- शहर से संबंधित महत्वपूर्ण मार्गों की प्रगति के लिए कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने की समीक्षा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने शहर से संबंधित महत्वपूर्ण मार्गों की प्रगति की समीक्षा की गई। जुर्रानपुर फाटक, बिजली बंबा बाइपास के निकट अधूरे रेलवे ओवर ब्रिज को शामिल करते न्यूनतम व्यय के अंतर्गत बेस्ट एलाइनमेंट का निर्धारण कर मार्ग निर्माण का प्रस्ताव शासन को प्रेषित कराया जाए।
अगले दो-तीन माह के अंदर स्वीकृति प्राप्त करते हुए स्थल पर कार्य प्रारंभ कराया जाए। इस कार्य को प्राथमिकता पर लिया जाए। इसी क्रम में भविष्य में बिजली बंबा बाइपास पर वाहनों के बढ़ते दबाव के दृष्टिगत बिजली बंबा बाइपास को फोर-लेन के रूप में विकसित कराने के लिए प्रस्ताव तैयार कराया जाए। बैठक में बिजली बंबा बाइपास को आगे वेदव्यासपुरी की ओर आगे बढ़ाकर मेरठ बाइपास में जोड़ा जाए। इससे संबंधित प्रस्ताव का सर्वे कराकर एस्टीमेट बनाने के निर्देश कमिश्नर ने अधिकारियों को दिये।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की हापुड़ रोड से कनेक्टर रोड के निर्माण की परियोजना में आ रहे बाधक निर्मार्णों/संरचनाओं को शिफ्ट कराए जाने एवं आवश्यक भूमि का अर्जन समय से सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए। यह भी निर्णय लिया गया कि परियोजना से प्रभावित जिन संरचनाओं को हटाया जाना आवश्यक है, उसका व्ययभार एनएचएआई द्वारा वहन किया जाएगा। जली कोठी से बच्चा पार्क तक एलिवेटेड रोड की परियोजना के संबंध में सेतु निगम के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि परियोजना के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसके सापेक्ष अभी स्वीकृति नहीं मिली हैं।
मंडलायुक्त ने प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध कराने और प्रस्ताव का तत्काल अनुश्रवण करने के निर्देश दिए। कहा कि परियोजना को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र प्रगति लाना सुनिश्चित करें। जिन व्यक्तियों के मकान प्रभावित हो रहे हैं, उन्हें अन्यत्र शिफ्ट कराया जाएगा। मेरठ इनर रिंग रोड परियोजना के प्रस्ताव में प्रभावी पत्राचार कर प्रगति लाने के लिए उपाध्यक्ष, मेरठ विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया गया।
सांसद प्रतिनिधि हर्ष गोयल द्वारा हापुड़ अड्डे से काली नदी तक रोड की स्थिति खराब होने की समस्या बताई गई, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। इस संबंध में मंडलायुक्त द्वारा परियोजना निदेशक एनएचएआई, मुरादाबाद एवं संबंधित कार्यदायी एजेंसी को मार्ग को गड्ढामुक्त कराने का कार्य तत्काल प्रारंभ कराने के निर्देश दिए। यह भी सचेत किया गया कि लापरवाही के कारण सड़क खराब रहने से दुर्घटना होने पर एनएचएआई एवं संबंधित निर्माण एजेंसी के विरुद्ध एफआईआर कराई जाएगी।
बैठक में उपस्थित थे एनएचएआई अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि मेरठ बाइपास पर पर लगने वाले जाम की समस्या के समाधान के लिए नियमित रूप से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान संचालित कराएं। इसके अतिरिक्त अवैध पार्किंग के विरुद्ध कार्रवाई के लिए पर्याप्त संख्या में क्रेन/टो व्हीकल एनएचएआई द्वारा बाइपास पर लगाए जाएं। मेरठ बाइपास को प्रत्येक दशा में वाहनों के सुगम यातायात के लिए अतिक्रमण मुक्त रखा जाए, अन्यथा संबंधित अधिकारियों का निर्धारित किया जाएगा।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के दोनों ओर अवैध होर्डिंग लगाए जाने तथा उससे एनएचएआई एक्ट का उल्लंघन होने की शिकायत के संबंध में एनएचएआई एवं संबंधित नगर निगम द्वारा संयुक्त रुप से अभियान चलाकर कार्रवाई की जाए। एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को अपनी-अपनी सड़कों की स्थिति में सुधार करने तथा सुंदर सड़कों एवं सुंदर चौराहों के माध्यम से शहर को सुंदर बनाए जाने के लिए अधिक कार्य करने के निर्देश दिए गए।
परियोजना निदेशक, एनएचएआई को मेरठ बाइपास डिवाइडर के मध्य पौधारोपण कर घनी ग्रीनरी विकसित करने के निर्देश दिए गए। अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान नियमित रूप से चलाया जाए। अंत में बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों से अपेक्षा की गई कि मेरठ शहर में भविष्य के लिए यातायात की सुगम व्यवस्था करने के लिए आवश्यक है कि सभी अधिकारी/विभाग एकजुट होकर एक समान कार्ययोजना के अनुसार समन्वय स्थापित करते हुए अपनी-अपनी परियोजनाओं को गति प्रदान करें। अनावश्यक रूप से प्रोजेक्ट लंबित ना हो और जनसुविधा का पूर्ण ध्यान रखा जाए। 15 दिन बाद पुन: बैठक कर अनुपालन की समीक्षा की जाएगी।
आयुक्त कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें नगरायुक्त मनीष बंसल, एमडीए वीसी मृदुल चौधरी, एमडीए सचिव सीपी तिवारी, ब्रजपाल सिंह, राजीव कुमार चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी, इश्तियाक अहमद चीफ टाउन प्लानर एमडीए, विजय कुमार सिंह, विकास कुरील अधिशासी अभियंता एनएचएआई, डीके चतुवेर्दी परियोजना निदेशक एनएचआई मेरठ एवं अरविंद कुमार परियोजना निदेशक एनएचएआई गाजियाबाद तथा सांसद प्रतिनिधि हर्ष गोयल आदि उपस्थित रहे।