- कई नर्सिंग होम के चक्कर काटने के बाद भर्ती हुआ था मेडिकल में
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एक तरफ कोरोना का जानलेवा कहर और दूसरी तरफ मेडिकल कालेज के कर्मचारियों की लापरवाही से मरीजों को जान तक के लाले पड़ रहे है। बुधवार को मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में भर्ती मरीज के बगल में रखे आॅक्सीजन के सिलेंडर न बदलने के कारण मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
दिल्ली रोड निवासी राजेश जैन को मंगलवार दोपहर एक बजे मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। घर वाले खुद का सिलेंडर लेकर गये थे। किसी तरह जुगाड़ लगाकर उनको इमरजेंसी में बेड मिल गया था, लेकिन काफी देर तक उनको देखने कोई डाक्टर नहीं आया। राजेश जैन के परिजनों ने बताया कि सुबह चार बजे सिलेंडर खत्म होने पर बार बार बदलने की बात की जा रही, लेकिन वहां मौजूद स्टाफ सुनने को तैयार नहीं था।
इस बात को लेकर कई बार झड़पें भी हुई, लेकिन सुनने को तैयार नहीं हुए। सुबह करीब साढ़े सात बजे तक सिलेंडर होने के बाद भी नहीं बदले जाने से उनकी मृत्यु हो गई। परिजनों ने बताया कि गत दिवस तबियत बिगडने पर राजेश जैन को डाक्टर को दिखाया गया तो आॅक्सीजन की कमी का पता चला था।
आॅक्सीजन लगाकर तमाम निजी अस्पतालों में चक्कर काटने के बाद भी बेड न मिलने पर मेडिकल इमरजेंसी लेकर पहुंचे। वहां एक बजे बेड तो मिला, लेकिन तीन बजे तक कोई डाक्टर मरीज को देखने तक नहीं आया। पूछने पर दवा की पर्ची दी गई, जिसकी दवा एक मेडिकल स्टोर के युवक ने लाकर दी। एक सिलेंडर मेडिकल से मिला जिसे दो मरीजों को लगाया गया।
दोबारा सिलेंडर खत्म हुआ तो परिजनों ने एक सिलेंडर बदलने को दिया, लेकिन उसे नहंी बदला गया। मेडिकल कर्मचारियों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। हंगामा बढ़ता देख मेडिकल थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों की बात सुनकर उन्हें शांत कराने की कोशिश की।
कंट्रोल रूम को मिलीं 150 शिकायतें, सिलेंडर नहीं मिला
कोरोना के मरीजों के लिये आॅक्सीजन की कमी को देखते हुए जिलाधिकारी ने जिस कंट्रोल रूम की स्थापना की थी। उसमें पहले दिन 150 शिकायतें आई, लेकिन एक भी परेशान व्यक्ति को सिलेंडर दिलाने में कंट्रोल रूम ने मदद नहीं की।
आॅक्सीजन की किल्लत ने अफरातफरी का माहौल बना दिया है। कलक्ट्रेट परिसर स्थित सीआरए कार्यालय में बनाए गए कंट्रोल रूम के स्थापित होते ही यहां फोन की घंटी घनघनाने लगी है। फोन करने वालों ज्यादातर लोगों ने सिर्फ आक्सीजन की ही मांग की।
कलक्ट्रेट में बनाए गए कंट्रोल रूम को 24 घंटे संचालित करने के लिए कर्मचारियों की तैनाती की गई है। कंट्रोल रूम पर अभी 150 शिकायतें आ चुकी है। इसमें सभी शिकायतकर्ता आॅक्सीजन की मांग कर रहे हैं। लोगों ने अपने मरीज की गंभीर स्थिति बताते हुए हर हाल में आॅक्सीजन उपलब्ध कराने की गुहार लगाई है।
कई लोगों ने कई अस्पतालों पर भी आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। अभी लोगों को सिर्फ आश्वासन देकर ही शांत किया जा रहा है। एडीएम सुभाष प्रजापति ने बताया कि कंट्रोल रूम पर आने वाली शिकायतों को दर्ज कर संबंधित कार्रवाई कराई जा रही है। सवाल यह उठ रहा है जब आक्सीजन की जरुरत तुरंत पड़ रही है ऐेसे में कार्रवाई बाद में होने की बात कहना कहां तक न्यायोचित है।