- आनलाइन ठेका छोड़ने की तैयारी, नहीं छूट पाया था ठेका
- ए वन श्रेणी में लाखों कमाता है ठेकेदार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम की ओर से शहर में लगे यूनिपोल पर विज्ञापन के लिये ठेका छोड़ा जाता है, लेकिन इस साल यहां ठेका छोड़े जाने की प्रक्रिया को बदल दिया गया और रजिस्ट्रेशन करने के बजाय ठेके लिये आॅनलाइन ई-टेंडर के आवेदन मांगे गये, लेकिन इस प्रक्रिया के आधार पर टेंडर नहीं आए।
अब हालांकि अभी तक टेंडर नहीं छोड़ा जा सका है, लेकिन जल्द ही ठेका छोड़ा जाना है। नगम को हर साल लाखों रुपये का राजस्व इन्हीं विज्ञापन ठेकेदारों के जरिए मिलता है। निगम हालांकि ठेका आॅनलाइन प्रक्रिया के आधार पर ही छोड़ने की तैयारी कर रहा है।
धीरे-धीरे स्मार्ट सिटी का रूप ले रहे शहर को स्मार्ट बनाने के लिये कई प्रयास किये जा रहे हैं। इनमें से ही एक कार्य यूनिपोल विज्ञापन का भी था। शहर में तीन श्रेणियों में होर्डिंग के विज्ञापन लिये जाते हैं। इनमें ए, बी और सी श्रेणी शामिल होती है। पहले ठेकेदार को यहां होर्डिंग के विज्ञापन का ठेका लेने के लिये रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता था, लेकिन तत्कालीन नगरायुक्त मनीष बंसल ने इस प्रक्रिया को बदलते हुए इस बार आॅनलाइन ई-टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की पहल की थी।
जिससे निगम की आय बढ़ सके और बड़ी कंपनियां इसमें शामिल हों। इसमें नई शर्तों पर निगम की ओर से ठेके के सात अलग-अलग टेंडर जारी किये गये। इसमें अप्रैल तक टेंडर भरकर डाले जाने थे और 28 अप्रैल को इस पर नतीजे आने थे, लेकिन नगर निगम में होर्डिंग विज्ञापन का कार्य देख रहे क्लर्क वैभव ने बताया कि इस नई प्रक्रिया के आधार पर एक भी कंपनी ने टेंडर नहीं डाला, जिस कारण कार्य बीच में ही अटक गया है। उन्होंने बताया कि एक श्रेणी और बी श्रेणी के लिये एक एक टेंडर था और पांच टेंडर सी श्रेणी के लिये।
इसमें जमानत राशि पांच लाख रुपये रखी गई थी। तीनों श्रेणियों में हैसियत प्रमाण पत्र 50 लाख का होना था। ठेकेदार का वार्षिक टर्न ओवर एक करोड़ होना चाहिए था। विज्ञापन के लिये एक श्रेणी में पांच स्थान चिह्नित हैं और बी श्रेणी में सात स्थान। सी श्रेणी में निगम के सभी 90 वार्डों को पांच समूह में बांटा गया है। वार्डों के वे स्थान जो ए और बी श्रेणी में शामिल थे वो इसमें शामिल नहीं होंगे।
उन्होंने बताया कि अप्रैल माह खत्म हो चुका है और उसकी तिथि भी निकल चुकी है, लेकिन किसी की ओर से भी टेंडर फाइल नहीं किया गया। जिस कारण ठेका नहीं छोड़ा गया। इस टेंडर की प्रक्रिया अब नये नगरायुक्त के आने के बाद ही शुरू होगी।
पहले रजिस्ट्रेशन से शुरू होती थी प्रक्रिया
पहले की बात करें तो पहले ठेकेदारों की ओर से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के आधार पर ही यह ठेका छोड़ा जाता था, लेकिन इस साल प्रक्रिया को बदल दिया गया। अब फिर से एक बार प्रक्रिया शुरू होनी है जिसके लिये नये नगरायुक्त के आने के बाद ही कोई निर्णय हो पायेगा।
अब नई शर्तों से होगा ठेका
बांस बल्ली, गोल पोल, दो पोल गर्डर पर लगे विज्ञापन पट अवैध माने जायेंग। केवल एक ही यूनिपोल पर विज्ञापन लगाया जायेगा। दुकानों के बाहर सड़क पटरी पर किसी भी प्रकार का विज्ञापन बोर्ड लगाना प्रतिबंधित होगा, ठेकेदार को जो स्थान दिया जायेगा केवल वहीं विज्ञापन लगा सकेगा, बिना अनुमति लगे विज्ञापन न हटाये जाने पर ठेकेदार से ही उस विज्ञापन का शुल्क वसूला जायेगा और जुर्माना भी।