- जहां अतिक्रमण, वहां नहीं की जा रही साफ-सफाई, बरसात में महानगर का जलमग्न होना तय
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जिले के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह के आदेश के बावजूद नगर निगम नालों की सफाई में रस्म अदायगी कर रहा है। नगर निगम ने जहां अतिक्रमण है, वहां नालों की सफाई नहीं करा रहा। ऐसे में बरसात में महानगर का जलमग्न होना स्वाभाविक है। हर वर्ष बरसात में महानगर में जलभराव की समस्या गंभीर बन जाती है। लाखों लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।दो प्रमुख नाले आबूनाला और घंटाघर का नाला से ही महानगर के पानी जलनिकासी की जाती है। इन दो नालों में ही अधिकांश कैंट क्षेत्र और पुराने शहर के नाले जुड़े हैं।
इन दोनों मुख्य नालों का पानी काली नदी में गिरता है। इसके अलावा दिल्ली रोड के दो नालों के पानी निकासी काशी गांव में की जाती है। बागपत रोड पर साबुन गोदाम से शुरू होने वाले नाले, रोहटा रोड पर फाजलपुर के नाले निकासी बाइपास पर की जाती है। इसके अलावा कालोनियों के पानी की निकासी बाहरी क्षेत्रों में की जा रही है। पुराने शहर में अहमद रोड स्थित छतरी वाले पीर तिराहे से शुरू होने वाले नाले में सर्वाधिक पानी का दबाव रहता है। क्योंकि इस नाले में करीब सात लाख आबादी के पानी की निकासी की जाती है।
इस नाले में रोजाना हजारों लोग कूड़ा डालते हैं, जिस कारण इसमें हर समय सिल्ट अटी रहती है। इस समस्या से निपटने के लिए नगर निगम ने इस नाले को नए सिरे से बनाकर इसे पाटने यानी ढकने की योजना बनाई छतरी वाले पीर से लेकर मकसूद अली के चौक के मोड़ तक इसे पाट दिया गया। आगे का कार्य चल रहा है। इस नाले पर सैकड़ों लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। इसके अलावा इससे जुड़े श्यामनगर के नाले, भूमिया का पुल के नाले, बच्चा पार्क के नाले पर दुकानदारों ने पक्के रैम्प बना दिया। अनेक दुकानें भी अवैध रूप से चल रही है। पुरानी मोहनपुरी के नाले पर जबरदस्त अतिक्रमण है।
भगत सिंह मार्केट में तो नाले पर अवैध पक्की दुकानें बनी हैं। गोला कुआं पर भी दुकानदारों ने नाले को घेर कर दुकानें बना रखी हैं। महानगर के लगभग सभी नाले अतिक्रमण से घिरे हैं। नगर निगम द्वारा नालों की सफाई का अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन नालों पर अतिक्रमण करने वालों पर नगर निगम के अधिकारियों ने मेहरबानी बना रखी है। नगर निगम के कर्मचारी जहां अतिक्रमण है, वहां नाले में गंदगी को बाहर नहीं निकाल रहे और जहां नाले खुले हैं, वहां सफाई की जा रही है। सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है।
खास बात ये है कि प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने शुक्रवार को महापौर और अधिकारियों के साथ बैठक करके 30 जून तक सभी नालों की सफाई कराने के आदेश दिए, लेकिन मंत्री के आदेश पर पालन करने के बजाए सिर्फ दिखावा किया जा रहा है। ऐसे में बरसात में नगरवासियों को जलभराव की समस्या से निजात की उम्मीद नहीं है। उधर, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेन्द्र का कहना है कि नालों की सफाई का कार्य 30 जून तक पूरा करने का लक्ष्य है। अधिकांश नालों की सफाई की जा रही है। कुछ स्थानों पर नाले के ऊपर अतिक्रमण की दिक्कत आ रही है, वहां अतिक्रमण हटवाकर सफाई कराई जाएगी।
कैंट विधायक ने छावनी परिषद के नालों की सफाई का उठाया मुद्दा
कैंट विधायक ने शनिवार को छावनी परिषद के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने मानसून आने से पूर्व कैंट क्षेत्र के सभी नालों की सफाइ कराने और जिन नालों की बाउंड्री क्षतिग्रस्त हैं, उनकी मरम्मत कराने का आग्रह किया। उन्होंने छावनी क्षेत्र में निराश्रित पशुओं की समस्या का समाधान करने का आग्रह किया। कैंट विधायक अमित अग्रवाल दोपहर को छावनी परिषद कार्यालय पहुंचे।
उन्होंने सीईओ ज्योति प्रसाद, सफाई अधीक्षक वीके त्यागी और राजस्व अधीक्षक राजेश जॉन आदि के साथ बैठक की। उन्होंने छावनी परिषद के नालों की सफाई का मुद्दा उठाया। कहा कि मानसून सिर पर है, लेकिन कैंट बोर्ड ने नालों की सफाई को गंभीरता से नहीं लिया। सीईओ ने बताया कि आबू नाले के साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण नालों की सफाई कराई जा रही है। मानसून आने से पहले ही नालों की सफाई का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। कैंट विधायक ने कहा कि नालों की सफाई के नाम पर दिखावा न किया जाए। इस तरह सफाई कराई जाए, ताकि बरसात में जलभराव न हो।
उन्होंने कहा कि आबू नाले के साथ-साथ सेंट्रल एक्साइज के दफ्तर के आगे के नाले की बाउंड्री जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है। बाउंड्री का निर्माण कराया जाए, ताकि लोग दुर्घटना से बच सकें। अमित अग्रवाल ने छावनी क्षेत्र में निराश्रित पशुओं का गली मोहल्लों से लेकर मेन रोड तक जमावड़ा लगे होने की बात कही और इस समस्या का निराकरण कराने का आग्रह किया। छावनी परिषद के सीईओ ज्योति कुमार ने नालों की क्षतिग्रस्त बाउंड्री का निर्माण कराने का भरोसा दिलाया। उन्होंने छावनी क्षेत्र में सड़कों पर रहने वाले निराश्रित गोवंश को गोशाला वालों से बात करके उन्हें वहीं भेजने का आश्वासन दिया।