- दुकानदारों ने छह-छह फीट तक जगह फिर कब्जाई
- नगर निगम के अधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम की ओर से शहर की सड़कों पर से अतिक्रमण हटाये जाने को लेकर चलाया जा रहा अभियान फुस्स होता नजर आ रहा है। एक दिन अतिक्रमण हटता है तो अगले ही दिन वहां फिर से दुकानदार सड़क पर कब्जा जमा लेते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा जली कोठी से लेकर छतरी वाला पीर तक देखने को मिला।
अतिक्रमण हटने के दो दिन बाद ही यहां फिर से सड़क कब्जा ली गई, लेकिन अब कोई इस ओर देखने वाला नहीं है।
बता दें कि शहर की तमाम सड़कों पर बाजारों में दुकानदारों ने दुकान के आगे कई-कई फीट तक अवैध कब्जा कर रखा है। इस अवैध कब्जे के कारण शहर में जाम की समस्या बनी रहती है।
सड़कें संकरी नजर आती है। अभी हाल ही में नगर निगम के प्रवर्तन दल की ओर से शहर की सड़कों से अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू किया गया। यह अभियान भी छोटे दुकानदारों के लिये होता दिख रहा है। बड़े दुकानदारों के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं होती जिसे लेकर रोजाना अधिकारियों के साथ व्यापारियों की झड़प भी हो रही है।
शहर में जली कोठी, हापुड़ अड्डा से बिजली बंबा बाइपास, कंकरखेड़ा, फुटबॉल चौक पर अभियान चलाया जा चुका है। अब आज हापुड़ अड्डा से तेजगढ़ी तक अभियान चलेगा, लेकिन बीते दिनों चले इस अभियान की बात करें तो जहां जहां से अतिक्रमण हटा एक दिन भी वह सड़कें अतिक्रमण मुक्त नहीं रह पाई।
कंकरखेड़ा में लोगों ने फिर से सड़क किनारे अपनी अस्थायी दुकानें सजा लीं तो जली कोठी पर लकड़ी, लोहे आदि का काम करने वाले दुकानदारों ने दुकानों के आगे फिर से कब्जा कर लिया। यहां फिर से वही हालात हो गये जैसे पहले थे। जाम के कारण यहां से निकलना तक लोगों का मुश्किल हो रहा है।
आलाधिकारियों तक इस बात की जानकारी है कि यहां कब्जा हो गया है, लेकिन कब्जा किस प्रकार हटाया जाता है यह साफ दिखाई पड़ रहा है। नगर निगम को यहां सख्ती के साथ कार्य करना होगा और कब्जा करने के वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी, जिसके बाद ही यहां सड़कें कब्जामुक्त हो सकती हैं।
अतिक्रमण के कारण लगता है भयंकर जाम
शहर में जली कोठी, बुढ़ाना गेट, लिसाड़ी चौराहा, दिल्ली रोड समेत तमाम सड़कों पर अवैध रूप से कब्जा किया जाने के कारण जाम लगा रहता है। हापुड़ अड्डे पर ट्रैफिक पुलिस जाम से मुक्ति दिलाने को प्रयास करती है, लेकिन उसके प्रयास भी असफल हो जाते हैं।
यहां ईरिक्शा वाले इस कदर खड़े हो जाते हैं कि उन्हें सड़कों से हटाना मुश्किल हो जाता है। कई बार तो ट्रैफिक पुलिस रिक्शा संचालकों की रिक्शा में पंक्चर तक कर देती है, लेकिन उसके बावजूद उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता। उधर, हापुड़ रोड पर भी फिर से अतिक्रमण हो गया है।
यहां भी टेम्पो वाले सड़क कब्जाएं हैं, लेकिन उन्हें हटाने वाला कोई नहीं है। शहर में अधिकांश टेम्पो के परमिट तक नहीं है। उनके फिटनेस तक खत्म हो चुके हैं। बिना पॉल्यूशन खुलेआम टेम्पो सड़कों पर खड़े हो जाते हैं, लेकिन उन्हें सड़कों से नहीं हटाया जा रहा है। अधिकारियों को इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है।