- एसटीएफ की अनिल दुजाना से भोला की झाल के पास हुई मुठभेड़
- दुजाना के खिलाफ 18 मर्डर समेत 62 से ज्यादा केस दर्ज थे
- वह गिरोह बनाकर हत्या और लूट की वारदात को देता था अंजाम
- एसटीएफ ने 6 साल में दुजाना समेत 184 एनकाउंटर किए
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एसटीएफ ने अपने स्थापना दिवस पर वेस्ट यूपी के खतरनाक बदमाश गैंगस्टर अनिल दुजाना को जानी थाना क्षेत्र के भोला की झाल के पास मुठभेड़ में मार गिरा दिया। अनिल दुजाना पर हत्या, रंगदारी, लूट और फिरौती आदि के 62 मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हैं। एसटीएफ का दावा है कि दुजाना किसी की हत्या करने के लिये आया था। पुलिस ने दुजाना के शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है।
एसटीएफ के एएसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि कुख्यात अनिल दुजाना के मेरठ में भोला झाल पर सक्रिय होने की पुख्ता जानकारी होने के बाद एसटीएफ ने उसे चारों ओर से घेर लिया था। पुलिस पर फायरिंग करते हुए वह फरार होने की कोशिश कर रहा था। इसी बीच पुलिस की गोली लगने से उसकी मौत हो गई। पुलिस गंभीर रूप से घायल दुजाना को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पांचली ले गई, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
अनिल दुजाना वेस्ट यूपी में खौफ का पर्याय बना हुआ था। उस पर लूट, डकैती, हत्या समेत तकरीबन 62 मुकदमे दर्ज थे। अनिल दुजाना के पिछले दिनों जेल से बाहर आने की सूचना मिलने के बाद कई दिन से मेरठ एसटीएफ और वेस्ट यूपी की पुलिस उस की तलाश में जुटी हुई थी। गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से हमले करने का आरोपी था।
एएसपी ने बताया कि अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना पुत्र चतन सिंह निवासी ग्राम दुजाना थाना बादलपुर, गौतमबुद्धनगर, भाड़े पर हत्या कराने के 18 मुकदमे, लूट, रंगदारी वसूलना, विवादित प्रॉपर्टी में हस्तक्षेप कर धन वसूलना, बालू का अवैध खनन कराना, औद्योगिक इकाइयों में अपने वेंडर्स के माध्यम से ट्रांसपोर्टरों का स्के्रब उठवाना, कर्मचारियों की नियुक्ति कराना, रेलवे ठेकेदारी, अवैध सरिया कारोबार करता था।
दुजाना पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट भी लग चुका है। दुजाना के पास से एक पिस्टल, भारी संख्या में कारतूस और गाड़ी बरामद की है। पुलिस ने बताया कि अनिल दुजाना किसी वारदात को अंजाम देने के लिए गुरुवार को मेरठ में भोला झाल पर आया था। मुखबिर की सूचना पर मेरठ एसटीएफ ने उसे चारों ओर से घेर लिया। वह पुलिस टीम पर गोलीबारी करते हुए फरार होने की फिराक में था,
लेकिन पुलिस की गोली से उसकी मौत हो गई। दुजाना पर डेढ़ दर्जन हत्या समेत लूट, डकैती, रंगदारी और फिरौती आदि के 62्र से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे और पुलिस ने उस पर इनाम भी घोषित किया हुआ था। मेरठ एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक बृजेश सिंह ने बताया कि गंगनहर के पास उसकी लोकेशन मिलते ही उनकी टीम ने उसे घेर लिया।
उन्हें सूचना मिली थी कि दुजाना नेपाल भागने की तैयारी में था। उन्होंने बताया कि अनिल दुजाना पिछले काफी समय से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद था, लेकिन कुछ ही समय पहले वह जमानत पर छूट गया था। जेल से बाहर आते ही दुजाना ने जयचंद प्रधान हत्याकांड में उसकी पत्नी और गवाह संगीता को धमकी दी थी।
इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ पिछले हफ्ते 2 मुकदमे दर्ज किए थे। नोएडा पुलिस और यूपी एसटीएफ अनिल दुजाना की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी। पिछले दिनों 7 टीमों ने 20 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की थी, लेकिन दुजाना हाथ नहीं लगा। क्राइम ब्रांच का दावा है कि दुजाना मंडावली के एक बिजनेसमैन की हत्या के इरादे से घूम रहा था।
वहीं पुराने केस में पेश नहीं होने से दुजाना के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया था। उस पर साल 2002 में पहला मामला गाजियाबाद के कविनगर थाने में हत्या का दर्ज हुआ था। उस पर गाजियाबाद के हरबीर पहलवान की हत्या का आरोप था। 2011 में नोएडा के एक मामले में उसे तीन साल की सजा सुनाई गई थी।