- माफिया व अपराधी रहेंगे रडार पर, क्राइम ब्रांच की बढ़ेगी जिम्मेदारी
- नवागत डीआईजी का थानों व चौकियों की कार्यप्रणाली पर रहेगा फोकस
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: चार्ज संभालने के बाद डीआईजी कलानिधि नैथानी कानून व्यवस्था की पिच पर गुरुवार को फ्रंटफुट पर नजर आए। दिन की शुरुआत शहर की नब्ज टटोलने से की। कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे. के संग वह कई इलाकों में पहुंचे। इस दौरान कई ऐसी भी जगह थीं, जहां पुलिस फोर्स होना चाहिए था, लेकिन वहां मौजूद नहीं था। डीआईजी के रडार पर तमाम वो अपराधी रहेंगे जिनकी परछाई पर भी पुलिस का अभी पैर नहीं पड़ा है।
शहर में अपनी विजिट की जानकारी उन्होंने पुलिस लाइन में मीडिया से भी शेयर की। डीआईजी नैथानी ने संकेत दिया कि उनका फोकस थानों व चौकियों रहेगा। इनकी कार्यप्रणाली यदि दुरुस्त है तो कानून व्यवस्था की कोई समस्या का सवाल ही पैदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि छोटी से छोटी वारदात की सूचना थानेदार व चौकी इंचार्ज को अपने सीनियर को देनी होगी ताकि जवाबदेही बनी रहे। वजह कुछ क्यों ना हो थाने से फरियादी बगैर उसकी बात सुने नहीं लौटाया जाना चाहिए। डीआईजी का मानना है कि थाना स्तर व चौकी स्तर पर ही सुनवाई जरूरी है।
इसकी वजह उन्होंने मेरठ के संवेदनशील मिजाज को बताया। उन्होंने कहा कि यहां सांप्रदायिक व जातीय टकराव की स्थिति ना बने, इस पर सबसे ज्यादा फोकस रहेगा। कलानिधि नैथानी ने कहा कि ऐसे तमाम अपराधी जिनकी फरारी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है उनकी जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच को सौंपी जाएगी। उन्होंने इस मौके पर बदन सिंह बद्दो का नाम खासतौर से लिया।
साइबर रिलेटिड एकाउंट पर होगी नजर
डीआईजी नैथनी ने बताया कि साइबर क्राइम और उसका टेÑड तेजी से बढ़ रहा है। साइबर क्राइम रोकने पर उनका खास फोकस होगा। जिन बैंकों में ग्राहकों के साथ साइबर फ्रॉड हुआ है उनसे संबंधित खाते साइबर टीम के रडार पर रहेंगे। पुलिस कर्मियों के भ्रष्टाचार पर उन्होंने दो टूक कहा कि ऐसी पुलिस कर्मियों की खैर नहीं। पब्लिक के सहयोग से क्राइम कंट्रोल की बात कही।
विशाल ने रजिस्ट्री कार्यालय में खपाए करोड़ों के फर्जी स्टांप
मेरठ: 100 करोड़ के स्टांप चोरी के मामले में उप निबंधक कार्यालय में तैनात रहे तत्कालीन अधिकारी, कर्मचारी व बिल्डरों के नाम सामने आए हैं। एसआईटी टीम का कहना है कि बैनामों में अधिकतर फ र्जी स्टांप 25-25 हजार के लगाए गए हैं। एसआईटी ने सभी पुराने बैनामों को निकाल कर अपनी केस डायरी में शामिल कर लिया। एसआईटी का कहना है कि उपनिबंधक कार्यालय में तैनात कर्मचारियों, अधिकारियों व बिल्डरों की सेटिंग-गेटिंग से विशाल वर्मा ने मेरठ की रजिस्ट्री कार्यालय में करोड़ों रुपये के फर्जी स्टांप खपाए हैं।
शहर में फर्जी स्टांप घोटाला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एसआईटी अधिकारियों की टीम इस केस में नए-नए खुलासे कर रही है। एसएसपी डा. विपिन ताडा भी सारे मामले में नजर रखे हुए हैं, लेकिन विशाल वर्मा की गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है। पुलिस का कहना है कि छानबीन में निकल कर आया है कि 25 हजारी विशाल वर्मा की उपनिबंधक कार्यालय में तैनात तत्कालीन अधिकारियों की बिल्डरों के साथ सेटिंग-गेटिंग थी।
