- सात दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं करनावल में किसान
जनवाणी ब्यूरो |
सरूरपुर: कस्बा करनावल में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसानों का आंदोलन सातवें दिन भी जारी रहा। दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों के समर्थन में सातवें दिन भी ठंड के बावजूद धरने पर डटे रहे किसान। किसानों ने कृषि अध्यादेश वापस लेने की मांग करते हुए एकजुटता का आह्वान किया।
रविवार को कस्बा करनावल शिव मंदिर में अनिश्चितकालीन धरने का सातवां दिन था। दिल्ली बॉर्डर पर पिछले एक महीने से एमएसपी सहित कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए आंदोलनरत किसानों को समर्थन देने के लिए कस्बा करनावल में पिछले 7 दिनों से बंगले वाले मंदिर में किसानों उपभोक्ता मंच सहित कई संगठनों से जुड़े किसानों का अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है।
धरने के सातवें दिन भी कड़ाके की ठंड के बावजूद भारी संख्या में किसान डटे रहे धरने में मुख्य वक्ता के रूप में दादा रामपाल ने कहा कि सरकार किसानों को गुमराह करके एमएसपी सहित तीनों कृषि कानून लागू कर बंधुआ मजदूर बनाना चाहती है।
उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी कंपनी जिओ ने शुरू में रिचार्ज सस्ते किए थे। लेकिन अब इतने महंगे हो गए हैं कि उन्हें खरीद पाना मुश्किल है।उन्होंने उदाहरण देते हुए क्या कि यही हाल आने वाले दिनों में यदि यह तीनों कृषि कानून लागू हुए तो किसा कहा कि किसानों का भी यही हाल हो जाएगा।
धरने के सातवें दिन किसानों ने हुंकार भरते हुए आंदोलनरत दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के समर्थन में लोगों से भारी संख्या में पहुंचने का आह्वान भी किया धरना स्थल पर बढ़ती किसानों की संख्या को देखते हुए धरने से खुफिया विभाग व क्षेत्र के प्रशासनिक अफसरों में हड़कंप की स्थिति बनती जा रही है।
गौरतलब है कि पिछले 7 दिनों से कस्बा करनावल में धरना किसानों के अनिश्चितकालीन धरने में किसानों का दायरा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। जहां किसानों के विरोध के लगातार स्वर उभरते जा रहे हैं। धरने में किसान के हकों की लड़ाई के लिए किसान गरजते रहे हैं।
रविवार को हुई किसानों की सभा का अध्यक्षता रामपाल मास्टर व संचालन रविंदर रेट ने किया। इस दौरान मुख्य रूप से राजपाल रूपेश सभासद, संदीप, राहुल जडोदिया, डिंपल, रोहित शर्मा, बिट्टू पंडित, आकाश चौधरी, मनोज सभासद, सुंदर चौधरी, कविंद्र चौधरी, चौधरी बलजीत सिंह, दिनेश चौधरी, डीपी गिरी, दीपक चौधरी, प्रदीप मिश्रा, राहुल, डिंपल, मोंटी, बॉबी अकाश, रोहित, अरुण व बिट्टू पंडित आदि रहे।