- वही सूरत-ए-हाल, वेस्ट एंड रोड पर अनियंत्रित ट्रैफिक
- बाइक पर ट्रिपल सवारी, अंधाधुंध ओवरटेकिंग
- पुलिस नदारद, ट्रैफिक पुलिस का पता नहीं
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सड़कों पर तेज रफ्तार से दौड़ रही बाइक और चार पहिया वाहन दुर्घंटना को तेजी से दावत दे रही है। खासकर युवाओं के हाथ में स्टेयरिंग होने से सड़क हादसे तेजी से बढ़ रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस यातायात माह नवंबर में यातायात जागरूकता अभियान चलाकर दुर्घंटना से बचने और सावधानी पूर्वक बाइक और चार पहिया वाहन चलाने के बारे में लोगों बताने का काम किया जाता है। इसके बावजदू सड़क हादसा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। सड़क हादसों की मुख्य वजह तेज रफ्तार बनती जा रही है।
कहते है कि आदमी ठोकर खाकर संभल जाता है, मगर वेस्ट एंड रोड क्षेत्र में एक के बाद एक हो रहे हादसों के बावजूद न प्रशासन और न आम आदमी कोई सबक लेने को तैयार है। वेस्ट एंड रोड पर गुरुतेग बहादुर स्कूल के सामने जिस छात्र की आटो पलटने से मौत हुई थी, उसके शरीर से निकला खून सड़क पर दूसरे दिन भी मौजूद था। इसके बावजूद सदर पुलिस ने इसका संज्ञान नहीं लिया। स्कूलों की छुट्टी के वक्त अनियंत्रित ट्रैफिक और ट्रिपल सवारी वाली बाइकों की ओवरटेकिंग के कारण कई दोपहिया वाहन टकराये। हैरानी की बात यह है सदर पुलिस के सिपाही मौजूद नहीं थे। बाद में एएसपी के मौके पर आने के बाद पुलिस सक्रिय हुई।
गुरुतेग बहादुर पब्लिक स्कूल के सामने मंगलवार को दीवान पब्लिक स्कूल का कक्षा छह का छात्र अगस्त्य भारद्वाज आटो पलटने के कारण मौत के मुंह में समा गया था। जिस जगह दुर्घटना हुई वहां डिवाइडर काफी नीचा है और आटो उससे टकरा कर पलट गया था। बुधवार को पूरे दिन वेस्ट एंड रोड के स्कूलों के बाहर छुट्टी के वक्त अफरातफरी का माहौल रहा। पुलिस के न होने से बिना हेलमेट के ट्रिपल सवारी वाली बाइकें तेज रफ्तार से निकलती रही।
एसडी सदर के तीन छात्र एक बाइक पर तेज गति से जा रहे थे तभी स्कूटी पर जा रही एक छात्रा उनकी चपेट में आ गई और गिर पड़ी। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी भागकर गए और छात्रों को जमकर हड़काया। पुलिस के न होने से ट्रैफिक पूरे समय अनियंत्रित रहा। सूचना मिलने पर आए इंस्पेक्टर सदर और ट्रेनी आईपीएस ने बताया कि चुनाव में पुलिसकर्मी जाने के कारण स्टाफ की काफी कमी है और इस कारण डयूटियां नहीं लग पा रही है। अब छुट्टी के वक्त ट्रैफिक पुलिस और फैंटम मौजूद रहेगी।
शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने गए सांसद
वेस्ट एंड रोड पर आॅटो पलटने से मरे दीवान पब्लिक स्कूल के कक्षा छह के छात्र अगस्त्य के शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने सांसद राजेन्द्र अग्रवाल न्यू देवपुरी स्थित आवास पर गए। वहीं मेरठ स्कूल सहोदय काम्पलैक्स मेरठ महान की तरफ से वेस्ट एंड रोड के स्कूलों में मृत छात्र की आत्मा की शांति के लिये शोकसभा की गई।
न्यू देवपुरी में रहने वाला अगस्त्य भारद्वाज मंगलवार को आॅटो से दीवान पब्लिक स्कूल से वापस घर लौट रहा था। जैसे ही आॅटो जीटीबी के पास पहुंचा तभी बाइक के ओवरटेक करने के कारण डिवाइडर से टकराकर पलट गया और ड्राइवर की बगल की सीट में बैठा अगस्त्य नीचे गिरा और आॅटो उसके सिर पर गिर पड़ा। जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। मंगलवार की शाम को अगस्त्य का अंतिम संस्कार उसके पिता कौशल भारद्वाज ने किया।
अगस्त्य के निधन से पूरी गली शोकाकुल रही। जिस वक्त पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिये ले जाया जा रहा था गली में रहने वाले हर किसी की आंखे नम थी। मां आशा का रो रोकर बुरा हाल था। बुधवार को सांसद राजेन्द्र अग्रवाल घर गए और शोकाकुल परिवार को सांत्वना दी और आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना की। वहीं मेरठ स्कूल सहोदय काम्पलैक्स मेरठ महान के अध्यक्ष डा. करमेन्द्र सिंह ने वेस्ट एंड रोड के स्कूलों को मैसेज करके संदेश दिया था कि बच्चे की आत्मा की शांति के लिये शोकसभा आयोजित की जाए।
दीवान पब्लिक स्कूल में कक्षा आठ तक के बच्चों ने मैदान में एकत्र होकर शोकसभा की जबकि बाकी कक्षाओं के बच्चों ने अपने कक्षाओं में दो मिनट का मौन रखा। इसके अलावा मेरठ पब्लिक स्कूल, जीटीबी में भी शोकसभा आयोजित की गई।
बेटे का दर्द भी नहीं सुन सका
न्यू देवपुरी के मकान नंबर 105 में आंसुओं की धार दूसरे दिन भी लोगों की आंखों से निकलती रही। पौत्र अगस्त्य की मौत से दादाजी समेत पूरा परिवार टूट गया है। जुड़वां भाई शिवम और शिवांश रोकर अपने वासु भाई को याद करते हुए कभी दादा के तो कभी मां के पास सिसक रहे हैं।
पिता कौशल बुरी तरह से टूट गये और बस यही कहते रहे कि वासु का दर्द भी नहीं सुन पाया और उससे आखिरी बार बात भी नहीं हो सकी। जब सांसद ने बुजुर्ग दादाजी को सांत्वना दी तो दादाजी खुद को संभाल नहीं पाये। किसी भी माता पिता के लिये जिंदगी का सबसे बड़ा और न भुलाये जाने वाला दुख मासूम बेटे की मौत होता है।
आॅटो पलटने से न केवल अगस्त्य की मौत हुई बल्कि पूरे परिवार के वो सुनहरे सपने चकनाचूर हो गये जो उन्होंने दीवान पब्लिक स्कूल में बच्चे का एडमीशन कराते हुए देखे थे। जिस आॅटो में अगस्त्य सवार होकर आ रहा था उसमें बैठे सात अन्य छात्र बाल बाल बच गए।
उन बच्चों के घर वालोे ने भी शोकाकुल परिवार को सांत्वना दी। बेटे के दुनिया से जाने से अंदर से टूट चुकी मां बार बार वासु वासु कहकर रो रही थी। माता पिता की आंखों में उस वक्त आंसू आ जाता था जब कोई घर में आकर वासु की बात छेड़ता था।