जनवाणी संवाददाता |
रुड़की: “एक तू सच्चा तेरा नाम सच्चा” ईश्वरी मंत्र के दृष्टा ऋषि सत्पुरुष बाबा फुलसंदे वाले ने कहा कि हीरे, रतन और शहद जैसे मित्र काल के प्रभाव से मिट्टी और दुख में बदल जाते हैं। शास्वत शांति तो परम ब्रह्मा के ध्यान से और सत्पुरुषों की सत्संगति से ही प्राप्त होती है।
बाबा फुलसंदे वाले पनियाला रोड स्थित गंगोत्रीकुंज कॉलोनी में त्रिदिवसीय दिव्य सत्संग कार्यक्रम के दूसरे दिन उपस्थित श्रद्धालुओं को धर्म प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हे परमेश्वर मैं तुमसे सोना चांदी और राज्य नहीं मांगता मुझे तो सत्पुरुषों की शुभ संगति प्राप्त होती रहे। यह संसार तो किसी स्वर्ग की तरह है। मेरी आंखें हे ईश्वर रात दिन तेरे द्वारा रचे हुए इस वक्त जैसे संसार को देखती रहती है।
बाबा ने कहा कि इस संसार में इंसानों के खोल में कितने ही देव और असुरों को देखता रहता हूं। देव पुरुष दूसरों के कष्टों को हरते हैं और असुर दुष्ट आत्माएं दूसरों को दुखी करते रहते हैं। ऐसे दुष्टों के मुख क्लेश की अग्नि में जल कर काले पड़ गए हैं, लेकिन वह अपनी जिद और हठ पर अड़े रहते हैं।
बाबा ने कहा कि वर्तमान में भक्तों को राष्ट्रीय अथवा राष्ट्रप्रेम हेतु अपना सर्वस्व त्याग व सेवा हेतु अग्रसर होना चाहिए। सत्संग में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने सत्पुरुष का माल्यार्पण व पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
इस अवसर पर पूर्व राज्यमंत्री श्यामवीर सैनी,नॉर्दर्न रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य प्रदीप त्यागी,अभिषेक सैनी, अवनीश त्यागी मोदी, उर्मिला सिंह, मधु त्यागी,मनीष श्रीवास्तव, अशोक आर्य, भावना शर्मा, श्रद्धा शर्मा, मधु सिंह, अनुज आत्रेय, धीरसिंह, आकाशदीप त्यागी, रजनी शर्मा, लाखनसिंह,सूर्यकांत सैनी, प्रिंस त्यागी, शिशुपाल यादव आदि आदि ने बाबा का आशीर्वाद प्राप्त किया।