- शाहपुर धमेड़ी के शिव मंदिर में सात दिनों तक चला आयोजन
जनवाणी संवाददाता |
शिवाला कलां: हर वस्तु की प्राप्ति के साथ वियोग भी है। हर एक समय मनुष्य की भक्ति करना जीवन का मूल उदेश्य होना चाहिए। सांसारिक कार्य करने के बाद पश्चाताप हो सकता है, परंतु ईश्वरीय भक्ति साधना, ध्यान व परोपकार के पश्चात पश्चाताप नहीं आनंद व आत्म संतोष की अनुभूति प्राप्त होती है। उक्त बातें ग्राम शाहपुर धमेड़ी स्थित शिव मंदिर में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के अंतिम दिन कथावाचक व्यास विजय स्वरूप महाराज ने कहीं। भागवत कथा के अंतिम दिन गुरुवार को महाआरती के बाद भोग वितरण किया गया जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
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