नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहार को बहुत ही खास माना जाता है। यह पर्व साल में चार बार मनाया जाता है, जिनमें दो प्रकट नवरात्रि – चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि होती हैं, जबकि बाकी दो गुप्त नवरात्रि के रूप में मनाई जाती हैं। इस साल पहली चैत्र नवरात्रि 30 मार्च, 2025 से शुरु होकर 7 अप्रैल को समाप्त होगी। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपो की पूजा होती है, जिसमें पूजा का प्रारंभ कलश स्थापना से होता है। ऐसे में चलिए जानते हैं चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना के मुहूर्त और कुछ महत्वपूर्ण उपाय के बारे में।
कलश स्थापना का महत्व
नवरात्रि का आरंभ कलश स्थापना से होता है, जिसे शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। विधिपूर्वक कलश स्थापना करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। कलश स्थापना के साथ भक्तों को व्रत का संकल्प लेना चाहिए और मां दुर्गा की विधि-विधान से आराधना करनी चाहिए।
नवरात्रि के दौरान किए जाने वाले उपाय
- सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ: यह पाठ अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है, जो जीवन की कठिनाइयों को दूर करने और सफलता प्राप्त करने में सहायक होता है। यदि इसे दुर्गा सप्तशती के साथ पढ़ा जाए तो विशेष लाभ मिलता है।
- दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ: नवरात्रि के नौ दिनों तक इन ग्रंथों का पाठ करने से रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
- नवरात्रि के नौ दिनों तक दीप प्रज्वलित करें: देवी मां की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन दीप जलाना शुभ माना जाता है।
नवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व
नवरात्रि के दौरान भक्त देवी दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे उन्हें आध्यात्मिक शक्ति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन नौ दिनों तक माता रानी की कृपा प्राप्त करने से सभी प्रकार के दुख, परेशानियां और नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। यह समय साधना, आत्मशुद्धि और ईश्वर की भक्ति में लीन रहने का होता है।
नवरात्रि एक ऐसा पर्व है, जो शक्ति, भक्ति और साधना का प्रतीक है। इस दौरान माता रानी की आराधना करने से जीवन में सुख, समृद्धि और उन्नति के मार्ग खुलते हैं। उचित विधि से व्रत और पूजा करने से भक्तों को देवी की कृपा प्राप्त होती है और उनका जीवन मंगलमय बनता है।