जिसके कारण 750 करोड़ के फर्जी स्टांप मेरठ के रजिस्ट्री कार्यालय में खपाए गए हैं। उनका मानना है विशाल वर्मा की गिरफ्तारी के बाद पता चलेगा कि फर्जी स्टांप कहां से खरीदे गए हैं। यहां किस कोषागार से चुराए गए हैं। एसआईटी के नोडल प्रभारी अवनीश कुमार का कहना है कि स्टांप घोटाले में वांटेड चल रहे विशाल वर्मा की तलाश की जा रही है। दो टीमें लगातार उसकी लोकेशन ट्रेस कर रही है। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी हो जाएगी।
बिल्डर को बनाया जाएगा मुल्जिम
एसआईटी टीम का कहना है कि मेरठ में 50 से ज्यादा बिल्डरों ने कालोनी काटकर लोगों की रजिस्ट्री कराई। सभी रजिस्ट्री विशाल वर्मा से कराई गई। सभी बिल्डरों द्वारा कराई गई रजिस्ट्री में 25-25 हजार के स्टांप पेपर फर्जी मिले हैं।
विशाल की गिरफ्तारी को एसपी क्राइम से मिले व्यापारी
स्टांप घोटाले में फरार चल रहे 25 हजारी विशाल वर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मेरठ व्यापार मंडल के नेताओं ने एसपी क्राइम से मुलाकात की। उन्होंने एक ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि स्टांप घोटाले में कई नाम और सामने आए है। पुलिस उन्हें मुकदमे में शामिल करें। विशाल वर्मा की जल्द से जल्द गिरफ्तारी करें। एसपी क्राइम अवनीश कुमार ने जांच का आश्वासवन देकर उन्हें शांत कराया। गुरुवार को मेरठ व्यापार मंडल के नेता शैंकी वर्मा, तरुण शर्मा, अर्पित मोघा, उमा शंकर, जीतू नागपाल समेत काफी संख्या में व्यापारी एसपी क्राइम के आफिस पहुंचे।
उन्होंने मांग की है कि 25 हजारी विशाल वर्मा की जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो। इसके साथ उपनिबंधक कार्यालय में तैनात रहे रजिस्ट्री करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों के नाम भी घोटाले में खोले जाए। इसके साथ जिन बिल्डरों ने विशाल वर्मा के साथ मिलकर रजिस्ट्री कराई है। उनके नाम भी सामने आए। एसपी क्राइम अवनीश कुमार ने व्यापारियों को आश्वासन दिया। कि जल्द से जल्द विशाल वर्मा की गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
मवाना में रिश्वत लेते चौकी इंचार्ज रंगेहाथों गिरफ्तार
मवाना: बस स्टैंड पुलिस चौकी के इंचार्ज विजय पाल सिंह को एंटी करप्शन की टीम ने रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। दरअसल, एंटी करप्शन की टीम को चौकी इंचार्ज विजयपाल सिंह की लगातार शिकायत मिल रही थी। गुरुवार को टीम ने नोटों पर पाउडर लगाकर फरियादी को पैसे सौंपे। जिसके बाद फरियादी पैसे लेकर चौकी इंचार्ज के पास पहुंचा तथा पाउडर लगे पैसे दारोगा विजयपाल को सौंप दिए, जिसके बाद एंटी करप्शन की टीम ने रंगे हाथ दारोगा विजयपाल को गिरफ्तार कर लिया गया।
मवाना के मोहल्ला खैरात अली निवासी मोहम्मद समर उर्फ सोनू पुत्र मुश्ताक पर मवाना थाने में मुकदमा अपराध संख्या 415/2024 धारा 191(2), 131, 127(2), 352, 351(2) बीएनएस दर्ज है। जिसकी विवेचना विजयपाल कर रहे हैं। एंटी करप्शन की अधिकारी अंजू भदौरिया ने बताया कि मुकदमे से नाम काटने व जेल ना भेजने की एवज में विजयपाल सिंह ने सोनू से 10 हजार रुपये मांगे थे। सोनू का कहना है कि वह गरीब है, उसके पास तुम्हें देने के लिए इतने पैसे नहीं है। उसके बाद पीड़ित ने शिकायत कर आपबीती सुनाई। उसके बाद रिश्वतखोर दारोगा के लिए जाल बिछाया गया।
एंटी करप्शन से गुरुवार को पैसे देते समय उसे रंगे हाथ गिरफ्तार किया। उसके बाद चौकी इंचार्ज विजयपाल को टीम इंचौली थाने में ले आई। जहां लिखा-पढ़ी की गई। वहीं, दारोगा की गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही एसपी देहात डा. राकेश मिश्रा भी इंचौली थाने में पहुंच गए तथा आरोपी दारोगा से पूछताछ की। बताया गया है कि इस मामले में मुकदमा इंचौली थाने में दर्ज होगा तथा जांच एंटी करप्शन की मेरठ यूनिट करेगी।