Friday, December 6, 2024
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घबराएं नहीं आसान तरीकों से सीखें अंग्रेजी

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विदेशी भाषा के रूप में इंग्लिश का खास महत्व है और यही कारण है कि इस भाषा के प्रति लोगों के क्रेज की कोई सीमा नहीं है। यह विश्व के देशों के मध्य सभी प्रकार के कम्यूनिकेशन के लिए कॉमन लैंग्वेज (लिंगुवा फ्रैंका) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। विशेष रूप से ग्लोबलाईजेशन के बाद से इंग्लिश का महत्व और भी बढ़ा है। परीक्षाओं से लेकर इंटरव्यू तक और रिटन और स्पोकन कम्यूनिकेशन से लेकर एजुकेशन के मीडियम तक इंग्लिश के इस्तेमाल के प्रति लोगों की पसंद तेजी से बढ़ती जा रही है।

किंतु इस भाषा के नॉन नेटिव जानकार के लिए इस भाषा पर मास्टरी की राहें बहुत ही कठिन हैं। खासकर वैसे लोग जो इंग्लिश भाषा की स्टडी अपने स्कूलिंग में शुरू से नहीं करके बाद के क्लासेज से करते हैं या उनकी स्कूलिंग इंग्लिश मीडियम से नहीं होकर हिंदी मीडियम से हुई होती है। हालात जो भी हों, इस सच्चाई से इनकार करना आसान नहीं होगा कि सभ्यता और संस्कार के तेजी से बदलते परिवेश में अंग्रेजी भाषा का ज्ञान हमारी अहम जरूरत बन चुकी है। अंग्रेजी के इसी अहमियत को ध्यान में रखते हुए एक अहम प्रश्न यह उठता है कि आखिर अंग्रेजी जैसी विदेशी और महत्वपूर्ण भाषा को आसानी से और शीघ्रता के साथ कैसे सीखा जाए।

इंग्लिश के व्याकरण को जरूरी है जानना

प्रत्येक भाषा का एक व्याकरण होता है जो उस भाषा का मूल होता है, उसका संविधान होता है और जिसके ज्ञान के अभाव में हम उस भाषा में कभी भी मास्टरी प्राप्त नहीं कर सकते। अंग्रेजी भाषा के व्याकरण का ज्ञान भी इस भाषा के शुद्ध लिखने, बोलने और पढ़ने में अहम भूमिका निभाता है। वैसे तो इंग्लिश ग्रामर का संसार काफी विस्तृत है, लेकिन इसमें शुरुआत कुछ अतिमहत्वपूर्ण और बेसिक चैप्टर्स के ज्ञान से कर सकते हैं। पार्ट्स आॅफ स्पीच (विशेष रूप से प्रीपोजिशन), टेन्स, सिन्टेक्स, पंक्चूऐशन और नेरेशन ऐसे ही कुछ चैप्टर्स हैं जिनको अच्छी तरह से जान लेने पर इंग्लिश लैंग्वेज को आगे सीखना आसान हो जाता है। इन सभी चैप्टर्स की तैयारी इंग्लिश के ज्ञान के फाउंडेशन का निर्माण करती है।

शब्द पॉवर हाउस है इंग्लिश भाषा का

शब्दों की दुनिया तिलिस्म की होती है। शब्द शक्ति का संसार होता है और यह शासन करता है। भाषा से शब्दों को अलग कर दिया जाए तो इसका कोई वजूद शेष नहीं रहता है। शब्दों में मुख्य रूप से क्रिया के शब्दों को समृद्ध करना जरूरी होता है। किसी भाषा में शब्द दूसरी अन्य भाषाओं से भी लिए जाते हैं। उदाहरण के लिए इंग्लिश में अन्य भाषाओं के रूप में लैटिन, ग्रीक के शब्दों का भी इस्तेमाल होता है। ऐसे शब्दों के ज्ञान से भी इंग्लिश समृद्ध होता है। लिहाजा अंग्रेजी भाषा पर मास्टरी के लिए शब्द भंडार को समृद्ध करना अनिवार्य है।

