- एसएसपी आफिस पर दिया शिकायती पत्र, तीमारदारों पर एफआईआर की मांग की
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेडिकल इमरजेंसी में 23 अक्टूबर की रात को बच्चे के साथ आये तीमारदारों के साथ हुई मारपीट की घटना में डाक्टरों ने एसएसपी आॅफिस पर पहुंचकर अपना पक्ष रखा और उन पर लगाये गये आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि उन पर लगाया गया एससी एसटी एक्ट गलत है। वहीं उन्होंने तीमारदारों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
मेडिकल अस्पताल में सोमवार 23 अक्टूबर की रात को तीमारदारों के साथ मारपीट की घटना में आरोपी डाक्टरों पर एससी एसटी एक्ट की कार्रवाई होने के बाद डाक्टरों में आक्रोश है। डाक्टरों ने शनिवार को एसएसपी आॅफि स पर एक प्रार्थनापत्र दिया। डाक्टरों ने एसएसपी आॅफिस पर मारपीट की घटना में अपना अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि 23 अक्टूबर की रात को एक बच्चे को अंगूठे में चोट लगने के कारण वह इमरजेंसी कमरा नंबर 16 में उसका उपचार कर रहे थे।
तभी साथ आये परिजनों में से एक ने बीच में बोलते हुए कहा कि सही इलाज करो। बीच में टोका टाकी करने पर उनसे हमने कहा कि हमें उपचार करने दो। इस बात पर उन्होंने मारपीट कर दी। जिसमें पहले उन लोगों ने मारपीट की। वहीं एससी एसटी लगाये जाने पर डाक्टरों ने कहा कि इस तरह की कोई टिप्पणी तीमारदारों पर नहीं की गई। जबकि उनमें से एक डाक्टर ने कहा कि वह भी अनुसूचित जाति से है। इसलिए यह आरोप गलत है। उन पर लगाया गया एससी एसटी एक्ट गलत लगाया गया है।
बीते सोमवार की रात को एक बच्चे का अंगूठा कुट्टी की मशीन में कट जाने पर परिजन मेडिकल इमरजेंसी में ले गये थे। वहां डाक्टरों से कमालपुर निवासी देवेन्द्र और दीपक व निरंजन और उनकी पत्नी व अन्य की मारपीट हो गई थी। मारपीट का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें डाक्टर तीमारदारों के साथ मारपीट करते हुए महिलाओं को घसीटते हुए नजर आ रहे थे। मारपीट की घटना में मेडिकल पुलिस ने जूनियर डाक्टर अभिषेक, अब्दुल और आदित्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।