- नर्क बन गई अहमद रोड के नागरिकों की जिंदगी
- छह महीने से निर्माण कार्य से बंद कर दिया नाला
- सड़क पर बह रहा गंदा पानी, बीमारियों का अंदेशा
- नगर निगम के अधिकारी बने अंजान, पार्षद भी मौन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एक ठेकेदार ने शहर की हजारों की आबादी का जीवन नर्क कर दिया है। पहले तो नाले के निर्माण में पांच दुकानों को बचाने में लाखों के खेल का अंजाम दिया गया। सोने पे सुहागा गंदे पानी की निकासी के नाले को भी बंद कर दिया। अब पिछले डेढ़ साल से हजारों की आबादी नर्क जैसे हालात से गुजर रही है। सड़क पर गंदे पानी की नदी बह रही है।
नगर निगम के अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि हम कोई नाला बनवा रहे हैं, जो हम पानी की निकासी देखें। क्षेत्रीय पार्षद भी मौन साधकर बैठा है और निरीह जनता नर्क जैसे हालात से जूझ रही है। बीमारियां फैलने का अंदेशा बना हुआ है और शिकायतें इस बार भी हमेशा की तरह अनसुनी बनी हुई हैं।
शहर के लिए नासूर बना ओडियन नाला घंटाघर पर अहमद रोड से होकर आता है। यह नाला घंटाघर की बिल्कुल जड़ से मिलकर निकल रहा है। घंटाघर के पास यह नाला कवर्ड होने की वजह से अंदर ही अंदर इस नाले से रिसाव हो रहा है तथा पानी अंदर ऐतिहासिक घंटाघर की नींव में जा रहा है। जिससे ऐतिहासिक घंटाघर की इमारत को नुकसान पहुंचने का अंदेशा है। इस लिए यहां नये नाले का निर्माण कराने के लिए प्रस्ताव बनवाया गया।
त्वरित आर्थिक विकास योजना के अंतर्गत मेरठ शहर में छतरी पीर से घंटाघर, किशनपुरी होते हुए ओडियन नाले तक मार्ग का चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए नगर निगम के स्थान पर लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड को जिम्मेदारी सौंपी गई है। लगभग 1300 मीटर लंबा यह नाला बनाया जाना है। इसके लिए शासन स्तर से 23.57 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।
लोक निर्माण विभाग ने एसपीटेक कंपनी से इस कवर्ड नाले का प्रारूप तैयार कराया है। अब वर्तमान में इस नाले का निर्माण जुनेजा कंस्ट्रक्शन कंपनी के माध्यम से किया जा रहा है। शासन ने कार्यदायी संस्था के तौर पर लोक निर्माण विभाग का चयन किया था। ताकि निर्माण गुणवत्ता तथा नियम के अनुसार हो। लोक निर्माण विभाग ने भी जुनेजा कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम टेंडर छोड़ा। अब सब अपनी-अपनी जिम्मेदारी से बच गये हैं तथा सारी जिम्मेदारी सिर्फ जुनेजा कंस्टक्शन कंपनी पर ही आकर रूक गई है।
यहां ये भी उल्लेखनीय है कि यह नाला ऐतिहासिक घंटाघर के पास कवर्ड किया जा रहा है। कवर्ड नाले में सफाई में कोई दुश्वारी नहीं होती है, बशर्ते कि वह सीधा हो तो गंदे पानी की सीधे ही निकासी होती रहती है, लेकिन यहां बड़ी समस्या यह खड़ी हो रही है कि यह नाला टेढ़ा-मेढ़ा बना दिया गया है। जिससे आने वाले समय में इस नाले की सफाई में बड़ी दुश्वारी होगी। लेकिन वह तो बाद की बात है। फिलहाल भी अहमद रोड के नागरिकों की जिंदगी नर्क बन गई है।
अहमद रोड पर नालों का निर्माण कर रहे ठेकेदार का कद अब नगर आयुक्त से भी ऊपर हो गया है। ठेकेदार ने आमिर रोड के करीब 200 घरों की पानी की निकासी को बंद कर डाला है, जिससे उक्त क्षेत्र में हर वक्त जलभराव बना रहता है। यहां से गुजरने वालों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्कूल आने जाने वाले बच्चे पानी में गिरकर चोटिल हो रहे हैं, लेकिन ठेकेदार पानी की निकासी खोलने को तैयार नहीं है।
ठेकेदार की करतूत से आमिर रोड वासियों की जिंदगी नर्क बनी हुई है। छतरी वाले पीर तिराहे से लेकर बागपत गेट तक नालो का निर्माण किया जा रहा है। छतरी वाले पीर से लेकर घंटाघर तक दोनों और नाले बने हुए हैं। यहां एक ओर नाला बनाकर उसे लिंटर डालकर पाट दिया गया। वहीं, दूसरी ओर जिला महिला अस्पताल और जिला अस्पताल से सटे नाल में सीमेंटेड पाइप डालकर उसे पाटने का कार्य किया जा रहा है।
अहमद रोड से जुड़े आमिर रोड के पानी के निकासी के लिए कुछ वर्षों पूर्व पाइप डालकर जिला महिला अस्पताल के नाले में डाला गया था। जिसे अब नालों का निर्माण कर कर रहे ठेकेदार ने बंद कर दिया। जिससे क्षेत्र की पानी की निकासी ठप हो गई। इस क्षेत्र में रहने वाले करीब 200 घरों की पानी की निकासी पूरी तरह बंद होने से यहां जलभराव की समस्या खड़ी हो गई है। खास बात ये है कि खैरनगर के दो सरकारी स्कूल संचालित होते हैं। वहां भी अक्सर जलभराव से बच्चों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
अक्सर बच्चे पानी में गिरकर चोटिल को रहे हैं। यह निर्माण कार्य करीब डेढ़ वर्ष से चल रहा है। कछुआ गति से हो रहा कार्य लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है। आमिर रोड के लोगों का कहना है कि उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों से पानी की निकासी की मांग की, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो पाया। उन्होंने ठेकेदार से भी गुहार की, लेकिन ठेकेदार ने उन्हें धमका दिया और पानी की निकासी खोलने से मना कर दिया।