नियमित पढ़ें इंग्लिश के पेपर और पत्र-पत्रिकाएं

इंग्लिश भाषा के पेपर को पढ़ने से हम केवल करंट अफेयर्स से ही अपडेटेड नहीं होते हैं, बल्कि इसके परिणामस्वरूप इंग्लिश भाषा के मर्म को समझने और सीखने में काफी सहायता प्राप्त होती है। इंग्लिश पेपर में संपादकीय लेखों के नियमित रूप से पढ़ने से भाषा को गहराई से समझने में मदद मिलती है। वर्ड पॉवर समृद्ध होता है और शब्दों के सही और अचूक प्रयोग की जानकारी प्राप्त होती है। विभिन्न प्रकार के वाक्यों के बनावट का भी पता लगता है। नये विचार और भाव उत्पन्न होते हैं जो भाषा की समृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं। कठिन वाक्यों को इंग्लिश में कैसे लिखते हैं इसके बारे में भी ज्ञान प्राप्त होता है। सबसे अधिक विभिन्न विषयों के विचार और शब्दों के बारे में भी इंग्लिश में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।

पास में रखें अच्छी डिक्शनरी

किसी भाषा का एक अच्छा शब्दकोश उस भाषा में ज्ञान प्राप्त करने का एक अगाध सागर होता है जिसकी गहराइयों में अनमोल मोती छुपे रहते हैं। एक डिक्शनरी महज शब्दों के अर्थ का कलेक्शन नहीं होता है बल्कि यह उस भाषा का संक्षिप्त किन्तु महत्वपूर्ण व्याकरण भी होता है। यही कारण है कि इंग्लिश सीखने के लिए आपके पास इस भाषा की एक अच्छी डिक्शनरी जरूर होनी चाहिए। मार्केट में बहुत सारे शब्दकोश उपलब्ध हैं लेकिन हमें एक मानक शब्दकोश ही खरीदना चाहिए। आॅक्सफोर्ड, लॉन्गमैंन, कैंब्रिज, वेबस्टर, कॉलिन्स की डिक्शनरी उत्कृष्ट क्वालिटी के माने जाते हैं। इनमें से कोई एक एडवांस्ड लेवल की डिक्शनरी रखना जरूरी होता है। कठिन शब्दों के अर्थ जानने से लेकर उनके आॅरिजिन और वाक्यों में उनके ठीक झ्र ठीक यूसिज के साथ उनके समानार्थी और विलोम शब्दों को आसानी से सीखा जा सकता है जो इंग्लिश भाषा को सीखने में फाउंडेशन स्टोन का कार्य करता है।

मोटिवेशन को नहीं पड़ने दें कमजोर

जीवन के किसी भी डोमेन में कामयाबी पाने के लिए प्रेरणा जरूरी होती है, क्योंकि यह हमें आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है जिसके परिणामस्वरूप हम पूरी शिद्दत से आगे बढ़ने में सफल हो पाते हैं। किंतु दुर्भाग्यवश हम अपने सपनों को साकार करने के लिए हमेशा मोटिवेटेड नहीं रह पाते हैं और कामयाबी से पहले ही हताशा के शिकार हो जाते हैं। इंग्लिश सीखने के सपने के पीछे भी यही ट्रेजडी लागू होती है। लिहाजा यह जरूरी है कि अन्य सपनों की तरह इंग्लिश सीखने के सपने को भी साकार करने के लिए हमारे जोश और प्रेरणा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। अंग्रेजी सीखने की शुरुआती असफलता के बावजूद हमें निरंतर कोशिश करते रहने चाहिए। गलतियां हमारे लिए एक सच्चे शिक्षक के रूप में कार्य करती हैं। असफलता की स्थिति में हमारे कदम रुकने नहीं चाहिए बल्कि पहले से भी अधिक स्पीड में आगे बढ़ते जाने चाहिए।

