Tuesday, July 9, 2024
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उत्तर प्रदेश के चार और ओडीओपी योजना में उत्पादों को मिला जीआई टैग

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जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: भारत की बौद्धिक संपदा अधिकार में शामिल हुए बाग़पत होम फर्निशिंग (जीआई संख्या 731), अमरोहा ढोलक, (670) कालपी हैंडमेड पेपर (733) और बाराबंकी हैंडलूम उत्पाद (732)।

पदमश्री सम्मानित जी आई विशेषज्ञ डॉ रजनी कांत ने बताया कि कोविड के कठिन समय मे इन सभी 4 उत्पादो को जी आई पंजीकरण के लिए आवेदन 2019 और 2020 में नाबार्ड उत्तर प्रदेश के सहयोग से जी आई रजिस्ट्री, चेन्नई को भेजे गए थे।

लंबी कानूनी और तकनीकी प्रक्रिया के बाद 14 जून 2023 को इन सभी 4 ओडीओपी उत्पादो को GI का दर्जा प्राप्त हो गया और अब यह देश की बौद्धिक संपदा में शुमार हो गए। आत्मनिर्भर भारत मे लोकल से ग्लोबल को चरितार्थ करते हुए अब यह उत्पाद पूरी दुनिया में GI टैग के साथ जाएंगे और भारत और यहाँ के शिल्पिओ, बुनकरों का मान बढ़ाएंगे।

इनको लेकर अब उत्तर प्रदेश में कुल 52 उत्पाद जीआई टैग में शामिल हो गए ज्ञात हो कि हैंडीक्राफ्ट के GI उत्पादो में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है और हस्तशिल्प और हैंडलूम का सर्वाधिक उत्पादन और निर्यात भी यही से होता है।

हाल ही में वाराणसी में हुए जी 20 देशों के सम्मेलन के काशी के जी आई क्राफ्ट्स ने धूम मचाया और ख्याति प्राप्त किया शिल्पिओ, बुनकरों ने अपने हुनर से नाबार्ड और राज्य सरकार के प्रयास से उत्तर प्रदेश निरंतर नई ऊंचाइयों को जीआई के भी क्षेत्र में छू रहा है और आने वाले कुछ ही महीनों में जी आई का शतक लगाने वाला है।

उत्तर प्रदेश के और 27 उत्पादो की पंजीकरण प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है, जिसे दिसंबर 2023 तक पूरी होने की संभावना है। प्रदेश के लगभग 50 लाख लोग इन सभी 52 जीआई उत्पादो में लगे हुए है, यह भी एक कीर्तिमान है।

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