जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में सोमवार दोपहर बाद 4.16 बजे भूकंप के झटके महसूस किए है। भूकंप के बाद लोग अपने अपने घरों से बाहर निकलकर खुली जगह की ओर जाते दिखे। झटके दिल्ली से सटे नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम और गाजियाबाद में भी महसूस किए गए। नेशनल केन्द्र फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल रहा और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.6 मापी गई।
इसलिए आता है भूकंप…
पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
…तो ये है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मायने
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर सात या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।