इंग्लिश के टॉक शो और न्यूज भी होते हैं मददगार

टेलीविजन के विभिन्न चैनलों पर दिखाये जान ेवाले न्यूज और टॉक शो भी इंग्लिश सीखने में हमारी काफी मदद कर सकते हैं। इन समाचार चैनलों पर न्यूज रीडर के द्वारा पढ़े गए समाचारों से इंग्लिश के शब्दों के करेक्ट उच्चारण और ऐक्सेन्ट सीख सकते हैं। साथ ही शुद्ध और मानक इंग्लिश बोलने की कला भी आसानी से सीखी जा सकती है। इंग्लिश के शब्दों के सटीक प्रयोग को जानने में भी काफी मदद मिल सकती है। इंग्लिश बोलने के क्रम में वाक्यों की संरचनाओं को सीखने के बारे में भी ज्ञान प्राप्त होता है। इंग्लिश बोलने में सबसे बड़ी समस्या फ्लूअन्सी की होती है और न्यूज और टॉक शो से धाराप्रवाह इंग्लिश बोलना की कला पर मास्टरी प्राप्त की जा सकती है।

एक अच्छा और निरंतर पाठक बनें

प्राय: ऐसा कहा जाता है कि एक अच्छा पाठक ही एक अच्छा लेखक बन सकता है। ऐसी मान्यता की पीछे भी ठोस कारण हैं। जब हम इंग्लिश में कई विषयों पर पुस्तकों पर पढ़ते हैं तो हममें न केवल विचार और भाव उत्पन्न होते हैं बल्कि इस भाषा के सीखने में हमें कई और तरीकों से सहायता प्राप्त होती है। सबसे पहले तो किताबों के पढ़ने से इंग्लिश में विभिन्न क्षेत्रों के शब्द भंडार में वृद्धि होती है। फिर इस भाषा के फ्रेजल वर्ब्स और इडीयम्स का ज्ञान होता है। सेन्टन्स स्ट्रक्चर का ज्ञान प्राप्त होता है, भावों को अभिव्यक्त करने के लिए शब्दों के सटीक उपयोग की जानकारी प्राप्त होती है। इंग्लिश में यूज किए गए विदेशी भाषाओं के शब्दों का भी ज्ञान बढ़ता है। इंग्लिश लिखने की कला का विकास होता है। लिहाजा इंग्लिश सीखने के लिए विभिन्न विषयों पर बुक्स पढ़ने की आदत का विकास अनिवार्य है।

नोट बनाने की आदत का करें विकास

पढ़ने के साथ झ्र साथ इम्पॉर्टन्ट इनफार्मेशन या टॉपिक्स के नोट बनाना एक सुंदर कला के रूप में शुमार किया जाता है। किसी न्यूजपेपर, पत्रिका या पुस्तक पढ़ने के समय कठिन शब्दों, फ्रेजल वर्ब्स, इडियम्स, समानार्थी शब्द, विपरीतार्थक शब्द इत्यादि को नोट करके उनके डिक्शनरी में अर्थ देखकर लिखने की आदत के परिणामस्वरूप एक सुंदर नोट बुक तैयार हो जाता है। खुद से तैयार किये गए नोट को एक निश्चित समय अंतराल पर दुहराने से उन सभी शब्दों और उनसे संबंधित अन्य जानकारियों पर कमांड हो जाता है जो अंतत: इंग्लिश सीखने की राहों को आसान करती है।

लास्ट बट नॉट दि लीस्ट

  • डरें नहीं और न ही घबराएं। आत्मविश्वास को डिगने नहीं दें।
  • दूसरों से खुद की तुलना नहीं करें, इससे आप आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
  • खुद को अन्डरएस्टीमेट नहीं करें। हौसला रखें और आगे बढ़ते रहें।
  • गलतियां करने से बिल्कुल नहीं डरें। बिना गलती किए आप सीख नहीं सकते हैं।
  • इस दुनिया में कोई भी परफेक्ट नहीं होता है। आप भी परफेक्ट नहीं बन सकते हैं, इसीलिए अपनी कमियों को स्वीकार करते हुए आगे बढ़ते रहिए।
  • निरंतर अभ्यास से ही आप पूर्ण बन सकते हैं। लिहाजा कोशिश करना नहीं छोड़ें।
    -विफलताओं से भी घबराएं नहीं, क्योंकि इन्ही विफलताओं के कोख में सफलताओं के बीज छुपे होते हैं।
    -श्रीप्रकाश शर्मा

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