- किठौर सामान्य महिला और शाहजहांपुर अनारक्षित
- संभावित प्रत्याशियों ने किया चुनाव में जुटने का आह्वान समर्थकों ने दिलाया भरोसा
जनवाणी संवाददाता |
किठौर: नगर निकाय चुनाव की बहुप्रतीक्षित आरक्षण सूची बृहस्पतिवार को जारी हो गई। इसमें किठौर को सामान्य महिला आरक्षित और शाहजहांपुर को अनारक्षित श्रेणी में रखा गया है। सूची देख दोनों कस्बों के संभावित प्रत्याशियों के चेहरे जहां खुशी से खिल उठे। वहीं बधाई देने वालों का भी तांता लग गया। हालांकि महिला आरक्षण से किठौर के प्रत्याशियों को हल्का झटका जरूर लगा लेकिन चुनाव पूर्व की तरह दिलचस्प होने के आसार हैं।
बृहस्पतिवार शाम निकाय चुनाव की आरक्षण सूची जारी होते ही किठौर-शाहजहांपुर के संभावित प्रत्याशियों के साथ-साथ समर्थकों के चेहरे भी खुशी से खिल गए। दोनों कस्बों में देर रात तक संभावित प्रत्याशियों को बधाई देने का दौर चलता रहा। वहीं प्रत्याशी बधाई स्वीकार करने के साथ समर्थकों से चुनाव में जुट जाने का आह्वान करते रहे। जिस पर समर्थक भरपूर सहयोग का भरोसा देते दिखे।
किठौर सीट सामान्य महिला आरक्षित होने के कारण यहां के संभावित प्रत्याशी पूर्व चेयरमैन मतलूब अहमद गौड़ और निवर्तमान चेयरपर्सन पति सलमान मुनकाद को हल्का झटका जरूर लगा। क्योंकि गत दिसंबर में जारी हुई सूची में किठौर अनारक्षित श्रेणी में होने की वजह से मतलूब और सलमान के बीच सीधी टक्कर दिख रही थी। जिससे मतदाताओं में काफी उत्सुकता थी।
सामान्य महिला आरक्षण से चुनाव पर खास फर्क तो नही पड़ेगा लेकिन मतदाता की उत्सुकता प्रभावित हो जाएगी। हालांकि चुनाव पहले की तरह दिलचस्प होने की प्रबल संभावना है। शाहजहांपुर की बात करें तो यहां से निवर्तमान चेयरपर्सन पति तबारकउल्ला के अलावा पूर्व प्रधानपति वसीउर्रहमान, नसीब आलम, अयाज खां, इमरान कुरैशी संभावित प्रत्याशी हैं। यहां शाहजहांपुर में मुख्य मुकाबला तबारकउल्ला और वसीउर्रहमान के बीच बताया जा रहा है।
हर्रा अनारक्षित, खिवाई चेयरपर्सन के होगा हवाले
सरूरपुर: नगर पंचायत की आरक्षण सूची जारी होने के बाद क्षेत्र के तीन नगर पंचायतों में जांच कई प्रत्याशियों के चेहरे खिल गए तो वहीं कई प्रत्याशियों के मायूसी से चेहरे लटक भी गए। आरक्षण सूची जारी होने के बाद से संभावित प्रत्याशी ताल ठोक कर पूरी तरह से तीर कमान खींचकर तैयार हो चुके हैं। मुस्लिम बाहुल्य कस्बा हर्रा और खिवाई में रमजान के बहाने मतदाताओं की नब्ज टटोलने का काम भी शुरू हो चुका है
तो वहीं नगर पंचायत करनावल में भी इस बार आरक्षण जारी होने के बाद संभावित प्रत्याशी ताल ठोक कर मैदान उतर चुके हैं। पहली बार करनावल का समीकरण तीसरे मोर्चे की सरकार बनने की ओर इशारा कर रहा है। कई दशक से लगातार दो घरानों के बीच चली आ रही परंपरा इस बार टूटने की संभावना बनी हुई है। इसे लेकर के ताल ठोक कर प्रत्याशी मैदान में है और सीधी टक्कर होने का दावा ठोक रहे। आरक्षण सूची जारी होने के बाद नगर पंचायत हर्रा में जहां अनारक्षित रखा गया है।
वहीं पिछली बार भी यह नगर पंचायत महिला के लिए आरक्षित थी और इस बार भी अनारक्षित होने के बाद यहां पहले से जुटे संभावित प्रत्याशियों के चेहरे खिल गए हैं। तो वहीं आरक्षण के चक्कर में टकटकी लगाए बैठे कुछ प्रत्याशियों के चेहरे लटक भी गए हैं।दूसरी और नगर पंचायत के खिवाई में भी इस बार फिर दोबारा से महिला के लिए सीट आरक्षित होने के बाद ताल ठोक कर मैदान में बड़े-बड़े पोस्टर और बैनर लगाने वाले पुरुषों की हवा निकल कर रह गई है।
गौरतलब है कि पिछली बार भी है नगर पंचायत महिला के लिए आरक्षित थी और इस बार भी महिला के लिए आरक्षित कर दी गई है। दूसरी बार भी है घूंघट वाली चेयर पर्सन बनने का रास्ता साफ हो चुका है। गौरतलब है कि पहले भी घूंघट वाली चेयरपर्सन के नाम से रंगीला बेगम काफी मशहूर और चर्चित रही हैं।
इस बार भी नगर पंचायत को घूंघट वाली चेयरपर्सन मिलने का रास्ता साफ हो चुका है। यहां टकटकी लगाए बैठे पुरुष प्रत्याशियों के चेहरे लटक गए हैं और उनके सपने धड़ाम हो गए हैं। तीनों नगर पंचायत में आरक्षण सूची जारी होने के बाद से संभावित ताल ठोक कर प्रत्याशी मैदान में कूद चुके हैं।
वार्ड आरक्षण : कहीं खुशी तो कहीं गम
नगर निकाय चुनाव को लेकर शासन द्वारा नगर पंचायत हर्रा,खिवाई में महिलाओं के लिए जहां चार चार वार्ड आरक्षित किए गए हैं वही 11 वार्ड में पिछड़ी जाति की महिला को भी मौका दिया गया है।कुल मिलाकर दोनों नगर पंचायतों में से 15-15 वार्ड में से 5-5 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं.
