- अकेले कस्तला शमशेर नगर के सड़क हादसों में एक पखवाडेÞ में तीन जिंदगी खत्म
- रोड पर कहीं भी रिफलेक्टर, मोड़ पर संकेत और लाइट तक नहीं
- एनएच 119 मेरठ-पौड़ी हाइवे पर निर्माण कार्य में देरी ले रही लोगों की जान
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: इंचौली व गंगानगर क्षेत्र के मवाना रोड पर बीते करीब एक पखवाडेÞ में पांच जिंदगियां खत्म हो गयी। इनमें हादसों को शिकार होने वालों में कस्तला शमशेर नगर के तीन लोग शामिल हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बुधवार को इंचौली थाना के मवाना रोड पर गांव सैनी के समीप हुए सड़क हादसे में घायल अस्पताल में भर्ती 45 वर्षीय साजिद पुत्र नवाब ने गुरुवार को उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
डाक्टरों ने बताया कि उसको बेहद नाजुक अवस्था में अस्पताल लाया गया था। हादसे में उसके सिर में काफी गंभीर चोटें आयी थीं। डाक्टरों ने काफी प्रयास किया, लेकिन उसको बचा नहीं सके। साजिद कस्तला शमशेर नगर का रहने वाला था और इसी हादसे में अर्पित पुत्र सुंदर नाम के जिस किशोर की मौत हुई थी, वह भी उसी के गांव का रहने वाला है। तीन दिन पूर्व भी इसी गांव के एक अन्य शख्स ऋषिपाल की हादसे में मौत हो गयी थी। तीन की मौत से गांव में कोहराम मचा हुआ है।
पूरा गांव हादसों का शिकार होने वालों के गम में शामिल है। इसके अलावा जिसमें गंगानगर थाना क्षेत्र के कसेरूबक्सर निवासी रवि और आई ब्लॉक निवासी पवन की मौत हो गई थी। ये लोग हस्तिनापुर से शादी समारोह से लौट रहे थे। अचानक ही आगे चल रहे 20 टायरा ने यूटर्न लिया और इनकी गाड़ी 20 टायरा में जा घुसी और रवि व पवन की उस हादसे में मौत हो गयी। वहीं, पवन के भाई काकू व उसके दोस्त दीपक अब भी अस्पताल में भर्ती हैं।
वहीं, बीती रात कस्तला गांव निवासी ऋषिपाल को अज्ञात वाहन ने कुचल दिया था। ऋषिपाल की मौत का गम अभी लोग भूले भी नहीं थे कि बुधवार को अर्पित की मौत की खबर आ गयी। इस तरह से एक पखवाडेÞÞ में यह पांचवीं मौत एनएच-119 पर हुई है।
सिस्टम की घोर लापरवाही से हो रहे हादसे
लोगों ने बताया कि इन हादसों की असली वजह सिस्टम की बड़ी लापरवाही है। मेरठ पौड़ी के इस हाइवे पर रोड पर कहीं भी हादसों से बचने के लिए रिफ्लेक्टर तक नहीं लगाए गए हैं। हादसों को रोकने खासकर रात को होने वाले हादसों को रोकने में रिफ्लेक्टर बड़े मददगार साबित होते हैं। लेकिन इस रोड पर रिफ्लेक्टर ही नहीं लगाए गए हैं। इसके अलावा एनएच-119 पर अनेक जगह तीव्र मोड़ आते हैं, जहां भी मोड़ आते हैं
वहां वाहन चालकों को सावधान करने के लिए संकेत तक नहीं लगाए गए हैं। हादसों की सबसे बड़ी वजह एनएच-119 पर चल रहा निर्माण कार्य। इस रोड पर निर्माण कार्य के चलते कई बार रोड को वन वे कर दिया जाता है। लोगों ने आरोप लगाया कि कार्यदायी संस्था के काम की गति बहुत धीमी है। मेरठ-पौड़ी हाइवे के चौड़ीकरण का जनपद मेरठ के हिस्से वाले का काम अब तक निपटा दिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया जा रहा है।