जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर में नगर निगम की कचरा गाड़ी खुले में कचरा लेकर मुख्य मार्गों पर दौड़ रही है। सूखे व गीले कचरे एक साथ होने के कारण चलती गाड़ी से जहां-तहां सड़क पर कचरा गिरता जाता है। वहीं, कचरे से तेज बदबू उठने के कारण राह चलते लोग नाक बंद करने को विवश हो जाते हैं। इससे संक्रमण का भी खतरा बढ़ गया। शहर में वैसे भी इन दिनों कोरोना का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। ऐसे में संक्रमण फैलने से इंकार नहीं किया जा सकता है। शहर से कचरा बिना ढांके ढोया जा रहा है। खुले में कचरे के परिवहन से क्षेत्र में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। हवा की वजह से यह कचरा भी गिर रहा है, जिससे क्षेत्रों में दुर्गंध के हालात बन रहे हैं। यही हाल कचरा गाड़ियों के भी हैं, जिनमें घरों से निकलने वाले कचरे पर नेट नहीं लगाई जाती है। कचरा परिवहन व्यवस्था के तहत बनाए गए नियमों को ताक पर रख दिया गया है। घरों से निकलने वाले कचरा का परिवहन तो जैसे-तैसे किया जा रहा है, लेकिन कचरा वाहनों में कचरा भर जाने के बाद उसे ढंका नहीं जाता है। जानकार कहते हैं कि इससे गड्ढे में वाहन का पहिया पड़ते की कचरा नीचे गिर रहा है तो वहीं हवा के वेग से भी सड़क पर कचरा गिर जाता है। कचरे को एक साथ गाड़ी में डालकर बगैर तिरपाल से ढके तेज रफ्तार से सड़क से निकलते हैं। ब्रेकर आने पर गाड़ी उछलने से जगह-जगह बदबूदार कचरा गिरता है। कोरोना महामारी के बीच निगम की बिना तिरपाल ढके कचरा गाड़ी जब शहर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरती है, तब ब्रेक लगने या गड्ढे में वाहन फंसने पर पीछे चल रहे लोगों पर गंदगी गिर जाती है। शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
नगर निगम में सबसे बड़ी समस्याओं में से एक कूड़ा-कचरा भी है। शहर का हर तबका इससे प्रभावित है।शहर में वाहनों से कूड़ा उठाव बिना ढके हुए किया जा रहा है। नतीजा, साफ-सफाई की व्यवस्थाओं में कुछ खास सुधार नहीं हो रहा है। समस्या यहीं खत्म नहीं होती, डंपिग प्वाइंट पर बेतरतीब तरीके से कूड़ा फैला रहता है। ऊपर से बिना ढके निगम की गाड़ियों के कूड़ा ढोने से लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। कूड़ा वाहन में क्षमता से अधिक कूड़ा डाल दिया जाता है। खुले में कचरा ढोने से दुर्गंध और प्रदूषण फैल रहा है। डंपिग ग्राउंड तक मोहल्ले से कूड़ा ले जाने के क्रम में सड़क पर कचरा गिरता रहता है। कूड़ा गाड़ी के पीछे आवागमन करने वाले राहगीर व वाहन चालक के आंखों में कचरा का कण पड़ रहा है। साफ-सफाई और कचरा कलेक्शन में निगम प्रशासन हर महीने लाखों रुपये खर्च कर रही हैं। बावजूद इसके कचरा लोगों को मुंह पर ही पड़ रहा है। कचरा गाड़ी कचरे को बिना ढके ले जाते हैं। खुले में जा रहा कचरा उड़ता हुआ पीछे चलने वाले वाहन चालक और राहगीरों के मुंह पर आता है। वाहन कचरा उठाने के साथ रास्ते में फैलाते हुए भी जा रहे हैं, जबकि बार-बार कचरे को ढककर ले जाने के निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन न तो कर्मचारी न ही वाहन चालक इस तरफ ध्यान देते हैं।
प्रतिबंध के बावजूद खुले वाहन से ढोया जा रहा कूड़ा
कोर्ट की रोक-टोक और शासन के निर्देश के बावजूद शहर में खुले वाहनों से कूड़ा करकट ढोया जा रहा है। सड़कों से इन वाहनों के गुजरने के वख्त दुर्गंध से जीना मुहाल हो जाता है। वहीं संक्रामक बीमारियों को न्योता भी मिल रहा है। शहर को साफ सुथरा बनाने की जिम्मेदारी नगर निगम के कंधों पर है। शहर की मुख्य सड़कों के डंपिग प्वाइंट में जमा किया जाता है। यहां से कूड़ा उठान करके वाहनों की ओर से कूड़ा कचरा शहर के बाहर किया जाता है। कूड़ा के उठान के समय संजीदगी नहीं बरती जा रही है। खुले वाहनों से कूड़ा कचरा ढोया जा रहा है। सड़ा गला कचरा संक्रमण बांट रहा है। नगर निगम तनिक भी संजीदा नहीं दिखाई दे रही है। लगातार इस काम को कर रही है। इससे लोगों में आक्रोश भी है।