Tuesday, January 21, 2025
- Advertisement -

फर्जीवाड़ा: तो मेरठ में भी एक और अनामिका

  • फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पर बन गई प्रधानाध्यापिका, सूचना के अधिकार नियम के अंतर्गत हुआ खुलासा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: अनामिका प्रकरण के पश्चात पूरे उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के दस्तावेजों का वेरिफिकेशन चल रहा है। जिसमें कि कई जगह पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर शासन द्वारा शिकंजा कसा गया है।

मेरठ में भी पूर्व में दो शिक्षक फर्जी पाए गए थे, जिसके बाद उन पर नियमानुसार कार्रवाई की गई थी। अब इसी क्रम में एक और घटना सामने आई है। जिसमें की एक महिला शिक्षिका द्वारा फर्जी अनुभव के दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने का मामला देखने को मिला है।

शासन के निर्देशानुसार जब संबंधित महिला शिक्षक के दस्तावेजों का वेरिफिकेशन किया गया तो पता चला कि शिक्षिका द्वारा अनुभव प्रमाण पत्र जो लगाया गया था वह पूर्ण रूप से फर्जी है। दरअसल यह अनामिका शुक्ला फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापिका बन गई।

फर्जी तरीके से अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर प्रधानाध्यापिका की नौकरी पाने वाली इस महिला का नाम प्रियंका शर्मा है। जो कि पीएवी गर्ल्स जूनियर हाई स्कूल मोरीपाडा में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत थी।

प्रियंका शर्मा ने फर्जी तरीके से जिला विद्यालय निरीक्षक सहारनपुर के हस्ताक्षर का अनुभव प्रमाण पत्र बनवा लिया और 2016 में नौकरी पा गई। पिछले 4 साल से प्रियंका शर्मा फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर प्रधानाध्यापिका की नौकरी कर रही थी।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मेरठ ने अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से प्रियंका शर्मा की नियुक्ति को समाप्त कर दिया है। प्रियंका की नियुक्ति 23 जुलाई 2016 को शून्य कर दिया गया है।

फर्जी मिले प्रियंका शर्मा के प्रमाण पत्र

प्रियंका शर्मा पुत्री विजेन्द्र शर्मा निवासी मालीवाड़ा का चयन प्रधानाध्यापिका के पद पर पीएवी गर्ल्स जूनियर हाई स्कूल मोरीपाडा की चयन समिति द्वारा दिनांक 23 जुलाई 2016 को किया गया था। इसके बाद प्रियंका शर्मा ने विद्यालय में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया।

नियुक्ति के समय प्रियंका ने शैक्षिक योग्यता बीए, बीएड, यूपी टैट, जूनियर स्तर एवं प्राइमरी स्तर की थी। प्रधानाध्यापिका के पद के लिए योग्यता की अनिवार्यता के आधार पर केवी हायर सेंकेंड्री स्कूल हयात कालोनी सहारनपुर का अनुभव प्रमाण पत्र संलग्न किया गया था।

अनुभव प्रमाण पत्र जिला विद्यालय निरीक्षक सहारनपुर से भी प्रतिहस्ताक्षर दिखाया गया था। शास्त्रीनगर निवासी गिरीश चंद्र गुप्ता ने सूचना के अधिकार के तहत प्रियंका शर्मा के संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक सहारनपुर से जारी किए गए अनुभव प्रमाण पत्र के संबंध में जानकारी मांगी।

जिसमें डीआईओएस कार्यालय सहारनपुर ने जानकारी उपलब्ध कराई कि प्रियंका शर्मा का अनुभव प्रमाण पत्र कार्यालय से प्रतिहस्ताक्षरित नहीं किया गया है। इसके आधार पर गिरीश चंद्र गुप्ता ने अपर आयुक्त मेरठ मंडल मेरठ को प्रियंका शर्मा के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक व एडीएम प्रशासन ने उक्त प्रकरण के संबंध में जांच कर आख्या मांगी।

जिसके संबंध में चरन सिंह खंड शिक्षा अधिकारी और सूर्य कांत गिरी खंड शिक्षा अधिकारी जांच अधिकारी नियुक्ति किए गए। दोनों जांच अधिकारियों ने अनुभव प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी पाया और उसकी रिपोर्ट अधिकारियों को सौंप दी। जिसके आधार पर प्रियंका शर्मा की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।

इनका क्या कहना है

बीएसए सतेंन्द्र कुमार ने बताया कि फर्जी तरीके से अनुभव प्रमाण पत्र बनवाकर प्रधानाध्यापिका के पद पर नियुक्ति का मामला सामने आया है। जांच के बाद अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है।

जिसके बाद प्रधानाध्यापिका प्रियंका शर्मा की नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया है। प्रियंका शर्मा से 2016 से अब तक की वेतन की वसूली के साथ ही कानूनी कार्रवाई की प्रकिया चल रही है।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Shamli News: शामली में एसटीएफ की मुठभेड में चार बदमाश ढेर

जनवाणी संवाददाता | शामली: शामली जनपद के झिंझाना में एसटीएफ...

Donald Trump ने राष्ट्रपति बनते ही लिए कई बड़े फैसले, पढ़िए इन आदेशों पर किए हस्ताक्षर

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन...

कार्यस्थलों पर ‘आलवेज आन’ का बढ़ता चलन

राजेंद्र कुमार शर्मा वर्तमान में संस्थानों और एमएनसी में एक...
spot_imgspot_img

1 COMMENT

Comments are closed.