जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: इंडियन एसोसिएशन ऑफ ब्रोंकोलोजी की कोचि में आयोजित तीन दिवसीय नेशनल कान्फ्रेन्स में फैकल्टी के रूप में आमंत्रित छाती व श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. वीरोत्तम तोमर ने अपने व्याख्यान में भारतवर्ष में छाती रोग सम्बंधित नवीन तकनीकों को देश विदेश से आये छाती रोग विशेषज्ञों को अवगत कराते हुए बताया कि कैसे भारत में आम जनता तक इन अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ सस्ती दरों पहुंचाया जा सकता है।
डॉ. तोमर ने फेफड़ों में गाठों के कारणों को सटीक रूप से जांचने की विधि को मशीन की बारीकियों पर एक कार्यशाला में अपने अनुभव भी साझा किए।
डॉ. तोमर ने कहा कि फेफड़ों में गांठे बन सकती हैं जिनमें मुख्य रोग है टीबी, सारकॉइडोसिस, लिंफोमा व कैंसर इत्यादि। अतः बिना जांच किये अनुमान से टीबी का इलाज शुरू करने से यदि अन्य रोग है तब वह बढ़कर गम्भीर हो सकता है।