सुनीता गाबा |
आज के तीव्र प्रतियोगिता के युग में आगे निकलने के चक्कर में लोगों को कुछ बीमारियों ने जाने अनजाने में जकड़ लिया है। उनमें तनावग्रस्त रहना भी एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। इससे न बच्चा, न जवान, न बूढ़ा, कोई भी अछूता नहीं है। वैसे इस समस्या से कुछ हद तक छुटकारा अपने रहन सहन, व्यवहार में तब्दीली लाकर पाया जा सकता है।
अपने आहार का विशेष ध्यान रखें। पौष्टिक आहार और समय पर खाने से कुछ हद तक हम तनाव से उबर सकते हैं। आहार के साथ-साथ हमें अपनी जीवन चर्या सक्रिय बना कर रखनी चाहिए। निष्क्रि ाता भी तनाव बढ़ाती है। अपनी क्षमतानुसार सक्रिय बने रहें। तनाव आपके सक्रि य जीवन पर अपना प्रभाव न डाले, इस बात का पूरा ध्यान रखें।
समाज में, परिवार में अपने आपको अलग न समझें। अपने अच्छे दोस्तों व संबंधियों से मीठे संबंध बना कर रखें। जो आपके शुभचिंतक हैं, उन्हें अपने घर पर या बाहर मिलते रहें ताकि बातों के आदान प्रदान से तनाव भरे जीवन से कुछ समय दूर रह सकें। यदि कोई व्यक्तिगत या कार्यालय की समस्या है तो अपने किसी अच्छे मित्र या संबंधी से चर्चा करें। हो सकता है वह आपकी मदद कर सकें।
जीवन में यथासंभव सकारात्मक रूख अपनाएं। आशावादी बातों को एक डायरी में लिखें। जब तनाव में हों तो उन्हें पढकर प्रेरित हों कि जिन्दगी बहुत बड़ी है और मैंने बहुत अच्छा समय भी बिताया है। अभी कुछ समस्या है तो यह भी जल्दी दूर हो जाएगी।
जीवन में लक्ष्य जरूर बनाएं पर अपनी क्षमता से बड़े लक्ष्य न बनाएं। लक्ष्य ऐसे चुनें जिनको कुछ पुरुषार्थ से पा सकें और इस बात पर स्वयं को प्रतिफल दें। इस प्रकार जैसे जैसे आप लक्ष्य प्राप्त करते जाएंगे तो आप आशावादी बने रहेंगे। कभी लक्ष्य की प्राप्ति पूरी न हो तो डिप्रेस न हों। एक बार उस पर विचार करें कि कहां मैं गलत हूं। पुन: विचारते हुए और पुरूषार्थ करते हुए लक्ष्य प्राप्ति की ओर आगे बढ़ें।
अपनी नींद को नियमबद्ध बनाएं। समय पर सोयें और समय पर जागें। अपनी नींद पूरी लें। सोते समय भगवान का धन्यवाद करना न भूलें और उस समय व्यर्थ चिन्ता को साथी न बनाएं ताकि शांत नींद का सुख उठा सकें और अपनी सुबह ताजा बना सकें।
भौतिक सुखों की अत्यधिक इच्छा न रखें। भौतिक सुखों की पूर्ति के लिए स्वयं को तनावग्रस्त न बनायें। भौतिक सुख हमारे लिए हैं न कि हम भौतिक सुखों के गुलाम हैं।
अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें ताकि आपकी सोच भी स्वस्थ हो। मुस्कराते रहें। मुस्कान भी तनाव दूर करती है। अच्छे जोक्स पढ़ें, सुनें और सुनाएं ताकि स्वस्थ मानसिकता आपको आगे बढ़ने में आपका साथ दे सके।