जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: ‘फ्रोजन फूड पैकेजिंग’ के संपर्क में आने से आप कोरोना वायरस का शिकार हो सकते हैं। चाइनीज सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है। चीन ने इस साल सितंबर में 19 देशों की 56 कंपनियों से आए रेफ्रिजेरेटेड फूड को सस्पेंड कर दिया था, जहां कुछ स्टाफ मेंबर्स कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे।
CDC ने अपने बयान में बताया कि उन्हें फ्रोजन फूड पैकेजिंग (पैकेट में बंद रेफ्रिजेरेटेड फूड) पर एक्टिव कोरोना वायरस मिला है। यह घटना उस वक्त सामने आई जब CDC पिछले सप्ताह क्विंगदाओ में आए कोविड-19 के प्रकोप की वजह को खंगालने में जुटा हुआ था।
यह पहली ऐसी घटना है जहां एक पब्लिक ऑथोरिटी ने स्वीकार किया है कि फ्रोजन फूड पैकेजिंग के जरिए जीवित कोरोना वायरस काफी दूर तक फैल सकता है और लोगों को संक्रमित कर सकता है। इस हालिया बयान से पहले CDC ने फ्रोजन फूड पैकेजिंग से कोविड-19 अनुवांशिकता के कुछ सैम्पल लिए थे।
हालांकि फ्रोजन फूड पैकेजिंग पर मिले सैम्पल में बेहद कम अमाउंट में वायरस मिला था और जिंदा वायरस को इससे अलग नहीं किया गया। चीन से फैली ये बीमारी कई देशों की तुलना में अभी भी काफी नियंत्रण में है। देश में कोरोना के सिर्फ 85 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं और 46,00 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
हालांकि CDC ने इस पर कोई कमेंट नहीं किया कि वर्कर्स फ्रोजन फूड पैकेजिंग से कोरोना के संपर्क में आए या फिर उन्हें कहीं और से संक्रमण हुआ और उन्होंने बाद में फूड पैकेजिंग को दूषित किया। अपने बयान में CDC ने कहा, ‘फ्रोजन फूड पैकेजिंग’ के संपर्क में आने से किसी ग्राहक में कोविड-19 के संक्रमण की पुष्टि भी नहीं हुई है।
चीन पब्लिक ऑथोरिटी ने आगे जोड़ते हुए एक समाचार एजेंसी को बताया है कि ऐसा होने की संभावना काफी कम है। हालांकि, रेफ्रिजेरेटेड फूड पैकेजिंग प्रोसेस में काम करने वाले लोगों को सख्त सावधानी और एहतियात बरतने की सलाह दी है।
एक्सपर्ट्स ने पहले भी सूचित किया था कि कम तापमान में कोरोना ही नहीं बल्कि कोई भी वायरस ज्यादा देर तक सर्वाइव कर सकता है। ऐसे में किसी प्रोडक्ट के सरफेस पर रहने वाले कोरोना वायरस की लाइफ रेफ्रीजेरेटर में रहने से ज्यादा हो सकती है यानी वो ज्यादा देर तक एक्टिव रह सकता है।