जा रहा है, फिर चाहे वह आर्थिक रूप से ही क्यों न हो, लेकिन शहर में रविवार को चौंकाने वाला नजारा देखने को मिला। यहां स्टेट प्रतियोगिता खेलने आए अन्य जिले के खिलाड़ियों को निराश्रित होकर ठंड में सर्द हवाओं के बीच ठिठुरना पड़ा।
दरअसल, कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में 11 व 12 जनवरी को प्रदेश स्तरीय ट्रैक इवेंट प्रतियोगिता का आयोजन किया जाना है। जिसकी मेजबानी मेरठ जिला एथलेटिक संघ को सौंपी गई है। इस प्रतियोगिता में प्रदेशभर से कई जिलों के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इसी प्रतियोगिता को लेकर बनारस, गाजीपुर और कुशीनगर आदि जिलों की टीमें सवेरे ही कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम पहुंची, लेकिन खिलाड़ियों को कोई आश्रय न मिलने के कारण सर्द हवाओं के बीच ठिठुरना पड़ा।
जिसमें महिला खिलाड़ी भी शामिल हैं। स्टेडियम के बाहर सड़क किनारे कंबल ओढ़कर प्रदेश के ये होनहार कंपकपाते नजर आए। जिसमें कुछ बालिका खिलाड़ियों के आंसू तक निकल पड़े। बता दें कि मेरठ जिला संघ द्वारा पहले ही सेकुलर सभी जिला संघों को प्रेषित कर दिया गया था। जिसमें इस बारे में स्पष्ट किया गया था कि खिलाड़ियों को रहने और खाने की व्यवस्था स्वयं ही करनी होगी।
वहीं, कोविड गाइडलाइन के चलते स्टेडियम में भी इतनी संख्या में खिलाड़ियों को आश्रय नहीं मिल सका। खिलाड़ियों की जुबानी माने तो उन्हे इस बात की जानकारी उनके जिला संघों द्वारा दी ही नहीं गई थी। टीम मैनेजर का भी यही कहना था कि सिर्फ टीम चयनित करके हमे यहां भेज दिया गया और रहने के सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं दी गई।
यह आकर ही यह ज्ञात हुआ कि रहने की व्यवस्था भी खुद करनी होगी। ऐसे में सुबह चार बजे से ही हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में खिलाड़ियों की टीमें स्टेडियम के किनारे बैठे रहीं। ऐसे में या तो अन्य एथलेटिक संघों की लापरवाही का यह नतीजा है या फिर आपसी तालमेल न हो पाने के कारण खिलाड़ियों पर मुसीबत का सबब बना है, लेकिन इसका निष्कर्ष साफ निकला है जोकि खिलाड़ियों को भुगतना पड़ा।
रात भर भटकते रहे खिलाड़ी
सोमवार से शुरू होने वाली स्टेट प्रतियोगिता ने भाग लेने आए खिलाड़ियों को दिन भर रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं मिल सका और न ही विभागीय अधिकारियों या संघ के लोगों ने उनकी कोई सुध ली। ऐसे में रात काटनी भी खिलाड़ियों के लिए मुश्किल रही। जोकि दुर्भाग्यपूर्ण बात है। इन खिलाड़ियों की टीम में बालिकाएं भी शामिल हैं।
जिला संघों को पहले ही कराया था अवगत
मेरठ जिला एथलेटिक संघ के सचिव अनू कुमार ने बताया कि दो दिवसीय मीट करने की जिम्मेदारी मेरठ को सौंपी गई है। जिसके कई जिलों के खिलाड़ी प्रतिभाग करेंगे। पहले ही संघ द्वारा अन्य जिला संघों को बताया गया कि खिलाड़ियों को रहने और खाने की व्यवस्था स्वयं ही करनी होगी।
साथ ही हिस्सा लेने के लिए प्रत्येक खिलाड़ी की कोविड रिपोर्ट और सेल्फ डिक्लेरेंस आदि डोक्युमेंट अनिवार्य है। खिलाड़ियों को प्रतियोगिता के दिन यानी 11 जनवरी की सुबह ही रिपोर्ट करनी थी, लेकिन एक दिन पहले ही टीमें यह पहुंच गईं।
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