Tuesday, July 15, 2025
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सारस को रास आई हस्तिनापुर की आबोहवा

  • अभ्यारण्य क्षेत्र में सारस की संख्या में करीब 64.91 फीसदी पाया गया इजाफा

जनवाणी संवाददाता |

हस्तिनापुर: राज्य पक्षी सारस को वन आरक्षित क्षेत्र हस्तिनापुर की आबोहवा पसंद आने लगी है। हालही में अभ्यारण्य क्षेत्र में हुई सारस की गणना में इनकी संख्या में करीब 64.91 फीसदी की इजाफा दर्ज किया गया है। 2020 में वन क्षेत्र में 72 सारस थे। जबकि 2021 में इनकी संख्या बढ़कर 114 हो गई है। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि जिले में सारस को अनुकूल वातावरण मिल रहा है। जिले में कुल 114 सारसों में एक बच्चा भी है।

प्रदेश में सारस को राज्य पक्षी का दर्जा दिया गया है। सारस परिवार में रहता है। नर और मादा सारस जोड़े में रहकर अपना कुनबा बनाते हैं। एक-दूसरे के प्रति इनमें अटूट प्रेम होता है। उड़ने वाले पक्षियों में सारस सबसे बड़ा पक्षी है। वह कभी पेड़ पर आशियाना नहीं बनाता। जोड़े में से अगर एक सारस की किसी कारण मृत्यु हो जाती है तो दूसरा सारस भी दम तोड़ देता है। सामाजिक वानिकी और वन्य जंतु प्रभाग शीतकालीन गणना में सारस की संख्या में वृद्धि को अच्छा माना जा रहा है।

अनुकूल वातावरण में करते हैं सुरक्षित महसूस

अधिकारियों और जानकारों का मानना है कि अनुकूल वातावरण और खुद को सुरक्षित महसूस करने के चलते जिले में सारस का कुनबा बढ़ रहा है। सारस तालाब, पोखर और झीलों के किनारे दलदली जमीन के साथ कृषि भूमि को अपना बसेरा बनाते हैं। खेतों के कीड़े मकोड़े उनका भोजन होते हैं। ऐसे में इस पक्षी को किसानों का मित्र भी माना जाता है।

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