- आर्जव धर्म से मायाचार व पाप को नष्ट करने का मिलता है संदेश
- श्री जी के अभिषेक में श्रद्धालुओं ने भाग लिया
जनवाणी ब्यूरो |
नजीबाबाद: श्री दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर में दशलक्षण पर्व के तीसरे दिन श्री दिन श्री दिगम्बर पंचायती व सरजायती मंदिर मे श्री जी के अभिषेक, प्रक्षाल व पूजन के दौरान धर्म चर्चा मे आर्जव धर्म का महत्व बताया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि आर्जव धर्म मन को स्थिर करने वाला, पाप को नष्ट करने वाला है और सुख का उत्पादक है। इसलिए इस भव में आर्जव धर्म को आचरण में लाए, उसी का पालन करें और उसी का श्रवण करें।
मंगलवार को श्री दिगम्बर जैन पंचायती व सरजायती मंदिर मे श्री जी का अभिषेक किया। इस मौके पर मूल वेदी चन्द्रप्रभु भगवान की वेदी पर श्री जी का अभिषेक व प्रक्षाल जिनेश्वरदास जैन, अजय जैन, राजीव जैन, पुनीत जैन,नमन जैन, अनुभव जैन, आदि जैन, दीपक जैन ने किया।
तीर्थंकर महावीर भगवान की वेदी पर पूजन अजय जैन ने व आदिनाथ भगवान की वेदी पर पूजन राजीव जैन ने किया। वहीं सरजायती जैन मंदिर मे जितेन्द्र जैन ने अभिषेक पूजन किया। इस मौके पर धर्म चर्चा करते हुए अजय ने कहा कि मन से माया शल्य को निकालने से ही आत्मा में निर्मलता का भाव उत्पन होता है। उन्होंने कहा कि मायावी पुरूष के व्रत और तप सब निरर्थक है। यह आर्जव भाव ही मोक्ष के लिए उत्तम मार्ग है। जहां पर कुटिल परिणाम का त्याग कर दिया जाता है, वहीं पर आर्जव धर्म प्रकट होता है।
यह अखंड दर्शन और ज्ञान स्वरूप है और परम सुख का पिटारा है। जितेन्द्र जैन ने कहा कि आर्जव धर्म परमात्म स्वरूप है, सकंल्पों से रहित है, चिन्मय आत्मा का मित्र है शाश्वत है और अभय रूप है। कार्यक्रम मे पारसनाथ जैन, जिनेश्वरदास जैन, अजय जैन, राजीव जैन, नमन जैन, जितेन्द्र जैन, दीपक जैन, दीपक जैन आरा मशीन, समला जैन, सुषमा जैन अध्यापिका संध्या जैन, अलका जैन, रैना जैन, मंजू जैन, छवि जैन, नीरज जैन, अवधेश जैन, संतोष जैन, विकास जैन, नीशु जैन, सुनीता जैन, सुशीला जैन सहित श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
आत्म शुद्धि के पर्व है दसलक्षण पर्व