Tuesday, January 21, 2025
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आधी मियाद होने को आयी पूरी, एग्रीमेंट पर कैंट बोर्ड की चुप्पी

  • रद हो सकता है विज्ञापन पट का ठेका, लिखी जा रही पटकथा
  • मोबाइल टावर का तीन साल के ठेके का डेढ़ साल पूरा, एग्रीमेंट का पता नहीं
  • तहबाजारी के ठेके का एग्रीमेंट करने में दिखाई गजब की जल्दी, तीन दिन में लिखा-पढ़ी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कैंट बोर्ड की ओर से छोड़े जाने वाले तमाम ठेके बगैर एग्रीमेंट के ही चल रहे हैं। एग्रीमेंट को लेकर कैंट अफसरों की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ ठेकों के पूरा होने की आधी मियाद निकल गयी है, लेकिन एग्रीमेंट फिर भी नहीं किया जा सका।

इसी लेटलतीफी व लापरवाही के चलते विज्ञापन का ठेका निरस्त होने जा रहा है। उसकी स्क्रिप्ट तैयार है। एग्रीमेंट न किए जाने के पीछे जितने दोषी अफसर हैं, उससे ज्यादा कसूरवार कैंट बोर्ड के कुछ वे मैंबर नजर आते हैं जिनको कैंट बोर्ड के खजाने से ज्यादा ठेकेदार की चिंता रहती है।

मोबाइल टावर ठेका

कैंट वासियों को मोबाइल कनेक्टिवी से निजात दिलाने के नाम पर सैन्य व सिविल एरिया में टावर लगाए जाने का ठेका दिया गया था। तीन साल के लिए दिए गए इस ठेके की करीब आधी मियाद पूरी होने को आयी, लेकिन अभी तक ठेकेदार से एग्रीमेंट तक नहीं हो सका है।

हालांकि यदि एग्रीमेंट की बात की जाए तो बोर्ड की बैठकों में कई बार मोबाइल ठेकेदार के खिलाफ कठोर कार्रवाई व एग्रीमेंट न किए जाने पर जमानत राशि व उसका सामान जब्त कर लेने तक की चेतावनी जारी की गयीं। यह बात अलग है कि बोर्ड फाइलों में चेतावनी से आगे नहीं बढ़ सका।

बात केवल टावर ठेकेदार से एग्रीमेंट तक ही सीमित नहीं हैं। इस ठेके में बहुत से झोल हैं। जिन पर चर्चा फिर किसी दिन करेंगे।

ई-टेंडर तक का एग्रीमेंट नहीं

ई टेंडर के जरिये डोर टू डोर कूड़ा उठाने का ठेका पिछले साल मई माह में आगरा की एक कंपनी को 18.60 लाख में दिया गया था। जनवरी माह में हुई बोर्ड बैठक में 18.60 लाख की दर का मैंबरों ने विरोध किया।

इसको बहुत ज्यादा बताया तो रिव्यू कर 15.60 कर दिया गया। लेकिन हैरानी तो इस बात की है कि रिव्यू किए जाने के बाद भी अभी तक इसका एग्रीमेंट नहीं किया जा सका है। नियमानुसार एग्रीमेंट एक मियाद में करा दिया जाना चाहिए।

निरस्त हो सकता है विज्ञापन पट ठेका

करीब तीन साल बाद दिया गया कैंट बोर्ड के विज्ञापन पट ठेके पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अपुष्ट सूत्रों की मानें तो यह ठेका निरस्त करने की तैयारी है। इसकी स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी है। माना जा रहा है कि अगले माह के पहले सप्ताह में संभावित बोर्ड बैठक में विज्ञापन पट ठेका निरस्त कर दिए जाने पर मोहर लगा दी जाएगी।

तीन साल से ठेकेदार की थी तलाश

विज्ञापन पट के जिस ठेके को निरस्त करने की बात सुनने में आ रही है बताया जाता है कि उसके लिए ठेकेदार की पिछले तीन साल से कैंट बोर्ड को तलाश थी। काफी भटकने के बाद इस बार गाजियाबाद की एक पार्टी ठेका लेने को तैयार हो भी गयी, तो उससे एग्रीमेंट में अडंगा लगा दिया गया।

आमतौर पर ठेकेदारों से एग्रीमेंट के नाम पर कैसे अडंगे लगाए जाते हैं यह तमाम कैट बोर्ड के मैंबर अच्छी तरह जानते हैं। दरअसल जब तक मैंबरों की कसौटी पर खरा न उतरें तब तक एग्रीमेंंट संभव ही नहीं।

या फिर यह भी होता है कि ठेकेदार अपना काम निकालता रहे, मैंबरों की नजरे इनायत होती हैं तो पूरा ठेका पूरा हो जाता है और एग्रीमेंट की नौबत तक नहीं आने दी जाती। लेकिन इसके लिए कुछ मैंबरों को खुश करना जरूरी होता है।

तहबाजारी का तीन दिन में एग्रीमेंट

बोर्ड के कुछ मैंबर चाहे तो तीन दिन में भी ठेकेदार का एग्रीमेंट हो सकता है। जैसा की तहबाजारी के मामले में किया गया। अपुष्ट सूत्रों ने जानकारी दी है कि तहबाजारी का ठेका कैंट भाजपा के एक बड़े नेता के करीबी को दिया गया है। हालांकि भाजपा नेता के करीबी होने के बाद भी ठेकेदार को वो तमाम शर्तें पूरी करनी पड़ी सुनी जाती हैं, जो मैंबरों की ओर से तय की गयी हैं।

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