जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने विद्यार्थियों को समय के साथ खुद को अपडेट करने की सलाह दी। सोमवार को जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया के चतुर्थ दीक्षांत समारोह के अवसर पर संबोधित करते हुए राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को आगामी जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह को विद्यार्थियों के जीवन की विशिष्ट उपलब्धि का दिन बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त अब उनका सामाजिक जीवन प्रारम्भ होगा, जहाँ से इस शिक्षा का व्यवहारिक उपयोग कर सकेंगे। उन्होंने शिक्षा के चारित्रिक गुणों के उच्चतम विकास का आधार बताते हुए कहा कि ये वो शिक्षा है, जिसका घर में माता-पिता से प्राप्त प्रारंभिक ज्ञान और संस्कार से होता है।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि दुनिया बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है, इसे समझकर स्वयं को निरंतर अपडेट भी करते रहें। उन्होंने उच्च शिक्षा में नई राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता को बताते हुए कहा कि इससे देश में रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालयों में गुणवत्ता सुधार के लिए नैक मूल्यांकन कराने की आवश्यकता पर बल दिया और विश्वविद्यालय में नैक मानकों के अनुरूप गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने किए गए कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने कार्यों की गुणवत्ता एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने में नवीनतम शोधों के साथ विस्तार करे।
विद्यार्थियों का ध्यान जलवायु परिवर्तन की ओर आकृष्ट करते हुए राज्यपाल ने पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, जल संरक्षण पर भी चर्चा की। कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल द्वारा जल भरो कार्यक्रम से किया गया। राज्यपाल ने मटकी में जलधारा प्रवाहित कर जल संरक्षण का संदेश दिया। समारोह में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की स्मारिका ‘‘सृजन‘‘, समाचार पत्रिका ‘‘अन्वीक्षण‘‘ तथा विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा रचित पुस्तकों का भी लोकार्पण किया।
दीक्षांत समारोह में विविध पाठ्यक्रमों के कुल 25220 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाले 34 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं खेलकूद प्रतियोगिता के विजयी छात्र-छात्राओं को भी पदक एवं प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।