- दारोगा की गोली लगने से आठ वर्षीय किशोर के सिर में आई थी गंभीर चोट
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कंकरखेड़ा में एक रिटायर्ड दारोगा की गोली लगने से गंभीर रुप से घायल आठ साल के बच्चे के सिर की गंभीर सर्जरी करके उसकी जान बचा ली गई है। न्यूरो सर्जन डाक्टर अभिनव बंंसल ने बताया कि जिस वक्त बच्चे को अस्पताल लाया गया था, बच्चा लगभग मरणासन्न अवस्था में था और उसके मस्तिष्क का एक बड़ा हिस्सा सिर की हड्डी से बाहर निकल कर आ गया था। डाक्टरों की टीम के अथक प्रयास से बच्चे को नई जिंदगी मिल गई है।
केएमसी अस्पताल में आयोजित पत्रकारवार्ता में डा. सुनील गुप्ता और न्यूरो सर्जन डाक्टर अभिनव बंसल ने बताया कि आठ वर्षीय शिवम पुत्र सोनी वाल्मीकि को 11 जुलाई को रात के वक्त लगभग मरणासन्न अवस्था में लाया गया था। बच्चे के सिर के चारों ओर से खून बह रहा था एवं चोट के कारण उसका दिमाग आगे व पीछे की तरफ से सिर की हड्डी से बाहर निकल कर आ रहा था, ऐसी स्थिति में मरीज की जान बचाना अत्यन्त मुश्किल होता है। डाक्टर अभिनव बंसल एवं उनकी टीम द्वारा समय से उपचार एवं आॅपरेशन कर बच्चे की जान बचाई गई।
आॅपरेशन करने के बाद भी वेन्टीलेटर पर लेते समय बच्चे के बचने की सम्भावना नजर नहीं आ रही थी क्योंकि उसका मस्तिष्क बिल्कुल क्षतिग्रस्त हो चुका था एवं ऐसे ऊतक में आॅपरेशन होने के बाद भी सेप्टिक होने का पूरा खतरा होता है। केएमसी अस्पताल के चिकित्सक, ओटी स्टाफ एवं आईसीयू के सम्पूर्ण स्टाफ की मेहनत एवं जिम्मेदारी की वजह से बच्चे की जिंदगी बच गई। अमूमन इस तरह के रोगियों के आॅपरेशन के आरम्भ से लेकर एक बहुत ही जिम्मेदारी पूर्वक क्रिटीकल केयर की भी आवश्यकता होती है। उसी के फलस्वरुप इस तरह के रोगियों का जीवन बचता है। इस मौके पर डा. प्रतिभा गुप्ता, बिंदु रंजना आदि मौजूद थी।