Friday, January 24, 2025
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कमिश्नर ने एनईसी से कहा, कमांड कंट्रोल सेंटर का कार्य आठ माह में पूरा करें

  • दीप प्रज्ज्वलन कर किया कार्य का शुभारंभ, पांच साल तक रखरखाव भी करेगी एनईसी

जनवाणी संवाददाता |

सहारनपुर: स्मार्ट सिटी के लिए एक हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं में से एक महत्वपूर्ण परियोजना इंटेग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर(आईसीसीसी) के कार्य का शुभारंभ स्मार्ट सिटी चेयरमैन/मंडलायुक्त संजय कुमार, मेयर संजीव वालिया, स्मार्ट सिटी के सीईओ/नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष महेन्द्र सिंह सैनी, महानगर अध्यक्ष राकेश जैन व पूर्व विधायक राजीव गुंबर ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इसी कंट्रोल सेंटर से शहर के ट्रैफिक, सफाई, सीवरेज सहित अनेक व्यवस्थाओं का संचालन किया जायेगा। परियोजना की कार्यदायी संस्था एनईसी 5 साल तक आईसीसीसी सिस्टम के परिचालन और रखरखाव का प्रबंधन करेगी।

आईसीसीसी के क्रियान्वयन के लिए मास्टर सिस्टम इंटीग्रटर के रुप में एनईसी इंडिया को चुना गया है। एनईसी ने निगम परिसर स्थित आईसीसीसी भवन में आज कार्य की शुरुआत के साथ ही अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को स्थापित किये जाने वाले सिस्टम का एक डेमो भी दिया।

एनईसी के सीओओ पीयूष सिंहा, महाप्रबंधक प्रदीप कुशवाह व प्रोग्रोम मैनेजर विजय विशाल ने डेमो देते हुए बताया कि उनकी कंपनी कम से कम समय में अधिक से अधिक सुविधाएं देने का प्रयास करेगी। इस परियोजना में शहर के स्मार्ट समाधानों का डिजाइन, आपूर्ति, इंस्टालेशन, टेस्टिंग, परिचालन और प्रबंधन शामिल है। सिंहा ने बताया कि एनईसी समान कार्यो के लिए एक सिटी मोबाइल एप्लीकेशन भी प्रदान करेगा, जिससे परियोजना के संचालन में मदद मिलेगी।

स्मार्ट सिटी चेयरमैन/मंडलायुक्त संजय कुमार ने कहा कि आज स्मार्ट सिटी के एकाग्र बिंदू की नींव रखी गयी है। कोरोना के कारण यह तीन महीने विलंब से शुरु हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस कमांड कंट्रोल से एक ही छत के नीचे बैठकर यातायात आवागमन व यातायात नियमों की अनदेखी, सफाई, मकानों की टैक्स व्यवस्था, प्रदूषण व पथ प्रकाश आदि व्यवस्थाओं की निगरानी की जा सकेगी। करीब सौ करोड़ रुपये की उक्त परियोजना को आठ महीने में पूरा करने की आशा व्यक्त करते हुए कंपनी अधिकारियों से कहा कि वे तीन माह में परियोजना को इस मुकाम तक ले आएं कि हम कैमरों के साथ शहर की कुछ व्यवस्थाओं को लाइव देख सकें, और मार्च से पहले-पहले हम इस स्थिति में पहुंच जाएं कि एक हजार कैमरों के साथ शहर को लाइव देख सकें। उन्होंने कहा कि लगभग एक हजार करोड़ रुपये के टेंडर आगामी तीन माह में फाइनल कर दिए जायेंगे और शहर में लोगों को परिवर्तन दिखायी देने लगेगा।

मेयर संजीव वालिया ने कहा कि शहर के लोगों को ज्यादा से ज्यादा और जल्दी से जल्दी बेहतर सुविधाएं मिल सके, इसके लिए स्मार्ट सिटी एनईसी जैसी वैश्विक कंपनी की टेक्नालाॅजी और क्षमता का पूर्ण उपयोग कर हम सहारनपुर को एक स्थायी और स्मार्ट सिटी के रुप में विकसित करना चाहते हैं।

स्मार्ट सिटी के सीईओ/नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने कहा कि स्मार्ट सिटी सहारनपुर सामाजिक, आर्थिक, संस्थागत व भौतिक संरचनाएं विकसित कर शहर के लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। हम सहारनपुर को आधुनिक सुविधाओं वाला एक शीर्ष स्तर का शहर बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बिल्कुल सही रास्ते पर हैं।

भाजपा जिलाध्यक्ष महेन्द्र सैनी, पूर्व विधायक राजीव व महानगर अध्यक्ष राकेश जैन ने सहारनपुर का स्मार्ट सिटी में चयन कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताते हुए कहा कि सरकार के भरोसे ही सब कुछ नहीं हो सकता, शहर के लोगों को भी अपनी सोच को बदलना होगा और व्यवस्थाओं से समन्वय बनाकर चलना होगा तभी सहारनपुर स्मार्ट बन सकेगा। स्मार्ट सिटी के निदेशक सुशील पुंडीर ने कहा कि आईसीसीसी परियोजना स्मार्ट सिटी की नींव है, शहर को स्मार्ट बनाने के लिए हमें भी स्मार्ट बनना होगा। कार्यक्रम में स्मार्ट सिटी की सीएस पूजा वर्मा, मुख्य वित्त अधिकारी राजीव कुशवाह, एमएनएलपी बालेन्दु मिश्रा व मीडिया प्रभारी डाॅ. वीरेन्द्र आज़म आदि मौजूद रहे।

लोग अपना सपना साकार होते देखेंगे: कमिश्नर

स्मार्ट सिटी चेयरमैन/मंडलायुक्त संजय कुमार ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी सहारनपुर की योजनाएं छह माह में धरातल पर उतरनी शुरु हो जायेगी और शहर के लोग सहारनपुर का नागरिक होने पर फख्र महसूस करेंगे। उन्होंनंे अपने जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी वह सपना उन्हें साकार होता दिखायी देगा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी की परियाजनाओं के तहत शहर के लोगों को जागरुक भी किया जायेगा। उन्होंने बताया कि दो सौ करोड़ रुपये की लागत से 23 किमी लंबी स्मार्ट रोड बनाने का काम किया जायेगा।

शहर की पांवधोई और ढमोला नदियों का स्वरुप बदलने का हमने निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बाईपास चालू हो जाने से शहर को प्रदूषण से काफी राहत मिली है। करीब 25 हजार गाड़िया हर रोज उस हाईवे से गुजर रही हैं। उन्होंने शहर के लोगों से भी अपनी सोच में परिवर्तन लाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कुछ दिन बाद किसी ने मास्क लगाया या नही, तीन सवारी क्यों बैठी है, हैलमेट क्यांे नहीं लगाया ,यह कोई नहीं पूछेगा। नियम तोड़ने वालों के घर स्वयं चालान चला जायेगा। उन्होंने बताया कि लखनऊ, आगरा, इलाहाबाद आदि मे ये शुरु हो गया है।

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