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कोविड अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों की चल रही वेटिंग

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कोविड अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों की चल रही वेटिंग
  • कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ रही संख्या के चलते अस्पतालों में बढ़ाई सुरक्षा
  • तीमारदारों के अलावा अन्य व्यक्ति के अस्पताल के अंदर जाने पर लगी रोक
  • बीमार को भर्ती करने से पहले ही आॅक्सीजन की कमी को लेकर पहले ही कर देते हैं सचेत

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए भले ही जिला प्रशासन ने 30 अस्पताल चिह्नित कर रखे हो। लेकिन इन दिनों मरीजों को अस्पताल में आसानी से बेड तक नहीं मिल रहा है। इसके लिए भी लोगों को नेता और अधिकारियों की सिफारिश लगवानी पड़ रही है।

निजी अस्पतालों के अलावा ऐसा ही हाल सरकारी अस्पताल का भी होने लगा है। कोविड अस्पतालों में इस वक्त कोरोना संक्रमितों को भर्ती करने के लिए वेटिंग चल रही है। हाल ऐसा है कि मरीज के परिजन अस्पतालों में दिनभर फोन करके बेड खाली होने के बारे में जानकारी लेते रहते है।

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मरीजों को भर्ती कराने के लिए चल रही मारामारी के चलते अस्पताल मालिकों ने सुरक्षा बढ़ा दी है और बाउंसर भी रखने लगे है। वहीं अस्पताल के गेट भी दिनभर बंद रहने लगे और एक तीमारदार के अलावा दूसरे को अंदर तक नहीं जाने दे रहे है।

साधारण बेड के लिए भी चल रही वेटिंग

मेडिकल कॉलेज समेत शहरभर के कोविड अस्पतालों में इस वक्त लगभग तीन हजार गंभीर मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था है। लेकिन कोरोना संक्रमितों की लगातार बढ़ती संख्या के चलते आॅक्सीजन बेड व साधारण बेड भी खाली नहीं है। जिस वजह से ज्यादातर मरीजों के परिजन अस्पतालों के चक्कर लगा रहे है और कुछ दिनभर अस्पतालों में फोन करके बेड खाली होने की जानकारी लेते रहते है। केएमसी, सिरोही नर्सिंग होम, आनन्द अस्पताल व न्यूटिमा सेंटर समेत अन्य अस्पतालों में 10 से 15 की वेटिंग बनी हुई है।

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दवाई और आॅक्सीजन के लिए भटक रहे परिजन

कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज को लेकर निजी अस्पताल संचालकों की मनमानी जारी है। कुछ लोगों का आरोप है कि मुंह मांगा पैसा देने के बावजूद उनके मरीज को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। यही नहीं परिजनों को ही खुद आॅक्सीजन से लेकर रेमडेसिविर इंजेक्शन तक का इंतजाम करना पड़ रहा है। अस्पताल संचालकों का हाल ऐसा है कि मरीज को भर्ती करने से पहले आॅक्सीजन सिलेंडर के बारे में पूछा जाता है और सिलेंडर न होने पर उन्हें पहले ही सूचित कर दिया जाता है कि यहां कभी भी आॅक्सीजन खत्म हो सकती है। ऐसे में परिजन मरीज को भर्ती कराने के बाद आॅक्सजीन की व्यवस्था में जुटे रहते है।

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एक तीमारदार के अलावा अन्य को नहीं जाने दे रहे अंदर

कोविड अस्पतालों में इस वक्त मरीजों की भीड़ जुट रही है। हालात ऐसे है कि मरीजों को बेड भी मिलना मुश्किल हो रहा है। अस्पतालों में लगातार बढ़ रही भीड़ के चलते अब अस्पताल संचालकों ने एक तीमारदार को ही अंदर जाने की अनुमति दी जा रही है। जिसके चलते अब पूरा दिन अस्पतालों के मुख्य द्वार बंद रहने लगे है और पूरी पूछताछ करने के बाद ही तीमारदारों को अंदर जाने दिया जा रहा है।