- पहले फेल हो चुके निजी बैंकों में सुरक्षित नहीं होती पूंजी
जनवाणी संवाददाता |
शामली: यूनाईटेड फार्म आफ बैंक यूनियन के आहवान पर सोमवार को बैंक कर्मियों ने हंगामा प्रदर्शन करते हुए निजीकरण व्यवस्था को बंद किए जाने की मांग की है। बैंककर्मियों ने दो दिवसीय हड़ताल शुरू की।
यूनाईटेड फार्म आफ बैंक यूनियन के आहवान पर सोमवार को दर्जनों बैंक कर्मियों ने शहर के हनुमान रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। बैंककर्मियों ने बताया कि भारत में पूर्व में कई निजी बैंक फेल हो चुके है और भविष्य में भी प्राईवेट बैंक फेल हो जाएगे।
उक्त बैंकों में जमा राशि सुरक्षित नहीं होगी। आज सरकारी बैंकों में एक लाख 46 हजार करोड़ से ज्यादा जमाओं पर धीरे-धीरे पूंजीपतियों की मर्जी के अनुसार उपयोग होगा। इतनी बड़ी धनराशि पर पूंजीपतियों का नियंत्रण देश की अर्थव्यवस्था के हित में नहीं है।
बैंक कर्मचारियों की कड़ी मेहनत से हर वर्ष करोडों रुपये का परिचालन लाभ कमाया जाता है। गत वर्ष जो एक लाख 96 हजार करोड़ था, लेकिन सरकार द्वारा एनपीए के लिए प्रावधान किया जाता है जिसमें कई बैंंक नुकसान में आ जाते है।
ऋण की वसूली के नियम सरकार द्वारा इस प्रकार बनाए गए है कि ऋण की वसूली नहीं हो पा रही है। जिस पर सरकार पूंजीपतियों को बैंक बेचने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि प्राईवेट बैंकों में आम आदमी का प्रवेश कम हो जाएगा। वहां छोटी जमाओं का खाता नहीं खुल पाएगा। उन्होने कहा कि निजीकरण में कोई रिजर्वेशन नहीं होगा मनमर्जी से भर्ती होगी।
विरोध करने वाले बैंककर्मियों में संजय जैन, मनोहरलाल सैनी, धर्मेन्द्र, सुशील गौतम, रजनीश, अशोक बंसल, निशांत, मुक्ता, दीपचंद, कृष्णलाल, प्रेम, ललित, अमित, शैलेंद्र, नंदकिशोर, देवेंद्र, अरूण मलिक आदि मौजूद रहे।
भाकियू ने दिया बैंककर्मियों को समर्थन
भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान के नेतृत्व में बैंक एंप्लाइज यूनियन की हड़ताल को अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन बैंक कर्मचारियों की निजी करण के विरोध में इस लड़ाई में बैंक कर्मचारियों के साथ है। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान, ब्लॉक अध्यक्ष दीपक शर्मा, नगर अध्यक्ष योगेंद्र पंवार, गय्यूर, पंकज आदि मौजूद रहे।