हापुड़ के डीजीसी क्रिमिनल पद के पात्र नहीं थे कृष्ण कुमार गुप्ता, फिर भी हुई नियुक्ति
डीएम हापुड़ की जांच रिपोर्ट में खुलासा, आवेदन पत्र में छिपाई सच्चाई
तीन रिमाइंडर, 11 महीने लगे शासन तक जांच रिपोर्ट पहुंचने में
जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: सीएम योगी की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति की उनके ही अफसर धज्जियां उड़ा रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण हापुड़ के जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) कृष्ण कुमार गुप्ता की नियुक्ति का है। वह डीजीसी क्रिमिनल का पद प्राप्त करने के पात्र नहीं थे। फिर भी सच्चाई छिपाते हुए विधि विरूद्ध उक्त पद को प्राप्त किया।
डीएम हापुड़ की 6 जून को न्याय विभाग को भेजी गई जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। साथ ही गुप्ता को तत्काल प्रभाव से पद से हटाने और उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने के लिए भी कहा गया है। साफ है कि डीजीसी क्रिमिनल के पद पर नियुक्ति के समय अफसरों द्वारा कागज पर ही खानापूर्ति करके गुप्ता को पद का लाभ दिया गया।