- लखनऊ में स्थापित होगी नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ( एनसीडीसी) की उत्तर प्रदेश शाखा
- महामारी और संचारी रोगों पर अब और प्रभावी नियंत्रण हो सकेगा, एमओयू पर हुए हस्ताक्षर
जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: योगी सरकार ने पिछले 5 वर्षों में उत्तर प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ढांचे को मजबूती प्रदान की जिसे परिणामस्वरूप कोरोना ही नही बल्कि तमाम संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ की इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत लखनऊ में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ( एनसीडीसी) की उत्तर प्रदेश शाखा स्थापित हो रही है।
इस संबंध में केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किए।एन०सी०डी०सी० की शाखा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ जनपद की सरोजनी नगर तहसील के जैतीखेडा ग्राम में ढाई एकड़ भूमि निशुल्क उपलब्ध करा रही है।
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल देश में आपदाओं, प्रकोप एवं डिजीज आउटब्रेक्स के चिकित्सकीय प्रबंधन हेतु देश की शीर्ष संस्था है।
इस शाखा की स्थापना से एकीकृत रोग निगरानी गतिविधियाँ, संचारी रोगों के लिए रेफरल नैदानिक सेवाओं का विस्तार, चिकित्सा आपदाओं में त्वरित रेस्पोंस , कीट जनित रोगों का अध्ययन तथा जन स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों के क्षमता निर्माण में मदद तथा अन्य स्वास्थ्य लॉजिस्टिक मजबूत करने में मदद मिलेगी।
एन०सी०डी०सी० की शाखा की स्थापना से न केवल इन गतिविधियों में सहायता मिलेगी बल्कि प्रदेश के चिकित्सा अधिकारियों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की डिजीज सर्विलेस तथा डायग्नोसिस की नवीनतम तकनीकों के विषय में प्रशिक्षित भी किया जा सकेगा।
महामारियों के अतिरिक्त संचारी रोगों जैसे मलेरिया, डेंगू, जैपनीज इंसेफेलाइटिस, चिकनगुनिया, हिपेटाइटिस तथा क्षय रोग इत्यादि रोगों पर नियंत्रण भी इस शाखा की मदद से और अधिक प्रभावी रूप से हो सकेगा।
एनसीडीसी के द्वारा देश की एकमात्र बीएसएल-फोर प्रयोगशाला की स्थापना भी उत्तर प्रदेश के बाँदा में की जाएगी जिसके लिए जिसके लिए शिमोमी धाम ट्रस्ट, बाँदा द्वारा 100 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई जा रही है।