Tuesday, January 14, 2025
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Ravi Pradosh Vrat 2023: कल मनाया जाएगा साल का अखिरी रवि प्रदोष व्रत, ऐसें करें शिव पार्वती की आराधना, दूर होंगे सभी कष्ट

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हर माह में दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। वहीं, आज दिसंबर महीने का अखिरी प्रदोष व्रत है। क्योंकि यह व्रत रविवार को रखा जा रहा है तो हम इसे रवि प्रदोष व्रत कहेंगे। जैसे कि आप सब जानते ही होंगे यह व्रत देवों के देव महादेव को समर्पित है।

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इस दिन भगवान शिव जी की पूजा के साथ साथ माता पार्वती की पूजा आराधना की जाती है। बताया जाता है जो व्यक्ति लंबे समय से बीमार हो, उसे यह प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए। इस व्रत को करने से माता पार्वती और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही हमारे जीवन में सुख समृद्धि मिलती है। तो चलिए जानते हैं रवि प्रदोष का शुभ मुहू​र्त और पूजन विधि..

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प्रदोष व्रत तिथि

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मार्गशीर्ष माह की शुक्ल त्रयोदशी तिथि 24 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 24 मिनट से शुरू हो रही है। इस तिथि का समापन 25 दिसंबर को सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर होगा। प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए 24 दिसंबर, रविवार के दिन प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 30 मिनट से रात 08 बजकर 14 मिनट तक है।

रवि प्रदोष व्रत 2023 पूजन विधि

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  • बताया जाता है कि, प्रदोष व्रत के दिन पूजा के लिए प्रदोष काल यानी शाम का समय शुभ माना जाता है।
  • इस दिन सूर्यास्त से एक घंटे पहले स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
  • संध्या के समय पुनः स्नान के बाद शुभ मुहूर्त में पूजा आरंभ करें।
  • गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें।
  • फिर शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग, आदि अर्पित करें।
  • इसके बाद विधि पूर्वक पूजन और आरती करें।

रवि प्रदोष व्रत महत्व

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प्रदोष व्रत को सभी व्रतों में खास माना जाता है। इस व्रत को करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और सभी दुखों को दूर करके सुख, शांति, समृद्धि प्रदान करते हैं। ऐसी मान्यता है कि रवि प्रदोष व्रत को करने से दुख, रोग, दोष आदि दूर हो जाते हैं। साथ ही कष्टों से मुक्ति मिलती है

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