- खनन माफियाओं ने खेत को दे दिया पहाड़ी का रूप
- मंगलवार को ग्रामीणों ने खनन माफियाओं और प्रशासन के खिलाफ किया जमकर हंगामा
जनवाणी संवाददाता |
कंकरखेड़ा: खनन माफियाओं ने गांव के जंगल को उत्तराखंड की पहाड़ी जैसा बना दिया, लेकिन मेरठ के खनन अधिकारी इस तरफ से आंखें बंद किए हुए हैं। मुख्यमंत्री के सख्त आदेश है कि खनन माफियाओं को किसी भी कीमत पर न बक्सा जाए, लेकिन सिंधावली और दिलावरा गांव का जंगल खनन की भेंट चढ़ा खेत पहाड़ी के रूप में दिखाई देने लगे हैं। माफियाओं द्वारा बड़े स्तर पर खनन किया जा रहा है।
जिसको लेकर प्रशासन असहाय तो जिम्मेदार मौन नजर आ रहे हैं। खनन माफिया खुलेआम पुलिस व प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं। कई जगह पर तो माफियाओं ने खेत को पहाड़ी का रूप तक दे डाला है। मंगलवार को ग्रामीणों में खनन माफियाओं के खिलाफ आक्रोश देखने को मिला। ग्रामीण दो दिन में जिलाधिकारी से मिलकर मामले को अवगत कराएंगे।
थाना क्षेत्र के दिलावरा व सिंधावली गांव के जंगलों में खनन माफिया जोरों पर खनन का काम कर रहे हैं। आलम यह हो गया है कि माफियाओं ने दोनों गांव में खेत को पहाड़ी का रूप दे दिया है। खनन माफियाओं ने मिट्टी का उठान कर पहाड़ीनुमा आकृति बना दी है। जहां प्रशासन से मात्र तीन फीट मिट्टी उठाने की परमिशन लेते हैं। वहीं, इन दोनों गांव के जंगल में लगभग 35 फीट तक माफियाओं ने मट्टी की खुदाई की है।
रोहटा रोड पर रात के समय बड़ी-बड़ी मशीनें, डंपर व ट्रैक्टर-ट्रॉली सैकड़ों की संख्या में मिट्टी उठती हुई दिखाई दे जाएंगी। हालात यह हो गए हैं कि कुछ क्षेत्रों में तो खुलेआम खनन हो रहा है। हाइवे पर बनी चौकियों के सामने से मिट्टी से भरे डंपर व ट्रैक्टर-ट्रॉली निकलकर जाती हैं। बावजूद इसके पुलिस खनन माफियाओं पर कार्रवाई नहीं कर रही है। दबाव पड़ने पर पुलिस एक महीने में एक-दो डंपर को पकड़ कर खानापूर्ति कर देती है।
वहीं मंगलवार को दोनों गांव के ग्रामीणों ने खनन माफिया व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व में कई बार खनन माफियाओं की हरकतों का विरोध किया था, लेकिन खनन माफियाओं ने ग्रामीणों को विरोध करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। वही कुछ दिन पूर्व खनन कर रहे लोगों ने विरोध करने पर एक ग्रामीण के साथ जमकर मारपीट भी की थी।
ग्रामीणों के अनुसार गुरुवार को जिलाधिकारी से मिलेंगे और पूरे मामले को अवगत कराएंगे। वहीं जिलाधिकारी से खनन माफियाओं पर रोक लगाने की अपील भी करेंगे। खनन के कारण गांव की सड़कें टूट कर गड्ढों का रूप धारण कर चुकी हैं। वहीं, रात को ग्रामीणों का घर से बाहर निकलना भी दूभर हो गया है। रोजाना हो रहे खनन से ग्रामीणों को बीमारी का खतरा भी सता रहा है।