वहीं बाकी 10 वार्डों में से 1-1 वार्ड पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित किया गया है। बाकी को अनारक्षित रखा गया है। नगर पंचायत हर्रा में वार्ड नंबर 2, 7, 8 व 15 को महिला वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है तो वहीं वार्ड नंबर 13 को पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित किया गया है। जबकि वार्ड-1, 2, 3, 5, 6, 9, 10, 11 व 12 को अनारक्षित रखा गया है।
जबकि नगर पंचायत खिवाई में वार्ड नंबर 1,2,6 व 15 को महिला के लिए आरक्षित किया गया है,तो वहीं वार्ड नंबर 11 को पिछड़े वर्ग के लिए,जबकि वार्ड नंबर 4 को पिछड़े वर्ग की महिला के लिए आरक्षित रखा गया है। जबकि बाकी वार्ड-3,5,7,8,9,10,12,13 व 14 को अनारक्षित रखा गया है। जबकि नगर पंचायत करनावल में वार्ड नंबर 3 व 5 को महिला वर्ग के लिए वार्ड नंबर 8 व 10 को पिछड़ा वर्ग के लिए।
जबकि वार्ड नंबर 7 को पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित किया गया है। इसके अलावा वार्ड नंबर 4 को अनुसूचित जाति के लिए। जबकि वार्ड नंबर 2 को अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित किया गया है। इसके अलावा नगर में 1,6,9,11 व 12 वार्ड को अनारक्षित रखा गया है। कस्बा हर्रा खिवाई में जहां महिलाओं को ज्यादा तरजीह दी गई है
वहीं कस्बा करनावल में अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग को तरजीह दी गई है 15 वार्ड में से मात्र 5 वार्ड अनारक्षित रखे गए हैं बाकी को आरक्षित किया गया है जबकि नगर पंचायत हर्रा,खिवाई में पांच-पांच वार्ड आरक्षित है बाकी 10 वार्ड को अनारक्षित रखा गया है । तीनों नगर पंचायत में आरक्षण को लेकर पहले से तैयारी में जुटे कुछ संभावितों के जहां वार्ड के आरक्षण को लेकर चेहरे लटक गए हैं,
वहीं कुछ के चेहरों पर खुशी की लहर भी है। वार्ड में काफी समय से चुनाव को लेकर लड़ने की तैयारी कर रहे कुछ संभावित प्रत्याशियों को जोर का झटका धीरे से लगा है। तो वहीं कुछ के चेहरे भी खिले हैं। ज्यादातर वार्ड आरक्षण होने के चलते सामान्य संभावित प्रत्याशियों को झटका लगा है,तो वही पिछड़े वर्ग के लोगों को आगे बढ़ने का मौका भी मिला है।
हस्तिनापुर में जस की तस की आरक्षण सूची
हस्तिनापुर: महाभारतकालीन धर्म नगरी में आरक्षण सूची में कोई बदलाव न होने है जहां पूर्व प्रत्याशी संभावित प्रत्याशी अपनी ताल ठोक के नजर आए हैं। वहीं, दर्जनों आपत्तियों के बाद भी आरक्षण सूची में बदलाव न होने से पिछड़ा और सामान्य वर्ग के प्रबल प्रत्याशियों के के सपने चकनाचूर हो गए। जहां पूर्व में दो बार हस्तिनापुर एससी पुरुष के बाद ऐसी महिला रह चुकी है।
वहीं, पूर्व में सामान्य सीट रही। जिसके बाद इस बार लोग पिछड़ा वर्ग की कवायद लगाए थे, लेकिन पूर्व में जारी आरक्षण सूची में भी एससी महिला के बाद गुरुवार को जारी आरक्षण सूची में भी एससी महिला आने से पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के सपने एक बार फिर धराशायी हो गए।
पिछड़े वर्ग का आरक्षण होने से दिलचस्प होगा निकाय चुनाव
फलावदा : प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव में आरक्षण जारी होने के बाद सियासी समीकरण बदलने लगे हैं। अपना वर्चस्व बरकरार रखने के लिए दिग्गजों को पिछड़े वर्ग पर दाव लगाना पड़ेगा। स्थानीय नगर पंचायत के अध्यक्ष पद पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित होने से पिछड़ी जाति में हर्ष की लहर है। सामान्य सीट रहने की दशा में संशय का शिकार हो रहे दावेदारों का रास्ता आरक्षण की स्थिति के साथ साफ हो गया है।
कस्बे में भाजपा, बसपा के अलावा सपा कांग्रेस के टिकट पर प्रत्याशी अपना मुकद्दर आजमाएंगे। नगर में मजबूत वोट बैंक रखने वाले सवर्णों की सरपरस्ती में लड़ने वाले प्रत्याशी के लिये सत्ता का रास्ता तय करना आसान रहेगा। ऐसा जन चर्चा का विषय है। वहीं अध्यक्ष पद पर इस चुनाव में बसपा से सामने आ रहे महेश सैनी अपने दम पर निरंतर अपनी उपलब्धि बनाए हुए हैं।
उन्हें सियासी संग्राम से हटाने के लिए विपक्षी साम दाम दंड भेद की नीति पर जद्दोजहद चल रही है। नगर में टक्कर का चुनाव होने के प्रबल आसार हैं। आरक्षण साफ होने पर चाय की टपरियों, गलियों-नुक्कड़ों पर भी चुनाव को लेकर जमकर कयास लगाए जा रहे हैं। जगह-जगह चुनावी चिकल्लस शुरू हो गई है।
तैयारी पर फिरा पानी, सामान्य के उम्मीदवारों के चेहरे खिले
खरखौदा: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव को लेकर गुरुवार आरक्षण सूची जारी होने के बाद नगर पंचायत खरखौदा की सीट अनारक्षित हो जाने पर ओबीसी के संभावित उम्मीदवारों की तैयारी पर पानी फिर गया। वहीं, एक दशक बाद फिर से सामान्य सीट आने पर सामान्य जाति के संभावित उम्मीदवारों के चेहरे खिल उठे। प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद गुरुवार कोर्ट के आदेश पर सरकार द्वारा नगर निकाय चुनाव की जारी आरक्षण सूची में खरखौदा नगर पंचायत अध्यक्ष पद सामान्य जाति के लिए घोषित किया गया है।
पूर्व में खरखौदा नगर पंचायत अध्यक्ष पद ओबीसी के लिए आरक्षित किए जाने के बाद से ओबीसी के संभावित उम्मीदवार चुनाव की तैयारी में लगे लोगों के चेहरे मुरझा गए। वहीं, एक दशक बाद सामान्य जाति के नगर पंचायत अध्यक्ष पद घोषित होने पर सामान्य जाति के संभावित उम्मीदवारों के चेहरे खिल उठे। वहीं, एक दशक बाद बाद सीट सामान्य आने से चुनाव काफी महत्वपूर्ण होगा।
प्रत्याशी के खिले चेहरे
लावड़: निकाय चुनाव की अधिसूचना गुरुवार को जारी होने के साथ ही कस्बे में चुनाव की सरगर्मी बढ़ गई। कस्बे में पूर्व जारी अधिसूचना के तहत लावड़ नगर पंचायत की सीट सामान्य घोषित हुई थी। जब से ही कुछ लोगो के चेहरे खिल गए थे और चुनाव की तैयारी जोर शोर से शुरू कर दी गई थी, लेकिन मामला आरक्षण के आधार पर न्यायालय के समक्ष चला गया। जिस पर काफी समय बाद कोर्ट ने प्रदेश सरकार को दो दिन के अंदर ओबीसी आरक्षण के आधार पर आरक्षण घोषित करने को कहा था।
गुरुवार शाम को सरकार द्वारा निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई। जिसमे काफी फेरबदल कर दिया गया। घोषित आरक्षण के तहत इस बार लावड़ नगर पंचायत अध्यक्ष पद की सीट फिर से ओबीसी महिला कर दी गई। लावड़ कस्बे में सीट ओबीसी महिला होने के साथ कुछ नए प्रत्याशीयो के मैदान में आने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं। इस बार नगर पंचायत अध्यक्ष पद का ताज किसके सिर बंधेगा कोन होगा मुकद्दर का सिकंदर ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन कोई भी प्रत्याशी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगा।