- बामनौली किसान पंचायत में चौधरी अजित सिंह केन्द्र सरकार पर भड़के
जनवाणी संवाददाता |
बड़ौत: बामनौली में राजा सलक्षणपाल तोमर की जयंती के अवसर पर आयोजित किसान पंचायत में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने किसानों को खुलकर तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के लिए उत्साहित किया। चौधरी अजित सिंह ने कहा कि वह अभी से इस सरकार को नष्ट करने में लग जाएं, नहीं तो यह सरकार उन्हें बर्बाद कर देगी।
शहीद भगत सिंह के चाचा सरदार अजित सिंह ने अंग्रेजों के किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ पगड़ी संभालने का नारा दिया था। इसलिए वह भी अब पगड़ी संभाल लें। इस सरकार का बहिष्कार शुरूकर दो। कांग्रेस सरकार के समय गन्ने की एसएपी पर कानून बनाने की तैयारी की थी, लेकिन जब सभी ने मिलकर विरोध किया तो 24 घंटे में यह कानून से पीछे हट गए थे।
शनिवार को चौधरी अजित सिंह के तेवर केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बेहद सख्त दिखे। उन्होंने पहले राजा सलक्षणपाल तोमर के संक्षिप्त जीवन परिचय से लोगों को अवगत कराया। साथ ही पंचायती राज व्यवस्था का उनका जनक बताया।
यहां यह विदित है कि बामनौली में सलकलायन गौत्र के सम्राट सलकपाल तोमर की जयंती मनाई गई। इस मौके पर आयोजित किसान पंचायत में मुख्य अतिथि चौधरी अजित सिंह ने किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा इस मौके पर तीनों कृषि कानूनों का किसानों पर पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों की जमीन छीनना चाहती है।
कांटेक्ट खेती कानून जिस तरह से केन्द्र सरकार ने लागू किया। इससे किसी भी तरह से किसान की जान नहीं बचती। अमित शाह ने अपने सांसदों व विधायकों को अपने क्षेत्रों में समझाने के लिए भेजा है। वह किसानों को नहीं समझा पाए। वह उनसे कहना चाहते हैं कि यह कानून उन्हें समझा दें। यदि मेरी समझ में आ गए तो मैं किसानों को समझा दूंगा। रालोद अध्यक्ष ने कहा कि कांट्रेक्टर खेती को वह बुरी नहीं मानते हैं। गन्ने की खेती का कांट्रेक्ट ही तो है। लेकिन यह कांट्रेक्ट सरकार से किया जाता है।
सरकार भाव तय करती है। सरकार को सभी फसलों के भाव तय करने चाहिए। पूंजीपतियों के हवाले किसानों के खेत और फसलों को क्यों कर रहे हो। गन्ने का भुगतान नहीं किया जा रहा है। चौधरी चरण सिंह ने कानून बनाया था कि जो भी चीनी मिल गन्ना किसानों का भुगतान नहीं करेंगी। उन्हें जब्त कर लिया जाएगा। मोदी ने सत्ता में आते ही इस कानून को समाप्त कर दिया।
उन्होंने बिहार का हवाला देते हुए बताया कि वहां एपीएमसी समाप्त है। वहां के किसान की वार्षिक आय 44 हजार रुपये है। जबकि पंजाब के किसान की आय 20 हजार रुपये महीना है। वहां एपीएमसी है। एफसीआई को कर्ज में दबा दिया। इसी तरह से कर्ज रहा तो एफसीआई समाप्त हो जाएगी। चौधरी अजित सिंह ने भाजपा के चुनावी घोषणा की याद दिलाते हुए लोगों से उनके पूरा होने की बात पूछी तो भीड़ में लोगों ने ना की। युवाआें के लिए उन्होंने कहा कि दो करोड़ नौकरी मिल गई होगी। सभी ने फिर से ना की।
इस दुखती रग पर चोट मारते हुए रालोद अध्यक्ष ने कहा कि अब इस सरकार को नष्ट करने में लग जाओ। किसानों से कहा कि पगड़ी संभाल लो, इनका बष्हिकार शुरु कर दो। छोटूराम ने धर्म से उपर उठकर सरकार बनाई थी। अपनी सरकार बनाओ। इस मौके पर अध्यक्षता देशखाप चौधरी सुरेन्द्र सिंह ने तथा संचालन सुरेश राणा व महेन्द्र सिंह ने संयुक्त रूप से की। पंचायत में थांबेदार ब्रजपाल सिंह, श्याम सिंह, ओमवीर सिंह, यशपाल सिंह, जयपाल सिंह, गजेन्द्र सिंह, यामीन खां, चौगामा चौधरी कृषिपाल राणा, पंवार खाप चौधरी धर्मवीर सिंह, चौहान खाप चौधरी विवेक चौहान, बत्तीसी चौधरी, डा. अजय पंवार, चौबीसी चौधरी सुभाष छपरौली, गठवाला खाप बहावड़ी थांबे के चौधरी श्याम सिंह आदि थे।
यह भी रहे किसान पंचायत में शामिल
बड़ौत: बामनौली में आयोजित सलक्षणपाल तोमर की जयंती पर किसान पंचायत में सुखवीर सिंह गठीना, रालोद जिलाध्यक्ष डा. जगपाल सिंह तेवतिया, पूर्व विधायक डा. अजय कुमार, पूर्व विधायक डा. अजय तोमर, पूर्व विधायक गजेन्द्र सिंह मुन्ना, पूर्व विधायक वीरपाल राठी, डा. संजीव तोमर, वीरेश प्रधान, सुरेन्द्र प्रधान, अरुण तोमर उर्फ बोबी, संजीव मान, मनोज तोमर, सुरेश मलिक, विकास प्रधान, विनोद खेड़ा, मनोज चौधरी पूर्व सपा जिलाध्यक्ष, शौकेन्द्र तोमर अर्जुन अवार्डी, पुष्पेन्द्र ककौर, विनोद तुगाना, सतीश चौधरी, सतेन्द्र प्रमुख, धीरज उज्जवल, जय प्रकाश आर्य, आनंद छिल्लर, राजू तोमर सिरसली, लेखराज प्रधान, वीरेन्द्र तेजान, गुल्लू राणा, मुनेश बरवाला, रामकुमार चेयरमैन, गौरव बड़ौत, बसंत बामनौली, यशवंत, नरेश डायरेक्टर, सतेन्द्र प्रधान, गजेन्द्र चौधरी, सचिन, राहुल, अंकुर, अनिकेश, पूर्व जिलाध्यक्ष कपिल चौधरी, बाबू, सत्यपाल, जगदीश, विनय चौहान, ब्रहम सिंह, वीरेंद्र राणा, आदित्य सोलंकी, अजित सोलंकी, गगन धामा, उपेंद्र धामा आदि मौजूद रहे।