- बिना चर्चा के बजट का कर दिया अनुमोदन, सपा, बसपा असपा के पार्षदों का हंगामा
- विपक्षी पार्षदों ने कूड़े के पहाड़ के फोटो दिखाते हुए बैठक में किया हंगामा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर के विकास कार्यांें के लिए तैयार किए गए बजट को लेकर आहुत नगर निगम बोर्ड की बैठक मात्र पांच मिनट में निपट गई। नगर प्रमुख व अधिकांश पार्षदों ने इस पर चर्चा करने की जहमत नहीं की और 1324.68 करोड़ रुपये के बजट को पास कर दिया। हद तो यह है कि पूरा महानगर तरह तरह की समस्याओं से जूझ रहा, लेकिन किसी ने कोई समस्या नहीं उठाई। सपा, बसपा व असपा के कुछ पाषर्दांे ने स्वच्छता के नाम पर करोड़ों का घपला करने का आरोप लगाते हुए लोहियानगर में बने कूड़े के पहाड़ के फोटो लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने बिना चर्चा के बैठक संपन्न करने पर भी विरोध जताया, लेकिन राष्ट्रगान संपन्न होते ही मेयर व नगरायुक्त उठकर चले गए।
प्रदेश में घोटालों के लिए चर्चित नगर निगम की बोर्ड बैठक चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अटल सभागार में सुबह बुलाई गई थी। हालांकि इसका एक मात्र एजेंडा वर्ष 2024-25 के लिए बजट का अनुमोदन करना था। 1324.68 करोड़ की आय के बजट को करीब चार माह पूर्व कार्यकारिणी में रखा गया था, इसके बाद चुनाव आचार संहिता लग गई थी। इस पर उक्त बजट नगर विकास विभाग को भेज दिया गया था। इस बजट के अनुसार विकास कार्य शुरू कर दिए गए, पर बोर्ड का अनुमोदन जरूरी है। बैठक में मेयर की अनुमति लेकर कोई भी पार्षद कोई भी मुद्दा उठा सकता था, पर न तो मेयर हरिकांत अहलूवालिया गंभीर थे और न ही भाजपा पार्षद व अन्य दलों के अधिकांश पार्षद।
साढ़े ग्यारह बजे बैठक शुरू हुई। वंदे मातरम के बाद सीएफओ ने बजट के बारे में बताया कि 1324 करोड़ की आय का पुनरीक्षित बजट है, इसमें निगम के पास 574.64 करोड़ रुपये बैलेंस में हैं और 750 करोड़ रुपये विभिन्न मदों से आय प्राप्त होना प्रस्तावित है, जबकि 759.35 करोड़ का व्यय प्रस्तावित है। इसी बीच सपा के पार्षद कुलदीप कीर्ति घोपला, मोहम्मद शाहिद मेवाती, बसपा के पार्षद दीपक प्रजापति और आजाद समाज पार्टी के पार्षद भूपेन्द्र सिंह ने स्वच्छ भारत मिशन में करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगाते हुए लोहियानगर के डंपिंग ग्राउंड में बने कूड़े के पहाड़ की तस्वीर दिखाते हुए हंगामा किया।
उन्होंने कहा कि कूड़े के बीच में झील बनी हैं। इससे आसपास के वार्डांे में बीमारियां फैलने का खतरा है, पर उनकी एक न सुनी गई। वे विरोध करते रहे और ऐलान कर राष्ट्रगान शुरू कर दिया गया। राष्ट्रगान संपन्न होते ही मेयर हरिकांत अहलूवालिया व नगरायुक्त अमित पाल शर्मा उठकर चले गए। बैठक संपन्न होने की किसी ने घोषणा नहीं की। इसके बाद अनेक पार्षद बैठक में पहुंचे। उन्होंने इतनी जल्दी बैठक खत्म होने पर हैरत जताई। बिना किसी चर्चा के बैठक संपन्न होने पर एआईएमआईएम के नेता फजले करीम, सपा के नूर आलम, मोहम्मद शाहिद, रोशन व ताहिर आदि पार्षदों ने नाराजगी जताई।
सफाई कर्मियों ने मेयर और नगरायुक्त का किया घेराव
नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विनेश मनोठिया के नेतृत्व में सफाईकर्मी सीसीएसयू के अटल सभागार में पहुंचे। मेयर हरिकांत अहलूवालिया और नगरायुक्त डा. अमित पाल शर्मा के वहां पहुंचते ही सफाईकर्मियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने नगर प्रमुख व नगरायुक्त को घेर लिया। विनेश मनोठिया ने कहा कि नगर निगम में 5400 सफाईकर्मियों की कमी है, इन पदों पर भर्ती की जाए। हाजिरी स्थल पर कोई शेड व पानी और शौचालय की व्यवस्था नहीं है, इसकी व्यवस्था की जाए। आउट सोर्सेज के सफाई कर्मचारियों का मानदेय 26 हजार रुपये प्रति माह किया जाए। सफाई कर्मचारियों के इलाज के लिए प्राइवेट डाक्टर व अस्पतालों के पैनल बलाए जाए, ताकि बीमार सफाईकर्मी अपना इलाज कैशलेस करा सकें। मेयर ने उनकी मांगों को शीघ्र पूरा कराने का भरोसा दिलाया। प्रदर्शनकारियों में महामंत्री कृष्ण गोपाल, सिल्लू, प्रकाश आदि शामिल रहे।
राष्ट्रगान छोड़, प्रदर्शन में लगे रहे पार्षद
नगर निगम की बोर्ड बैठक में वंदे मातरम के गायन करने में तो सपा, बसपा व असपा के पार्षद शामिल हुए, लेकिन उन्होंने राष्ट्रगान को तरजीह नहीं दी। वंदे मातरम के संपन्न होते ही सपा, बसपा व असपा के चंद पाषर्दांे ने स्वच्छता के नाम पर करोड़ों का घपला करने का आरोप लगाते हुए लोहियानगर में कूड़े का पहाड़ बने फोटो लेकर प्रदर्शन किया। सीसीएसयू के अटल सभागार में हुई में एक मात्र एजेंडा वर्ष 2024-25 के लिए बजट का अनुमोदन का था, पर पार्षदों को अध्यक्ष की अनुमति से मुद्दे उठाने को भी लिखा गया था।
वंदे मातरम के गायन के तुरंत बाद जैसे ही सीएफओ ने बजट के बारे में जानकारी देनी शुरू की तो सपा के पार्षद कुलदीप कीर्ति घोपला, मोहम्मद शाहिद मेवाती, बसपा के पार्षद दीपक प्रजापति और आजाद समाज पार्टी के पार्षद भूपेन्द्र सिंह ने अपने हाथों में डंपिंग यार्ड में कूड़े का पहाड़ फोटो लेकर करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। वे हंगामा करते रहे और सीएफओ ने बजट के बारे में मामूली जानकारी देकर राष्ट्रगान का ऐलान कर दिया। मेयर हरिकांत अहलूवालिया, नगरायुक्त अमित पाल शर्मा, अन्य अधिकारी व सभी पार्षद व कर्मचारी खड़े हो गए और राष्ट्रगान गाने लगे, लेकिन विरोध करने वाले पार्षद अपने हाथों में फोटो लिए खड़े रहे।
इन मदों पर खर्च करेगा निगम
- नई सड़क, नाली, खड़ंजे, शौचालय निर्माण पर 55 करोड़ रुपये।
- सड़क, नाली, खड़ंजे, शौचालय की मरम्मत पर 45 करोड़ रुपये।
- मेडा की कालोनियों में विकास कार्यांे पर 20 करोड़ रुपये।
- कार्यशाला में डीजल, पेट्रोल व लुब्रीकेंट पर 21 करोड़ रुपये।
- निगम के अफसरों, प्रधान कार्यालय अधिष्ठान पर 20 करोड़ रुपये।
- वाहनों की मरम्मत कराने पर 7 करोड़ रुपये।
- जनरेटर किराया और डीजल पर 2 करोड़ रुपये।
इन मदों से निगम को मिलेगा धन
- सामान्य प्रयोजन को राज्य वित्त आयोग से 310 करोड़ रुपये।
- 15 वे वित्त आयोग से अनुदान 180 करोड़ रुपये।
- स्मार्ट सिटी योजना में राज्य सरकार से 30 करोड़ रुपये।
- पं. दीन दयाल योजना में 30 करोड़ रुपये।
- जलकर की वसूली से 12 करोड़ रुपये।
- जल की बिक्री से 3.10 करोड़ रुपये।
- डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन से 4 करोड़ रुपये।