जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन की नई रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर की हर तीन में से एक महिला अपने जीवन में शारीरिक या यौन हिंसा का शिकार होती है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने यह स्टडी जारी की। इस एजेंसी ने सरकार से बढ़ती हिंसा के मामलों में कमी लाने, पीड़ित महिलाओं को दिए जाने वाले मुआवजे में सुधार लाने और आर्थिक विषमताओं से निपटने का आग्रह भी किया जो अक्सर महिलाओं और लड़कियों को अपमानजनक रिश्तों में फंसा देती हैं।
महिलाओं की दयनीय स्थिति का अंदाजा इसी बता से लगाया जा सकता है कि 15 से 49 साल की 31 प्रतिशत महिलाएं यानी 85.2 करोड़ महिलाएं शारीरिक और यौन हिंसा का सामना करती हैं। डब्ल्यूएचओ ने इसे महिलाओं पर की गई सबसे बड़ी स्टडी होने का दावा भी किया।
उन्होंने इसके लिए 2000 से 2018 तक के डाटा का अध्ययन किया। डब्ल्यूएचओ आॅफिशियल के अनुसार, लड़कों को स्कूलों में रिश्तों में आपसी सम्मान और सेक्स में आपसी सहमति के बारे में सिखाए जाने की जरूरत है।
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेंड्रोज अधानोम घेब्रेइसस ने बताया कि महिलाएं इस हिंसा का शिकार अपने पति या अंतरंग साथी द्वारा ही होती हैं। हालांकि हिंसा से पीड़ित महिलाओं की संख्या अन्य देशों की अपेक्षा गरीब देशों में सबसे कम है।
हर चार में से एक लड़की 15 साल की उम्र में अपने अंतरंग साथी द्वारा प्रताड़ित की जाती है। डब्ल्यूएचओ डाटा के मुताबिक किरिबाती, फिजी, न्यू जिनेवा, बांग्लादेश, द डेमोक्रेटिक रिपब्लिक आॅफ द कॉन्गो और अफगानिस्तान में हिंसक घटनाओं की संख्या अधिक है, वहीं यूरोप में सबसे कम दर यानी 23 प्रतिशत महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं।