Friday, April 19, 2024
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गांधी आश्रम: जमीन की लीज निरस्त

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जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: क्षेत्रीय गांधी आश्रम की जमीन लीज पर देने के मामले में राज्य निदेशक ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है, जिसमें राज्य निदेशक ने जमीन की लीज को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी है। यही नहीं, लीज करने के मामले में स्पष्टीकरण एवं प्रकरण में प्रबंध समिति की बैठक आदि की कार्रवाई से संबंधित प्रपत्र तथा लीज की सत्यापित प्रति पत्र प्राप्ति के एक सप्ताह के अंदर कार्यालय को भेजे।

यही नहीं, यह भी पूछा गया कि आयोग की बिना अनुमति के कैसे गांधी आश्रम की जमीन को लीज पर दे दिया गया? यह भी चेतावनी दी गई कि इस प्रकरण में संलिप्त पदाधिकारियों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाए। आयोग के राज्य निदेशक के पत्र से गांधी आश्रम समिति में हड़कंप मच गया है।

बता दें, गांधी आश्रम की कीमती जमीन को लेकर जनवाणी लगातार खबरें प्रकाशित कर रहा हैं, जिसके बाद ही आयोग के अधिकारी हरकत में आये तथा पूरे खेल का पटाक्षेप हो गया। सुरेन्द्र कुमार वाजपेयी ने गांधी आश्रम की जमीन को लीज पर देने की शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि 25 करोड़ की सम्पत्ति को पांच करोड़ रुपये में लंबी अवधि के लिए लीज पर दे दी गई थी।

इस मामले में क्षेत्रीय गांधी आश्रम के सचिव पृथ्वी सिंह रावत को अधिकार पत्र दिया गया हैं, जिसके सिलसिले में 22 अप्रैल को सम्पत्ति को मेसर्स रेनुका आशियाना प्राइवेट लि. 239 असोड़ा हाउस पश्चिमी कचहरी रोड मेरठ को पांच करोड़ अग्रिम धनराशि व 1.80 लाख प्रतिमाह किराये पर दे दिया गया था, जिसके सापेक्ष 22 अपै्रल को ही उक्त फर्म द्वारा खाते में दो करोड़ आरटीसीजीएस किया गया हैं।

इस पर राज्य निदेशक ने सवाल उठाते हुए कहा है कि गांधी आश्रम नौ शाहनजफ रोड हजरतगंज लखनऊ की प्रबंध समिति दिसंबर 2020 में अभी तक पंजीकृत नहीं है तो इस तरह का निर्णय संस्था के पदाधिकारियों द्वारा कैसे लिया जा सकता है? इसमें अधिकार पत्र दिया जाना दोनों ही विधि मान्य नहीं है। क्योंकि इस प्रकार के किसी भी प्रकार के कार्य को करने से पूर्व खादी और ग्रामोद्योग आयोग की अनुमति लेना आवश्यक होता है, लेकिन गांधी आश्रम समिति ने इसका अनुमति ही नहीं ली गई।

यह कार्य एक तरह से नियमों के विरुद्ध है तथा आयोग के दिशा निर्देश्यों का उल्लंघन है। इसमें गांधी आश्रम समिति के खिलाफ कठोर कार्रवाई क्यों नहीं की जाए। जमीन लीज पर देने का मामला तूल पकड़ गया है। ऐतिहासिक गांधी आश्रम की जमीन पर शहर के सीए पंकज गुप्ता की निगाहें लगी हुई थी। एक तरह से इस जमीन को कब्जाने के लिए यह सब षडयंत्र किया गया था। इससे पहले भी इस जमीन को बेचने का प्रयास किया गया था।

पहले भी इसको लेकर बवाल हो चुका हैं। गांधी आश्रम की ऐतिहासिक जमीन हैं, जिस पर शहर के भू-माफियाओं की निगाहें लगी हुई है। आरोप है कि पंकज गुप्ता पर पहले भी शहर में कई स्थानों पर जमीन औने-पौने दाम पर कब्जाने के आरोप हैं। अब इस मामले में भी उनकी खासी किरकिरी हो रही है।

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