गोदामों की परिक्रमा कर रहे हैं कोटेदार
तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है।
तनवीर अंसारी |
फलावदा: प्रख्यात कवि अदम गोंडवी की यह रचना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त अनाज वितरण की जमीनी हकीकत पर चरितार्थ हो रही है। सरकार द्वारा मुफ्त अनाज वितरण का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि कोटेदारों को वितरण हेतु अभी तक खाद्यान्न ही मयस्सर नहीं हुआ है।कोटेदार भंडारों की परिक्रमा कर परेशान हो रहे हैं।
सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाकर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त अनाज वितरण का व्यापक प्रचार प्रसार किया गया। जुमलेबाजी के चलते सूबे में वितरण भी दिखाया जा रहा है। किन्तु जमीनी हकीकत यह है कि भंडार पर पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध ही नहीं हो रहा है।
कोटेदार प्रतिदिन भंडार की परिक्रमा करके आजिज आ गए हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त अनाज वितरण हेतु सरकार द्वारा 21 मई से 31 मई तक वितरण की तिथि घोषित है। इसके बावजूद अभी तक सिर्फ मवाना ब्लाक में 20 प्रतिशत कोटेदारों को ही खाद्यान्न का उठान हुआ है।
एफसीआई के गोदाम पर खाद्यान्न की आपूर्ति सुचारू नहीं होने के चलते समस्या बनी हुई है। बताया जा रहा है कि अभी कई दिन खाद्यान्न उपलब्ध होने के आसार नहीं हैं। ऐसी दशा में निर्धारित अवधि के भीतर ई पोस मशीन से वितरण होना टेढ़ी खीर साबित होगा।
सरकार की उदासीनता से उन कोटेदारों की मुश्किलें अधिक बढ़ी हुई हैं जिन की दुकानों पर अन्य दुकान का अटैचमेंट लगा हुआ है।सरकार द्वारा मुफ्त अनाज वितरण का ढिंढोरा पीटने के कारण ग्राहक कोटेदारों से उलझ रहे है। शांति व्यवस्था को खतरा हो रहा है।
बहरहाल सरकार ने मुफ्त अनाज वितरण का राग तो अलाप रखा है, लेकिन गरीबों को अभी खाद्यान्न नहीं मिल रहा है। आपूर्ति निरीक्षक अजय कुमार ने बताया कि एफसीआई पर रेक न पहुंचने से समस्या चल रही है, फिर भी 50 प्रतिशत कोटेदारों को खाद्यान्न मिल चुका है।