- एसपी सिटी ने एसएसपी को भेजी रिपोर्ट, कार्रवाई तय
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पुलिस की लापरवाही से देश में अवैध रूप से रह रहे पांच रोहिंग्यों को पासपोर्ट जारी कर दिया गया। इस गंभीर मामले की जांच एसपी सिटी के द्वारा की जा रही है। बताया जा रहा है कि इस मामले में एसपी सिटी की जांच में चार दारोगा दोषी पाये गए हैं। इन रोहिंग्यों के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर कार्ड तक बने हुए थे। एसपी सिटी ने अपनी रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि एटीएस ने जून 2021 में म्यांमार से मानव तस्करी करते हुए रोहिंग्या हाफिज शफीक, मुफमु जुर्रजुर्रह्मान, अजीजुर्रजुर्रहमान और मोहम्मद इस्लाइल को गिरफ्तार किया था। ये लोग अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हवाला कारोबार और म्यांमार से भारत तक मानव तस्करी करते थे। यह गिरोह आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनवा कर पासपोर्ट बनवाते थे और फिर भारतीय पहचान पत्र दिखाकर म्यांमार के युवकों को भारत में फैक्ट्रियों में काम दिलाते थे।
एटीएस की जांच में सामने आया कि हाफिज शफीक का पासपोर्ट मेरठ से तैयार हुआ था, जो लिसाड़ीगेट थाने के फकरुद्दीन गली में रहता था। हाफिज शफीक की जांच के बाद सामने आया कि मेरठ में रोहिंग्या अबू आलम निवासी अहमद नगर लिसाड़ीगेट, उसका बेटा मोहम्मद अजीज, रिहाना पुत्री मोहम्मद हसन निवासी जाटव स्ट्रीट बनियापाड़ा कोतवाली और रोमिना पुत्री मोहम्मद उल्ली निवासी करम अली जाटवगेट कोतवाली का भी आधार कार्ड और पासपोर्ट मेरठ से तैयार हुआ था।
एसपी सिटी विनीत भटनागर की जांच में सामने आया कि यह पासपोर्ट 2013 से 20116 तक बनाए गए है। उस समय पासपोर्ट की जांच कराने वाले सभी दारोगा के बयान दर्ज किए गए। दारोगा ने बताया कि नगर निगम की तरफ से वोटर आइडी कार्ड, आधार कार्ड और पैन कार्ड तक जारी किया गया। उन्हीं कागजात और पार्षद की रिपोर्ट को आधार बनाकर जांच रिपोर्ट पेश की गई थी। एसएसपी सिटी ने पासपोर्ट की जांच करने वाले सभी चार दारोगा को दोषी करार दिया है। एसपी सिटी विनीत भटनागर का कहना है कि चार दारोगाओं को जांच में दोषी पाया गया है।