Saturday, May 3, 2025
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डायरिया, हल्के में लेना हो सकता है खतरनाक

Sehat


डायरिया का इलाज जितना आसान है, इसे हल्के में लेना उतना ही खतरनाक साबित हो सकता है। यदि समय पर इस रोग की पहचान हो जाए और इसका इलाज शुरू कर दिया जाए, तो इससे कोई खतरा नहीं, लेकिन न पहचान में आने पर और देर से इलाज शुरू करने पर यह जानलेवा भी साबित होता है। यदि किसी को बार-बार मल त्याग के लिए जाना पड़ता है, मल बहुत पतला आता है तो उसे डायरिया हो सकता है। ऐसे में बिना देर किए रोगी को तुरंत चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए।

क्या है डायरिया

डायरिया के रोगी को दस्त बहुत ज्यादा होती है। बार-बार मल त्याग के लिए जाना पड़ता। ऐसे में रोगी के शरीर में पानी की मात्रा कम होती जाती है और रोगी कमजोरी महसूस करने लगता है। यह रोग बासी या प्रदूषित भोजन खाने, गंदा पानी पीने आदि से होता है। डायरिया के रोगी के पेट के निचले हिस्से में चुभन होती है। पेट में मरोड़ उठना, उल्टी आना, बुखार होना, कमजोरी और बेचैनी महसूस करना आदि डायरिया के प्रमुख लक्षण हैं।

यदि रोगी का समय पर इलाज न कराया जाए, तो शरीर में पानी की कमी हो जाएगी, रोगी कमजोरी महसूस करने लगेगा और निर्जलीकरण की समस्या पैदा हो जाएगी। बार-बार मल त्याग के लिए जाने से यह समस्या गंभीर होती जाती है। ऐसे में बिना समय गंवाए, तुरंत रोगी को चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए, वरना रोगी की जान भी जा सकती है। यदि डायरिया एक हफ्ते में नहीं कंट्रोल हो पाता, तो यह क्रॉनिक डायरिया में तब्दील हो सकता है। ऐसे में रोगी को बेहोशी आने लगती है और इलाज में देरी उसकी मृत्यु की वजह भी बन सकती है।

कैसे करें बचाव

यदि रोगी को बार-बार मल त्याग के लिए जाना पड़ता है, तो ूउसे थोड़ी-थोड़ी देर में नमक और पानी का घोल या ओआरएस घोल पिलाना चाहिए। कोशिश करें कि एक-डेढ़ घंटे में रोगी को इस घोल की एक लीटर मात्रा पिलाएं। ऐसा करने से रोगी को निर्जलीकरण की समस्या नहीं होगी।

पीजिए अदरक वाली चाय

अदरक का सेवन करने से डायरिया में राहत मिलती है। अदरक की चाय पीने से पेट की पीड़ा कम होती है। अदरक का रस, नीबू का रस और काली मिर्च का पाउडर पानी में मिलाकर पीने से राहत मिलती है।

सेब के मुरब्बा का सेवन

केला, सेब का मुरब्बा और टोस्ट का मिश्रण रोगी को देने से भी उसे काफी राहत मिलेगी। केला आंतों की गति को नियंत्रित करता है और दस्त को बांधने में रामबाण औषधि का काम करता है। केले और सेब में पेक्टिन होता है, जो दस्त को कम करने का काम करता है। पतली खिचड़ी रोगी को देने से एक तरफ जहां उसे भोजन के साथ पानी भी मिलेगा, वहीं चावल दस्त को कम करने का काम करेगा।

न पिएं दूध

डायरिया में ऐसे खाद्य पदार्थों से दूरी बना लेनी चाहिए, जो देर से पचते हों। यही वजह है डायरिया होने पर दूध और उससे बनी हुई चीजों का प्रयोग बंद कर देना चाहिए।

न त्यागें भोजन

डायरिया होने पर कई बार रोगी को भूख लगना बंद हो जाती है। लेकिन भोजन बंद नहीं करना चाहिए। सेब, केला, पतली खिचड़ी आदि थोड़ा-थोड़ा खाते रहें। ऐसा करने से गैस्टोएंटराइटिस जैसी समस्या से बचाव में मदद मिलेगी। जब डायरिया से मुक्ति मिलने के बाद भी 3-4 दिन तक मिर्च-मसालेदार और तैलीय खाने से परहेज करना चाहिए। अल्कोहल का प्रयोग बिल्कुल बंद कर देना चाहिए।

सावधानियां

  • घर में लगे वॉटर फिल्टर के कंटेनर और टोटी को अच्छी तरह साफ करें। यह निश्चित कर लें कि इससे आने वाला पानी संक्रमित न हो।

  • कंटेनर को हर दूसरे-तीसरे दिन साफ करें। इससे उसमें गंदमी नहीं जमा हो पाएगी।

    ल्ल वॉटर फिल्टर से निकाले गए पानी को एक दिन में ही प्रयोग कर लें। पानी के बर्तन को खुला न रखें।

  • यदि वॉटर फिल्टर नहीं है, तो डायरेक्ट आने वाले पानी को या नल के पानी को अच्छी तरह उबालने के बाद उसे पतले सूती कपड़े से छानने के बाद ही प्रयोग करें।

  • यह सुनिश्चित कर लें कि जो पानी आप रोगी को दे रहे हैं, वह संक्रमित न हो।

  • डेढ़-दो साल के बच्चों के नहलाने का पानी भी बिल्कुल साफ होना चाहिए, क्योंकि नहाते समय कई बार बच्चे के मुंह में पानी चला जाता है और यह डायरिया की वजह बन जाता है।

  • भोजन बनाने से पहले हाथ अच्छी तरह साफ कर लें।

  • किचन में उपयोग की जाने वाली सब्जी को अच्छी तरह से साफ करने के बाद ही प्रयोग करें।

  • सब्जी बिल्कुल ताजी हो या फिर कहीं से भी सड़ी नहीं होनी चाहिए।

  • बासी भोजन बिल्कुल भी न खाएं। उतना ही भोजन बनाएं जिसे लोग खा लें।

    पेट खराब होने पर करें उपाय

  • गाजर का जूस पीने से पेट सही हो जाता है। जूस में पुदीने का रस भी मिला लें तो आपके पेट को ठंडक मिलेगी।

  • चावल पेट खराब होने पर स्टार्च से भरा भोजन खाएं जैसे, चावल। अगर चावल को दही के साथ मिक्स कर के खाएं तो पेट को आराम मिलता है।

  • दही में प्रोबायोटिक बैक्टीरिया होता है जो कि पेट के पाचन तंत्र को सही करता है।

  • एक कप गरम पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाइए और उसे शहद मिला कर पी लें। इससे पेट का हाजमा सही हो जाएगा और गैस बनना बंद हो जाएगी।

  • जले हुए टोस्ट के सेवन से पेट सही हो जाता है। जला टोस्ट न केवल पेट में बनने वाले एसिड को सही करेगा बल्कि पेट की खराबी से भी राहत दिलाएगा।

  • गरम दूध में ओट्स डालकर खाने से पेट सही हो जाता है, क्योंकि इसमें बहुत सारा फाइबर होता है।

  • पेट में दर्द या गैस बन रही हो, तो सौंफ का सेवन करना चाहिए।

  • पपीते में बहुत सारा विटामिन सी होता है और पेट के हाजमे को सही करने वाला इंजाइम पपाइन भी होता है।

  • यदि आप अदरक की चाय पिएंगे, तो आप तुरंत ही सही हो जाएंगे। जिंजर टी आपके खराब पेट को राहत दिलाएगी।


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