- पर्यावरण संरक्षकों ने कलक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन, क्षेत्र के इकोलॉजिकल सिस्टम के बिगडने का दिया हवाला
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: गंग नहर के किनारे खड़े सवा लाख पेड़ों को काटे जाने के प्रस्ताव का विरोध शुरू हो गया है। शुक्रवार को पर्यावरण संरक्षकों ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर हरे पेड़ काटे जाने का विरोध किया। कहा कि इससे क्षेत्र का इकोलॉजिकल सिस्टम बिगड़ जाएगा। जीव-जंतु और पशु पक्षियों को नुकसान पहुंचेगा।
मुजफ्फरनगर में गंग नहर किनारे पर पटरी बनी हुई है। दूसरी ओर सड़क निर्माण के लिए फारेस्ट डिपार्टमेंट ने गंग नहर के किनारे खड़े करीब सवा लाख पेड़ों को काटने का निर्णय लिया है। जिसका विरोध शुरू हो गया है। पर्यावरणविद् डॉ. शेखर चंद्र ने पर्यावरण बचाओ आंदोलन में शामिल लोगों को साथ लेकर शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। डॉ. शेखर चंद्र ने कहा कि सड़क बनाना ठीक है लेकिन सवा लाख पेड़ों को काटे जाना सीधे तौर से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि गंगनहर किनारे पेड़ों पर जीव जंतुओं और पक्षियों का बसेरा है।
यदि यह पेड़ काट दिए गए तो क्षेत्र का इकोलॉजिकल सिस्टम बिगड़ जाएगा। वैश्विक तापमान में वृद्धि होगी और जलवायु परिवर्तन से गंभीर समस्या खड़ी हो जाएगी। वन्य जीव जंतुओं की कई प्रजातियों के वजूद पर संकट आ खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में सवा लाख पेड़ कटे नहीं दिए जाएंगे। उन्होंने डीएम से मांग की कि पेड़ों की कटाई का प्रस्ताव रद्द कर दिया जाए।