जनवाणी संवाददाता |
सहारनपुर: गणेश चतुर्थी पर गणेश पूजा के लिए नगर निगम गाय के गोबर से इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं बना रहा है। पूजा के बाद इन प्रतिमाओं के विसर्जन से न तो किसी तरह के प्रदूषण का डर रहता है और न ही नदियों-तालाबों में कचरा बढ़ने की समस्या होती है। प्रतिमा बेचने वाले अनेक दुकानदारों ने इको फ्रेंडली इन गणेश प्रतिमाओं के प्रति गहरी रुचि दिखायी है।
नगर निगम सहारनपुर द्वारा सांवलपुर नवादा में संचालित माँ शाकंभरी कान्हा उपवन गौशाला इन दिनों गणेशमय हो गयी है। गौशाला में गाय के गोबर से गणेश जी की प्रतिमाएं बनाई जा रही है। इन प्रतिमाओं को निगम कर्मचारी विभिन्न रंगों से आकर्षक आकार देकर बिक्री के लिए तैयार कर रहे हैं।
गौशाला प्रभारी एवं निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ.संदीप मिश्रा ने बताया कि गोमय निर्मित गणेश जी की मूर्तियों का पूजन के बाद विसर्जन किए जाने से प्रदूषण का कोई खतरा नहीं है। नदियों-तालाबों में विसर्जन के अलावा लोग पूजन उपरान्त घरों में पानी से भरे पात्रों में मूर्तियों को विसर्जित कर बाद में उस पानी को अपने गमलों में प्रयोग कर सकते हैं।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि अनेक दुकानदारों ने इको फ्रेंडली गोमय गणेश प्रतिमाओं की डिमांड की है। गौशाला को आत्म निर्भर बनाने के प्रयास में नगर निगम गाय के गोबर से विभिन्न उत्पाद बनाता रहा है।
रक्षा बंधन के अवसर पर भी नगर निगम द्वारा कान्हा उपवन गौशाला में गोमय निर्मित राखियां तथा दीपावली के अवसर पर गोमय दिए बनाये गए थे। इसके अलावा गौमूत्र से गोनाइल (फिनाइल) व गौ अर्क तथा गोबर से दीपक, वर्मी कम्पोस्ट, धूपबत्ती, ओइ्म, स्वास्तिक, विभिन्न कलाकृतियां और गोबर गैस से ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है।