Sunday, May 12, 2024
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutठेकेदार कठघरे में, एक माह में टूटी सड़क

ठेकेदार कठघरे में, एक माह में टूटी सड़क

- Advertisement -
  • बनने के एक सप्ताह में फटकर एक फीट ऊपर उठ गई सड़क
  • नगर निगम से निर्माण का ठेका लेकर कर दिया बड़ा खेल

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: निर्माण करने से पहले जब कमीशन का खेल किया जायेगा। ठेका लेने से पहले अधिकारियों को मोटा नजराना दिया जायेगा और फिर अपने निर्माण के बिल पास कराने की एवज में भी कमीशन भेंट किया जायेगा तो फिर खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि निर्माण किस स्तर का हो रहा होगा और उसका क्या अंजाम होगा। जी हां, कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों पांडव नगर में नवनिर्मित्त सड़क के साथ हुआ जो बनने के एक सप्ताह के भीतर ही न सिर्फ खड़ंजे से एक फीट उपर उठ गई। बल्कि बीच में से फट भी गई है। सोने पे सुहागा यह हुआ है कि खुद भाजपा के मनोनतीत पार्षद ने इस घोटाले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उसने इस सड़क निर्माण में हुए पूरे खेल से सीएम को सीधे उनके पोर्टल पर शिकायत भेजी है।

योगी सरकार के गड्ढा मुक्त सड़क अभियान को उनके ही वह सरकारी नौकरशाह पलीता लगा रहे हैं, जिनके कंधे पर सरकारी योजनाओं का ढंग से क्रियान्वयन कराने की जिम्मेदारी है। लेकिन इन नौकरशाहों ने कामकाज से पहले अपने कमीशन का हिसाब देखना शुरू कर दिया है। शहर के वार्ड-50 के अन्तर्गत आने वाली पॉश कालोनी पांडव नगर में नवनिर्मित्त आरसीसी की मुख्य सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। सड़क बनाने के नाम पर जमकर बंदरबाट हुई। सड़क चौड़ीकरण के नाम पर घरों के बाहर लगे पेड़ों को काट दिया गया। सड़क बनी तो एक सप्ताह बाद ही उसमें फिर से गडढे पड़ने लगे और वो जगह-जगह से टूटने लगी है। मतलब साफ है कि निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया।

15 15

एक माह पूर्व इस सड़क का निर्माण हुआ और बनने के एक सप्ताह में ही इस नवनिर्मित सड़क से तारकोल और बजरी बाहर निकलने लगी। इस बारे में स्थानीय लोगों ने पार्षद से भी शिकायत की लेकिन पार्षद ने सड़क पर दोबारा से गडढे भरवाने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लिया। सड़क पर बिछाई गई बारीक गिट्टी और तारकोल की कार्पेट मिक्चर परत बेहद पतली है। इसकी मोटाई 20 एमएम होनी चाहिए थी जबकि ठेकेदार ने कहीं पर 8, कहीं 10 तो कहीं 15 एमएम की परत बिछाई है। तारकोल भी अच्छी किस्म का उपयोग नहीं किया गया।

यहीं कारण रहा कि बनने के कुछ दिन बाद ही यह सड़क जगह-जगह से उखड़नी शुरू हो चुकी है। निगम की अनदेखी के कारण ठेकेदार के काम की न तो जांच की गई और न कोई कार्रवाई हुई है। सड़क के किनारों पर गहराई अधिक होने के कारण कुछ जगहों पर यह मोटी जरूर नजर दिखाई देती है। लेकिन सड़क के बीच के हिस्सों पर सिर्फ हल्की परत ही बिछाई गई है। जो एक हफ्ते के भीतर ही उखड़ने लगी है। लेकिन सबसे खतरनाक स्थिति सड़क का फटकर खुद ही उपर उठना है।

यह नवनिर्मित आरसीसी की रोड आज धरातल से उपर उठ गई है। सड़क तय मानक के अनुरूप नहीं बनाना या घटिया निर्माण सामग्री लगी होने का कारण होना प्रतीत होता है। सम्बन्धित लोगों पर कारवाई होनी चाहिए। यह सरकारी पैसे का दुरूपयोग है।-ठाकुर लेखराज सिंह, मनोनीत पार्षद भाजपा

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments